देहरादून: उत्तराखंड 9 नवंबर को अपने 20वें साल में प्रवेश कर चुका है, लेकिन आज तक प्रदेश को स्थायी राजधानी नहीं मिली है. ऐसे में एक बार फिर सत्ता से बाहर बैठी कांग्रेस को स्थाई राजधानी की याद आने लगी है. उत्तराखंड की स्थाई राजधानी कहां बनेगी, यह आज भी एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है. हालांकि अब कांग्रेस ने इस पहेली को सुलझाने का दावा किया है. कांग्रेस के एक बड़े नेता ने बयान दिया है कि सत्ता में वापसी करने के बाद वो उत्तराखंड को स्थाई राजधानी देंगे.
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्मान ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाया जाएगा. धस्मान के वादे में कितनी सच्चाई है ये तो कांग्रेस के सत्ता में आने बाद ही पता चलेगा. ये अलग बात है कि 10 सालों तक प्रदेश की सत्ता में काबिज रही कांग्रेस ने स्थायी राजधानी के नाम पर सिर्फ राजनीति की है, दिया कुछ नहीं.
कांग्रेस के वादे पर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी विधायक खजान दास ने कहा कि हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस को जो करारी हार मिली है, उससे वो सदमे में है. कांग्रेस इस वक्त आईसीयू में है. इसलिए कांग्रेस जनता को गुमराह करने वाले बयान दे रही है.
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बीजेपी गैरसैंण पर क्या सोचती है इस पर उन्होंने कहा कि इस वक्त पार्टी सत्ता में है और गैरसैंण राजधानी स्थाई हो या अस्थाई इसका फैसला जल्द बीजेपी लेगी.
वहीं प्रदेश के एक मात्र क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि इन 19 सालों में बीजेपी और कांग्रेस बारी-बारी से सत्ता में आए हैं, लेकिन दोनों ने सिर्फ स्थायी राजधानी के मुद्दे पर बात ही की है. हालांकि उन्होंने भी कांग्रेस की तरह दावा किया है कि यदि वो सत्ता में आए तो 24 घंटे के भीतर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की घोषणा कर देंगे.
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उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा राज्य सरकार के लिए जी का जंजाल बन गया है. सत्तारूढ़ बीजेपी चाहकर भी इस मुद्दे से निपट नहीं पा रही है. एक तरफ जहां विपक्षी दल गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने को लेकर राज्य सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं, वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार यह तय नहीं कर पा रही है कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाया जाए या नहीं.