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विधानसभा मॉनसून सत्र 2023: पहले दिन चंदन रामदास को दी गई श्रद्धांजलि, कल तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित - Chandan Ram Das

Uttarakhand Assembly Monsoon Session उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हुआ. सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक मुखर हो गए. उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेसियों का कहना था कि सरकार जनता के सवालों से भागने की कोशिश कर रही है. पूरे 1 साल में सरकार द्वारा 12 दिन भी सत्र आहूत नहीं किया गया है. सदन में पहले दिन दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास को श्रद्धांजलि दी गई. दोपहर ढाई बजे बाद सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 5, 2023, 10:59 AM IST

Updated : Sep 5, 2023, 7:07 PM IST

उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र शुरू

देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा मानसून सत्र 2023 शुरू हो गया है. सुबह 11 बजे सदन शुरू होते ही पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदन राम दास को सदन में मौजूद सभी सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि चंदन रामदास के निधन प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है. जो भी काम वो बागेश्वर की जनता के लिए करना चाहते थे, उनको पूरा किया जाएगा. बता दें कि, आज पहले दिन शोक के चलते प्रश्नकाल नहीं हुआ. दोपहर बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं, बुधवार 6 सितंबर को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में अनुपूरक बजट पेश करेंगे.

uttarakhand assembly session
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदन राम दास को श्रद्धांजलि देते सीएम धामी
Uttarakhand Assembly Monsoon Session
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदन राम दास को श्रद्धांजलि देते मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल

उधर, मंगलवार को सदन शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक मुखर दिखाई दिए. जोशीमठ आपदा को लेकर कांग्रेस विधायक सदन की सीढ़ियों पर बैठ गए. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कांग्रेस नेता अनुपमा रावत, हरीश धामी, राजू भंडारी, सुमित हृदेश सहित कांग्रेस के कई विधायक विधानसभा भवन के बाहर अपने हाथों में लिखी नारों की तख्तियां के साथ धरना प्रदर्शन करते नजर आए. इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने धामी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
पढ़ें-खास होगा उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, पटल पर रखे जाएंगे कई विधेयक, अनुपूरक बजट पर भी रहेगी नजर

इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि 360 दिनों में 60 दिन विधानसभा सत्र चलने की जो नियमावली है, उसका सीधे-सीधे उल्लंघन किया जा रहा है. पूरे 1 साल में सरकार द्वारा 12 दिन भी सत्र आहूत नहीं किया गया है, जो दिखाता है कि सरकार जनता के सवालों से कितना भागने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेता अनुपम रावत ने कहा कि उनके हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आपदा से बुरा हाल है और सरकार द्वारा इस पर अनदेखी करते हुए विधानसभा सत्र में जनता की आवाज उठाने का मौका नहीं दिया जा रहा है. वहीं कांग्रेस नेता हरीश धामी का कहना है कि प्रदेश में महंगाई, आपदा और तमाम ऐसे विषय हैं, जिन पर सरकार जवाब देने से बच रही है.आज उनका पूरा प्रयास होगा कि वह सरकार से इन विषयों पर जवाब तलब करें.
पढ़ें- विधायक सुमित हृदयेश ने मॉनसून सत्र को बताया दिखावा, कहा- अपनी जिम्मेदारी से भाग रही सरकार

वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि आज विधानसभा सदन में दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास को श्रद्धांजलि दी जानी है. लिहाजा इस मौके पर कांग्रेस को इस तरह की राजनीति से बाज आना चाहिए. इससे पता लगता है कि विपक्ष की संवेदनाएं खत्म हो चुकी हैं. प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि आज तमाम सदस्य चंदन रामदास को अपनी श्रद्धांजलि देंगे तो वहीं कल सदन में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. इसके अलावा विधानसभा सत्र के दौरान कई संशोधन विधेयक भी पेश किए जाएंगे.

