रामनगर: वन्यजीव संरक्षण की दिशा में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने एक अनूठी पहल की है. जिसके तहत कॉर्बेट पार्क के कोर एरिया से सटकर बहने वाली रामगंगा नदी के किनारे सैंड बैंड्स (रेत की पट्टी) तैयार की जा रही हैं. इससे मगरमच्छ, घड़ियाल और ओटर्स जैसे जलीय जीवों को सुरक्षित प्रजनन स्थल मिल सकेगा. यह कदम उनकी घटती संख्या को बढ़ाने और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा.
भारत के सबसे प्रतिष्ठित वन्यजीव अभयारण्यों में शामिल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से सटी रामगंगा नदी कई दुर्लभ जलीय जीवों का घर है. यहां ओटर्स, मगरमच्छ और घड़ियाल जैसे जीव पाए जाते हैं. इनकी घटती संख्या को देखते हुए पार्क प्रशासन अब विशेष सैंड बैंड्स तैयार कर रहा है, जो इनके अंडों को सुरक्षा प्रदान करेंगे और इन जीवों की आबादी बढ़ाने में मदद करेंगे.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने कहा कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि रामगंगा नदी में रहने वाले ये जीव एक सुरक्षित और अनुकूल माहौल में फल-फूल सकें. सैंड बैंड्स की मदद से उनके अंडे ज्यादा सुरक्षित रहेंगे. जिससे उनकी संख्या में बड़ा इजाफा होगा. उन्होंने कहा कि यह महत्वाकांक्षी प्रयास जलीय जीवों के संरक्षण में नया इतिहास रच सकता है. अभी यहां 197 मगरमच्छ, 183 घड़ियाल और 161 ओटर्स मौजूद हैं.
बहरहाल यह कदम इन जीवों के लिए वरदान साबित होगा. उनके अंडों की सुरक्षा और सुरक्षित जन्म के लिए यह बेहद कारगर कदम है. वन्यजीवों के लिए उठाए गए ऐसे कदम सराहनीय हैं और वाइल्ड लाइफ प्रेमियों को उम्मीद है कि आने वाले समय में इनकी संख्या में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
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