देहरादून: राजधानी देहरादून के क्लेमेनटाउन थाना क्षेत्र में बीती 13 जून को हुई दंपति की हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. दंपति की हत्या का आरोपी कोई और नही, बल्कि करीबी रिश्तेदार ही निकाला, जिसने पुरानी रंजिश के चलते दंपति की हत्या की थी. पुलिस ने बताया हत्या का आरोपी मृतक का साला है. उसी ने अपनी बहन और बहनोई की हत्या की है. देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने पूरे मामले का खुलासा किया.
दंपति की लाशों के बीच पड़ा था नवजात: देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि बीती 13 मई को क्लेमेनटाउन थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि टर्नर रोड स्थित एक घर में से काफी बदबू आ रही है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा तो कमरे का दरवाजा बाहर के बंद था. वहीं पिछला गेट अंदर से बंद था. पुलिस ने जैसे-तैसे दरवाजे की जाली काटकर कुंडी खोली और कमरे में अंदर गई तो वहां दंपति के शव पड़े थे. दोनों के शव देखकर लग रहा था कि उनकी मौत दो से तीन पहले हुई हैं. लाशों में कीड़े पड़ चुके थे. लाशों के बीच नवजात बच्चा जीवित पड़ा हुआ था, जिसे पुलिस ने तुंरत 108 की मदद से हॉस्पिटल भिजवाया.
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#खुलासा
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क्लेमेन्टाउन क्षेत्र में हुए डबल मर्डर का #दून_पुलिस ने किया खुलासा,
घटना को अंजाम देने वाले अभियुक्त को क्लेमेन्टाउन पुलिस ने किया गिरफ्तार🔗#UttarakhandPolice #UKPoliceStrikeOnCrime#Crime#apraadhparprahaar pic.twitter.com/ZbfSN9T00o
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महिला ने चार दिन पहले दिया था बच्चे को जन्म: दंपति की शिनाख्त सहारनपुर निवासी कासिफ और उसकी पत्नी अनम के रूप में हुई, जो देहरादून के क्लेमेनटाउन थाना क्षेत्र किराए के मकान में रहते थे. परिजनों ने पुलिस को बताया कि अनम, कासिफ की दूसरी पत्नी थी. अनम ने चार दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया था. कासिफ की पहली बीवी नुसरत सहारनपुर में ही रहती है.
पहले मामला आत्महत्या का लगा था: कासिफ की पहली पत्नी नुसरत ने पुलिस को बताया कि उसकी अपने पति से 9 जून की रात को बात हुई थी, तब उसने कहा था कि वो 10 जून को गांव आएगा, उसे किसी के पांच लाख रुपए उधार देने हैं. इससे पहले भी वो उस व्यक्ति से दो बार पैसे वापस करने के लिए समय ले चुका है. प्रथम दृष्यता परिजनों ने भी आत्महत्या का ही मामला लगा था, इसलिए उन्होंने भी किसी पर शक नहीं जताया था. लेकिन पुलिस को कुछ मामला संदिग्ध लग रहा था, इसलिए पुलिस ने मामले की जांच जारी रखी.
सफेद कार से खुला राज: दोनों की मौत कैसे हुई इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने एक टीम गठित की गई. इस टीम ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाले. सीसीटीवी कैमरों में एक कार 12 जून की रात घटनास्थल पर आती और जाती हुई दिखाई दी. मृतकों के परिजनों से कार में बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि ये कार अशवद की है.
परिजनों ने दर्ज कराया मुकदमा: इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए अशवद को बुलाया. उसने पुलिस को बताया कि उसकी कार 12 जून की रात को शहवाज लेकर गया था. शहवाज मृतका अनम का भाई है. पुलिस ने जब शहवाज को फोन किया था, उसका फोन बंद आ रहा था. हालांकि, अगले दिन जैसे ही वो वापस लौटा तो पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि वो छुटमलपुर पार्टी में गया था. इसके बाद मृतकों के परिजनों ने शहवाज पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया.
