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कांग्रेस को फिर याद आया गैरसैंण, स्थाई राजधानी बनाने का किया वादा

उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा राज्य सरकार के लिए जी का जंजाल बन गया है. अब गैरसैंण को लेकर कांग्रेस ने नया वादा किया है.

गैरसैंण
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Published : Nov 11, 2019, 8:58 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 10:17 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड 9 नवंबर को अपने 20वें साल में प्रवेश कर चुका है, लेकिन आज तक प्रदेश को स्थायी राजधानी नहीं मिली है. ऐसे में एक बार फिर सत्ता से बाहर बैठी कांग्रेस को स्थाई राजधानी की याद आने लगी है. उत्तराखंड की स्थाई राजधानी कहां बनेगी, यह आज भी एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है. हालांकि अब कांग्रेस ने इस पहेली को सुलझाने का दावा किया है. कांग्रेस के एक बड़े नेता ने बयान दिया है कि सत्ता में वापसी करने के बाद वो उत्तराखंड को स्थाई राजधानी देंगे.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्मान ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाया जाएगा. धस्मान के वादे में कितनी सच्चाई है ये तो कांग्रेस के सत्ता में आने बाद ही पता चलेगा. ये अलग बात है कि 10 सालों तक प्रदेश की सत्ता में काबिज रही कांग्रेस ने स्थायी राजधानी के नाम पर सिर्फ राजनीति की है, दिया कुछ नहीं.

कांग्रेस को फिर याद आया गैरसैंण

कांग्रेस के वादे पर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी विधायक खजान दास ने कहा कि हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस को जो करारी हार मिली है, उससे वो सदमे में है. कांग्रेस इस वक्त आईसीयू में है. इसलिए कांग्रेस जनता को गुमराह करने वाले बयान दे रही है.

पढ़ें- पौड़ी पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र, नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों से की मुलाकात

बीजेपी गैरसैंण पर क्या सोचती है इस पर उन्होंने कहा कि इस वक्त पार्टी सत्ता में है और गैरसैंण राजधानी स्थाई हो या अस्थाई इसका फैसला जल्द बीजेपी लेगी.

वहीं प्रदेश के एक मात्र क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि इन 19 सालों में बीजेपी और कांग्रेस बारी-बारी से सत्ता में आए हैं, लेकिन दोनों ने सिर्फ स्थायी राजधानी के मुद्दे पर बात ही की है. हालांकि उन्होंने भी कांग्रेस की तरह दावा किया है कि यदि वो सत्ता में आए तो 24 घंटे के भीतर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की घोषणा कर देंगे.

पढ़ें- 29 नवंबर को अयोध्या जाएंगे हरदा

उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा राज्य सरकार के लिए जी का जंजाल बन गया है. सत्तारूढ़ बीजेपी चाहकर भी इस मुद्दे से निपट नहीं पा रही है. एक तरफ जहां विपक्षी दल गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने को लेकर राज्य सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं, वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार यह तय नहीं कर पा रही है कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाया जाए या नहीं.

देहरादून: उत्तराखंड 9 नवंबर को अपने 20वें साल में प्रवेश कर चुका है, लेकिन आज तक प्रदेश को स्थायी राजधानी नहीं मिली है. ऐसे में एक बार फिर सत्ता से बाहर बैठी कांग्रेस को स्थाई राजधानी की याद आने लगी है. उत्तराखंड की स्थाई राजधानी कहां बनेगी, यह आज भी एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है. हालांकि अब कांग्रेस ने इस पहेली को सुलझाने का दावा किया है. कांग्रेस के एक बड़े नेता ने बयान दिया है कि सत्ता में वापसी करने के बाद वो उत्तराखंड को स्थाई राजधानी देंगे.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्मान ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाया जाएगा. धस्मान के वादे में कितनी सच्चाई है ये तो कांग्रेस के सत्ता में आने बाद ही पता चलेगा. ये अलग बात है कि 10 सालों तक प्रदेश की सत्ता में काबिज रही कांग्रेस ने स्थायी राजधानी के नाम पर सिर्फ राजनीति की है, दिया कुछ नहीं.

कांग्रेस को फिर याद आया गैरसैंण

कांग्रेस के वादे पर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी विधायक खजान दास ने कहा कि हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस को जो करारी हार मिली है, उससे वो सदमे में है. कांग्रेस इस वक्त आईसीयू में है. इसलिए कांग्रेस जनता को गुमराह करने वाले बयान दे रही है.

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बीजेपी गैरसैंण पर क्या सोचती है इस पर उन्होंने कहा कि इस वक्त पार्टी सत्ता में है और गैरसैंण राजधानी स्थाई हो या अस्थाई इसका फैसला जल्द बीजेपी लेगी.

वहीं प्रदेश के एक मात्र क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि इन 19 सालों में बीजेपी और कांग्रेस बारी-बारी से सत्ता में आए हैं, लेकिन दोनों ने सिर्फ स्थायी राजधानी के मुद्दे पर बात ही की है. हालांकि उन्होंने भी कांग्रेस की तरह दावा किया है कि यदि वो सत्ता में आए तो 24 घंटे के भीतर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की घोषणा कर देंगे.

पढ़ें- 29 नवंबर को अयोध्या जाएंगे हरदा

उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा राज्य सरकार के लिए जी का जंजाल बन गया है. सत्तारूढ़ बीजेपी चाहकर भी इस मुद्दे से निपट नहीं पा रही है. एक तरफ जहां विपक्षी दल गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने को लेकर राज्य सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं, वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार यह तय नहीं कर पा रही है कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाया जाए या नहीं.

