मसूरीः क्या आपको पता है, मसूरी का नाम कैसे पड़ा? आपके जहन में ये सवाल कभी-कभी आता होगा. असल में मसूरी का नाम एक पौधे से पड़ा था. इस पौधे का नाम मंसूर (मंसूरा) है. पहाड़ों की रानी में मंसूर बहुतायत में पाए जाते हैं. इनकी उचाई 10 फिट के आसपास होती है. जो वह मिट्टी कटाव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके महत्व को देखते हुए पहल संस्था ने कई जगहों पर मंसूर के पौधों का रोपण किया.
पहल संस्था की ओर से मसूरी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें एसडीएम मनीष कुमार और डीएफओ कहकशा नसीम ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान उन्होंने मसरी के माल रोड और कैमल बैक रोड समेत अन्य जगहों पर मंसूर के पौधे रोपे. मंसूर पौधे के बारे में सूचना पट्टिका भी लगाई गई है. जिससे देश-विदेश के पर्यटक और स्थानीय लोग इसके बारे में जान सके.
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डीएफओ कहकशा नसीम ने बताया कि मसूरी में मंसूर काफी तादाद में पाया जाता है. इस पौधे को भूस्खलन वाले क्षेत्रों में लगाने से भू-कटाव को रोकने में मदद मिलती है. ऐसे में इसके रोपण से जमीन को मजबूत कर भूस्खलन के खतरे को टाला जा सकता. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मंसूर का पेड़ मसूरी के कई जगहों पर देखने को मिलेगा. जो पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र भी बनेगा.
वहीं, एसडीएम मनीष कुमार ने कहा कि पहल संस्था की ओर से मंसूर पौधे को संरक्षित करने की पहल की है. रोपे गए मंसूर पौधों की देखभाल के लिए भी पहल संस्था आगे आई है. जो एक सराहनीय कदम है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह एक झाड़ीनुमा पौध होता है. जिसमें कई परिदें अपने आशियाना भी बनाते हैं. साथ ही हरियाली भी बरकार रहती है.