शहवाज ने कबूल किया जुर्म: पुलिस ने जब शक के आधार पर शहवाज से पूछताछ की तो उनसे उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया. हालांकि, जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने सारा सच पुलिस को बता दिया. शहवाज ने पुलिस को बताया कि उसने 10 जून को ही अपनी बहन अनम और बहनोई कासिफ की हत्या कर दी थी. 12 जून को वैसे ही देखने गया था कि वहां पर क्या चल रहा है. हत्या के बाद शहवाज ने खून से सने अपने कपड़े आशारोड़ी के जंगल फेंक दिए थे, जिन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया है.
हत्या का कारण: एसएसपी दलीप सिंह कुंवर के मुताबिक, शहवाज ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो दो भाई और एक बहन है. सबसे बड़े भाई का नाम शादाब है और बहन का नाम अनम था, जिसकी उसने हत्या कर दी है. शहवाज की मां का नाम शहनाज है, जो उन्हें बचपन में ही छोड़कर चली गई थी और उन्होंने दूसरी शादी कर ली थी. तीनों भाई-बहन का उनके पिता ने ही पालन-पोषण किया था. शहवाज के पिता हाइड्रा चलाते थे. पिता की मौत करीब 10 साल पहले हाइड्रा मशीन के नीचे दबने से हो गई थी.
शहवाज की मां उसे बचपन ही छोड़ गई थी: पुलिस ने बताया कि शहवाज को शक था कि उसके पिता की मौत हादसा नहीं थी, बल्कि अशवद ने उनके पिता को जानबूझकर हाइड्रा से टक्कर मारकर मारा था. अशवद उनके गांव का ही रहने वाला था और उसके बहनोई कासिफ के ताऊ का बेटा है. शहवाज ने पुलिस को बताया कि कासिफ की उन दोनों भाइयों से अच्छी दोस्ती थी, वो अक्सर उनके घर आया जाया करता था.
नाबालिग लड़की को भागने के आरोप में जा चुका है जेल: शहवाज ने पुलिस को बताया कि उसे एक लड़की से प्यार हो गया था, जो उस समय 9वीं क्लास में पढ़ती थी. साल 2021 में वो लड़की को भगाकर प्रयागराज ले गया था, लेकिन लड़की के नाबालिग होने के कारण उसकी शादी नहीं हो पाई. इस मामले में नाबालिग लड़की के घरवालों ने शहवाज और उसके भाई के साथ कासिफ के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करा दिया था. पुलिस ने शहवाज और उसके भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. दोनों भाई अभी जमानत पर बाहर हैं.
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कासिफ ने शहवाज की बहन को फंसाया: शहवाज ने पुलिस को बताया कि जब वो और उसका भाई जेल में थे, तभी कासिफ उनके घर आता-जाता था. इस दौरान कासिफ ने उनकी बहन अनम को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया. जेल से बाहर आने के बाद उसे गांव वालों से दोनों के बारे में पता चला. शहवाज ने कासिफ को घर आने से मना कर दिया था, लेकिन कासिफ ने उसकी बहन की कुछ वीडियो बना ली थी. ऐसे में वो जैसे भी कहता उसकी बहन वैसा ही करती थी.
बहन का शादी से खुश नहीं था शहवाज: कासिफ पहले ही शादीशुदा था, उसके बाद भी वो उसकी बहन को भागकर ले गया और कोर्ट मैरिज कर ली. शहवाज ने कासिफ के खिलाफ सहारनपुर के नागल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन उसकी बहन ने डर के मारे कासिफ के खिलाफ गवाही नहीं दी. फिर पुलिस ने उसकी बहन को मौसा के सुपुर्द कर दिया था और मौसा ने उसका निकाह कासिफ से करा दिया.
बेइज्जती नहीं हुई बर्दाश्त: कासिफ और अनम के निकाह से गांव में उनकी काफी बेइज्जती हुई थी, इसलिए उसने तभी सोच लिया था कि वो कासिफ को जिंदा नहीं छोड़ेगा. प्लान के मुताबिक, शहवाज ने कासिफ से दोस्ती की और उसके घर भी आने-जाने लगा था. इसी बीच शहवाज को पता चला कि उसकी बहन अनम के नाम जो तीन बीघा जमीन थी, वो भी कासिफ ने कुछ दिन पहले गिरवी रखवा ली थी और गांव में ये बात फैला दी जमीन के आधे पैसे उसने खुद रख लिए और आधे उन्हें दे दिए हैं.