Intro:उत्तराखंड राज्य गठन को 19 साल बीत जाने के बाद भी गैरसैंण में स्थाई राजधानी बनाए जाने का मामला पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। इसके पीछे भी सत्ता का सुख भोगने वाली बीजेपी और कांग्रेस पार्टी की पूरी तरह से जिम्मेदार है, दरअसल 9 नवंबर 2000 को राज्य संयुक्त प्रांत से अलग राज्य गठन होने के दौरान तत्कालीन केंद्र सरकार ने उत्तराखंड राज्य की स्थाई राजधानी कहां होगी, इसकी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं की थी। नतीजा 19 सालों का एक लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी उत्तराखंड की स्थाई राजधानी कहां बनेगी, यह आज भी एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है। आखिर क्या है राजधानी गैरसैण को लेकर पार्टियों का दावा देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट................ 


Body:एक बार फिर गैरसैण में स्थाई राजधानी बनाए जाने का मुद्दा चर्चाओ में आ गया है, पर्वतीय क्षेत्रों की जनता की भावनाओं से जुड़े गैरसैण में राजधानी का मामला सुर्खियों में आने की वजह कांग्रेस के नेताओं का बयान है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर गैरसैंण में स्थाई राजधानी बनाने का दावा किया है। हालांकि बीजेपी हो या फिर कांग्रेस दोनों ही पार्टी अभी तक गैरसैंण में स्थाई राजधानी बनाए जाने का अक्सर माइलेज लेती रही है। सियासी जानकारों की माने तो जो दल विपक्ष में होता है अक्सर वही स्थाई राजधानी गैरसैंण में बनाने का दावा करता है लेकिन सत्ता में आते ही सत्ताधारी पार्टी के जिम्मेदार नेता इस मुद्दे से अनजान बन जाते हैं। गैरसैण राजधानी बनाए जाने को लेकर बीजेपी ने गैरसैण में विधानसभा का सत्र आहूत किया तो कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी गैरसैण में ना सिर्फ विधानसभा सत्र आहूत किया, बल्कि गैरसैंण में इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने का भी खूब दावा किया। 


उत्तराखंड क्रांति दल के नेता बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही गैरसैण में स्थाई राजधानी नहीं बनने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार मानते हैं। गैरसैण में विधानसभा भवन का बनना अधिकारी, कर्मचारियों के आवास का बनना विधानसभा सत्र का होना और कैबिनेट बैठक का आयोजन होने के बाद प्रदेश के जनमानस को यह उम्मीद जगने लगी थी, कि शायद अब गैरसैण में स्थाई राजधानी की घोषणा हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पक्ष-विपक्ष ने तमाम दावे किए और गैरसैण में राजधानी बनाने के बड़े-बड़े ख्वाब भी प्रदेश के जनमानस को खूब दिखाएं। लेकिन गैरसैण में स्थाई राजधानी बनाए जाने की घोषणा नहीं कर पाई। 


कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने एक बार फिर इस बात का दावा किया है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर एक क्रमबद्ध तरीके से गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने के लिए कार्य करेगी, तो क्या यह मान लिया जाए कि कांग्रेस नेता का यह बयान सिर्फ और सिर्फ सियासी बयान है या फिर कांग्रेस पार्टी सियासी माइलेज के लिए अपने नेताओं से इस तरीके की बयान बाजी करवा रही है। 

बाइट -  सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस 


वही बीजेपी नेता खजान दास ने गैरसैण मामले को लेकर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की गैरसैण पर जो राय होगी, वही उनकी भी राय होगी। साथ ही उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि बीजेपी इस वक्त सत्ता में है और गैरसैण राजधानी स्थाई हो या अस्थाई इसका फैसला बीजेपी लेगी। यही नहीं खजानदास ने  सूर्यकांत धस्माना पर गैरसैण के मामले को लेकर पलटवार करते हुए कहां की कॉन्ग्रेस को हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मिली करारी हार के बाद बड़ा सदमा लगा है और कांग्रेस आईसीयू में है, इसलिए जनता को गुमराह करने वाले कांग्रेस बयान दे रही है। 

बाइट - खजान दास, प्रदेश महामंत्री, बीजेपी


तो वही क्षेत्रीय राजनीतिक दल उत्तराखंड क्रांति दल का मानना है कि गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाए जाने को लेकर राज्य गठन से आज तक का इतिहास रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस चुनावी लाभ लेने के लिए गैरसैण का राग अलापते हैं। उत्तराखंड क्रांति दल यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री शांति प्रसाद भट्ट ने कहां की प्रदेश की जनता ने बीजेपी और कांग्रेस को दोनों को सत्ता की कमान सौंपी, लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में हुई, तो स्थाई राजधानी का मुद्दा भूल गई। यही नहीं बीजेपी पहले भी सत्ता में रही है और मौजूदा वक्त में भी पूर्ण बहुमत की बीजेपी सरकार इस प्रदेश में है। बावजूद इसके बीजेपी ने भी गैरसैण में स्थाई राजधानी बनाए जाने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की। साथ ही उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड क्रांति दल राज्य गठन के दौरान यह संकल्प ले चुका है कि जब भी इस प्रदेश की जनता का जनादेश उत्तराखंड क्रांति दल को मिलेगा। तो उसके 24 घंटों के भीतर उत्तराखंड क्रांति दल, उत्तराखंड की राजधानी सिर्फ और सिर्फ गैरसैण में ही बनाएगी। 

बाइक - शांति प्रसाद भट्ट, केंद्रीय महामंत्री, उत्तराखंड क्रांति दल 





Conclusion:
Last Updated : Nov 11, 2019, 10:17 PM IST
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