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उत्तराखंड: UJVNL में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच के आदेश - UJVNL घोटाले की होगी जांच

सरकार ने उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के तीन पावर प्रोजेक्ट के तीन साल के कार्यों की जांच करने के आदेश जारी किये हैं. शासन ने अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान को जांच अधिकारी बनाया है. जांच एक महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश दिये हैं.

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यूजेवीएनएल
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Published : Aug 17, 2020, 11:07 AM IST

देहरादून: राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के तीन पावर प्रोजेक्ट के तीन साल के मेंटेनेंस कार्यों में हुए खर्च की जांच के आदेश जारी किए गए हैं. प्रशासन ने जांच अपर सचिव वित्त अरुणेंद्र सिंह चौहान को सौंपी है. उन्हें एक महीने के भीतर जांच पूरी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.

बता दें कि शासन के आदेश के तहत साल 2016 से 2019 के बीच छिबरो, डाकपत्थर और खोदरी पावर प्रोजेक्ट में हुए मेंटेनेंस कार्यों में आए खर्च की जांच की जाएगी. इसमें 95.86 करोड़ का खर्च आया था. इस जांच के दायरे में दो पूर्व प्रबंध निदेशक आ रहे हैं. जिसमें यूजेवीएनएल के पूर्व एमडी एसएन वर्मा और पूर्व एमडी यूपीसीएल बीसीके मिश्रा का नाम प्रमुखता से आगे आ रहा है. इसके अलावा कई अन्य निदेशक ऑपरेशन, महाप्रबंधक और अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं.

पढ़ें: भाजपा में शामिल हुए 'शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी', कांग्रेस ने साधा निशाना

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छिबरो, डाकपत्थर, खोदरी पावर प्रोजेक्ट के मेंटेनेंस कार्यों के लिए सामान्य बाजार दर से कई गुना ज्यादा महंगा सामान खरीदा गया था. जिसमें बंच, केबल, वेंटिलेशन उपकरण, स्विच यार्ड ब्रेकर इत्यादि शामिल हैं. इस पावर प्रोजेक्ट का एक हजार करोड़ से ज्यादा का आरएमयू (रिंग मेन यूनिट) मंजूर होने के बाद भी सालाना मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों खर्च किए गए.

देहरादून: राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के तीन पावर प्रोजेक्ट के तीन साल के मेंटेनेंस कार्यों में हुए खर्च की जांच के आदेश जारी किए गए हैं. प्रशासन ने जांच अपर सचिव वित्त अरुणेंद्र सिंह चौहान को सौंपी है. उन्हें एक महीने के भीतर जांच पूरी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.

बता दें कि शासन के आदेश के तहत साल 2016 से 2019 के बीच छिबरो, डाकपत्थर और खोदरी पावर प्रोजेक्ट में हुए मेंटेनेंस कार्यों में आए खर्च की जांच की जाएगी. इसमें 95.86 करोड़ का खर्च आया था. इस जांच के दायरे में दो पूर्व प्रबंध निदेशक आ रहे हैं. जिसमें यूजेवीएनएल के पूर्व एमडी एसएन वर्मा और पूर्व एमडी यूपीसीएल बीसीके मिश्रा का नाम प्रमुखता से आगे आ रहा है. इसके अलावा कई अन्य निदेशक ऑपरेशन, महाप्रबंधक और अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं.

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छिबरो, डाकपत्थर, खोदरी पावर प्रोजेक्ट के मेंटेनेंस कार्यों के लिए सामान्य बाजार दर से कई गुना ज्यादा महंगा सामान खरीदा गया था. जिसमें बंच, केबल, वेंटिलेशन उपकरण, स्विच यार्ड ब्रेकर इत्यादि शामिल हैं. इस पावर प्रोजेक्ट का एक हजार करोड़ से ज्यादा का आरएमयू (रिंग मेन यूनिट) मंजूर होने के बाद भी सालाना मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों खर्च किए गए.

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