ऐसे दिया घटना को अंजाम: आरोपी शहवाज लगातार कासिफ को मारने का प्लान बना रहा था. इसी प्लान के तहत 7 जून को कासिफ ने शहवाज को उत्तरकाशी में अपनी हाइड्रा मशीन पलटने और उसके साथ उत्तरकाशी चलने की बात कही. 7 जून को दोनों मोटरसाइकिल पर सहारनपुर से देहरादून आए और देहरादून से स्विफ्ट डिजायर कार से दोनों रात को ही उत्तरकाशी के लिये निकले गए.
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पहला प्लान फेल हुआ: उत्तरकाशी पहुंचने पर कासिफ को अनम ने फोन कर बताया कि उसे प्रसव का दर्द उठ रहा है. फिर कासिफ ने मोहल्ले की आशा को फोन कर उसके साथ अनम को अस्पताल भेज दिया. इसके बाद दोनों उत्तरकाशी से वापस देहरादून लौट गये थे. उस दिन भी शहवाज कासिफ को मारने की फिराक में था, लेकिन उस दिन अनम को पता था कि कासिफ उसके साथ गया है, इसलिए उसने प्लॉन को टाल दिया. उसके बाद वह वापस अपने गांव चला गया.
शहवाज ने पुलिस को बताया कि जब देहरादून में अनम ने बच्चे को जन्म दिया तो गांव में लोग उसके मामा बनने पर तरह-तरह की बातें कर रहे थे जिससे वह अधिक गुस्से में आ गया था और 9 जून को कासिफ को फोन कर 10 जून को उत्तरकाशी चलने की बात कही. 10 जून को शहवाज गणेशपुर मोहंड साइड पर अपने दोस्त के कमरे में चला गया, जहां उसने अपना फोन बंद कर दिया था और रात मे कासिफ के कमरे पर पहुंच गया.
चाकू के काटा कासिफ का गला: रात के समय कासिफ और शहवाज जमीन पर सो गये और अनम ऊपर बेड पर सो रही थी. रात में मौका देखकर शहवाज किचन में गया और वहां से एक चाकू लाकर जमीन पर सोए कासिफ की गर्दन पर उससे वार कर दिया, जिससे वह बेसुध हो गया. उसकी गर्दन से काफी खून बहने लगा. इसी बीच अनम उठ गई और चिल्लाने लगी. शहवाज ने एक हाथ से अनम का मुंह दबाकर दूसरे हाथ से उसका गला दबा दिया, जिससे वो भी मर गई. फिर शहवाज ने उसको भी नीचे जमीन पर लेटा दिया.
इसके बाद दीवार पर जो खून लगा था शहवाज ने उसे साफ किया और बच्चे को भी कासिफ के दोनों पांव के बीच में रख दिया. शहवाज ने सोचा था कि बच्चा खुद मर जाएगा. उसके बाद शहवाज ने अपने कपड़े बदले और कमरे के बाहर ताला लगाकर वहां से वापस अपने दोस्त के कमरे में आ गया. रास्ते में उसने आशारोड़ी के जंगलों में खून लगे हुए कपड़े एक पन्नी में बांधकर फेंक दिये. दोस्त शुभम (जो उसे जेल में मिला था) के कमरे पर लौटने के बाद शहवाज ने उसको घटना के बारे में बताया.
12 जून को शुभम को लेकर वह अशवद (कासिफ के ताऊ का लड़का) की गाड़ी से दोबारा टर्नर रोड से होते हुए कासिफ के कमरे पर आया और ताला खोलकर देखा तो काफी बदबू आ रही थी और शव भी फूल गए थं. इसके बाद दोनों ताला बंदकर वहां से मिर्जापुर वाले रास्ते से बेहट होते हुए सुबह गणेशपुर साइट पर कमरे मे पहुंच गये, जहां अशवद जगा हुआ था. अशवद के पूछने पर उसे छुटमलपुर पार्टी में जाना बताया उसके बाद वो सहारनपुर चला गया था.