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पहले दिन सदन में नहीं हुआ प्रश्नकाल: सदन के पहले दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदनराम दास के निधन पर शोक के कारण प्रश्नकाल नहीं हुआ. अगले दिन यानी 6 सितंबर को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में अनुपूरक बजट पेश करेंगे. इसके साथ ही वित्त विभाग की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट, राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य विधेयक व लेखा प्रत्यावेदन रिपोर्ट को सदन में रखा जाएगा. इसी दिन सरकार को विपक्ष के सवालों का सामना भी करना होगा. बता दें कि विधानसभा सचिवालय को विधायकों के 614 प्रश्न मिले हैं. वहीं 7 सितंबर को जन्माष्टमी पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा और सत्र के अंतिम दिन 8 सितंबर को सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद उसे पारित किया जाएगा.
पढ़ें- खास होगा उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, पटल पर रखे जाएंगे कई विधेयक, अनुपूरक बजट पर भी रहेगी नजर

जानें क्या होता है अनुपूरक बजट: अनुपूरक बजट को सप्लीमेंट्री बजट भी कहते हैं. धामी सरकार इस सत्र में विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करेगी. दरअसल, मुख्य बजट के समय लाए गए बजट के बाद प्रदेश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अनुपूरक बजट लाया जाता है. इसमें नई योजनाओं को भी जोड़ा जाता है जिससे अलग से बजट की जरूरत पड़ती है. यह बजट अगले वित्तीय वर्ष यानी मार्च तक के लिए विभागों को दिया जाता है.

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वहीं, अनुपूरक बजट से इतर दो और बजट विधानसभा में पेश होते हैं. इनमें से एक तो मुख्य बजट होता है जिसे आम बजट कहते हैं. इस बजट से पूरे साल के लिए सरकार की ओर से बजट पेश किया जाता है. वहीं, एक और बजट होता है जिसे लेखा अनुदान कहते हैं. इस बजट को वोट ऑन अकाउंट बजट भी कहा जाता है. लेखा अनुदान बजट सदन में उस स्थिति में पेश होता है जब या तो तत्काल सरकार बनी हो, या चुनाव नजदीक हों या फिर सरकार अनिश्चित हो और उनके पास पूरे बजट की तैयारी का सही समय नहीं मिले. ऐसी स्थिति में वोट ऑन अकाउंट या लेखा अनुदान बजट सदन में प्रस्तुत किया जाता है.

उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र शुरू

देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा मानसून सत्र 2023 शुरू हो गया है. सुबह 11 बजे सदन शुरू होते ही पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदन राम दास को सदन में मौजूद सभी सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि चंदन रामदास के निधन प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है. जो भी काम वो बागेश्वर की जनता के लिए करना चाहते थे, उनको पूरा किया जाएगा. बता दें कि, आज पहले दिन शोक के चलते प्रश्नकाल नहीं हुआ. दोपहर बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं, बुधवार 6 सितंबर को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में अनुपूरक बजट पेश करेंगे.

uttarakhand assembly session
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदन राम दास को श्रद्धांजलि देते सीएम धामी
Uttarakhand Assembly Monsoon Session
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदन राम दास को श्रद्धांजलि देते मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल

उधर, मंगलवार को सदन शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक मुखर दिखाई दिए. जोशीमठ आपदा को लेकर कांग्रेस विधायक सदन की सीढ़ियों पर बैठ गए. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कांग्रेस नेता अनुपमा रावत, हरीश धामी, राजू भंडारी, सुमित हृदेश सहित कांग्रेस के कई विधायक विधानसभा भवन के बाहर अपने हाथों में लिखी नारों की तख्तियां के साथ धरना प्रदर्शन करते नजर आए. इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने धामी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
पढ़ें-खास होगा उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, पटल पर रखे जाएंगे कई विधेयक, अनुपूरक बजट पर भी रहेगी नजर

इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि 360 दिनों में 60 दिन विधानसभा सत्र चलने की जो नियमावली है, उसका सीधे-सीधे उल्लंघन किया जा रहा है. पूरे 1 साल में सरकार द्वारा 12 दिन भी सत्र आहूत नहीं किया गया है, जो दिखाता है कि सरकार जनता के सवालों से कितना भागने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेता अनुपम रावत ने कहा कि उनके हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आपदा से बुरा हाल है और सरकार द्वारा इस पर अनदेखी करते हुए विधानसभा सत्र में जनता की आवाज उठाने का मौका नहीं दिया जा रहा है. वहीं कांग्रेस नेता हरीश धामी का कहना है कि प्रदेश में महंगाई, आपदा और तमाम ऐसे विषय हैं, जिन पर सरकार जवाब देने से बच रही है.आज उनका पूरा प्रयास होगा कि वह सरकार से इन विषयों पर जवाब तलब करें.
पढ़ें- विधायक सुमित हृदयेश ने मॉनसून सत्र को बताया दिखावा, कहा- अपनी जिम्मेदारी से भाग रही सरकार

वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि आज विधानसभा सदन में दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास को श्रद्धांजलि दी जानी है. लिहाजा इस मौके पर कांग्रेस को इस तरह की राजनीति से बाज आना चाहिए. इससे पता लगता है कि विपक्ष की संवेदनाएं खत्म हो चुकी हैं. प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि आज तमाम सदस्य चंदन रामदास को अपनी श्रद्धांजलि देंगे तो वहीं कल सदन में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. इसके अलावा विधानसभा सत्र के दौरान कई संशोधन विधेयक भी पेश किए जाएंगे.

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पहले दिन सदन में नहीं हुआ प्रश्नकाल: सदन के पहले दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व0 चंदनराम दास के निधन पर शोक के कारण प्रश्नकाल नहीं हुआ. अगले दिन यानी 6 सितंबर को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में अनुपूरक बजट पेश करेंगे. इसके साथ ही वित्त विभाग की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट, राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य विधेयक व लेखा प्रत्यावेदन रिपोर्ट को सदन में रखा जाएगा. इसी दिन सरकार को विपक्ष के सवालों का सामना भी करना होगा. बता दें कि विधानसभा सचिवालय को विधायकों के 614 प्रश्न मिले हैं. वहीं 7 सितंबर को जन्माष्टमी पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा और सत्र के अंतिम दिन 8 सितंबर को सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद उसे पारित किया जाएगा.
पढ़ें- खास होगा उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, पटल पर रखे जाएंगे कई विधेयक, अनुपूरक बजट पर भी रहेगी नजर

जानें क्या होता है अनुपूरक बजट: अनुपूरक बजट को सप्लीमेंट्री बजट भी कहते हैं. धामी सरकार इस सत्र में विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करेगी. दरअसल, मुख्य बजट के समय लाए गए बजट के बाद प्रदेश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अनुपूरक बजट लाया जाता है. इसमें नई योजनाओं को भी जोड़ा जाता है जिससे अलग से बजट की जरूरत पड़ती है. यह बजट अगले वित्तीय वर्ष यानी मार्च तक के लिए विभागों को दिया जाता है.

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वहीं, अनुपूरक बजट से इतर दो और बजट विधानसभा में पेश होते हैं. इनमें से एक तो मुख्य बजट होता है जिसे आम बजट कहते हैं. इस बजट से पूरे साल के लिए सरकार की ओर से बजट पेश किया जाता है. वहीं, एक और बजट होता है जिसे लेखा अनुदान कहते हैं. इस बजट को वोट ऑन अकाउंट बजट भी कहा जाता है. लेखा अनुदान बजट सदन में उस स्थिति में पेश होता है जब या तो तत्काल सरकार बनी हो, या चुनाव नजदीक हों या फिर सरकार अनिश्चित हो और उनके पास पूरे बजट की तैयारी का सही समय नहीं मिले. ऐसी स्थिति में वोट ऑन अकाउंट या लेखा अनुदान बजट सदन में प्रस्तुत किया जाता है.

Last Updated : Sep 5, 2023, 7:07 PM IST
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