देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन काफी हंगामेदार रहा. सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विकास से जुड़े कई मुद्दों पर जमकर तकरार हुई. विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण चर्चा के दौरान आपत्ति जताते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कई आरोप लगाए.
बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में विपक्ष के तीखे-तेवर देखने को मिले. विपक्ष ने सत्ता पक्ष को कई सवालों में घेरा. हंगामे के बीच दो बार सदन की कार्रवाई को स्थगित भी करना पड़ा. उसके बाद बीजेपी के विधायक और विधानसभा सदस्य मुन्ना सिंह चौहान ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
सरकार की उपलब्धियों का एक बार फिर से सदन में जिक्र किया गया. लेकिन, विपक्ष की ओर से राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने बताया कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के झूठ को दर्शाता है. अभिभाषण में सरकार की जिन उपलब्धियों का जिक्र किया गया है, वो सब सच से दूर है. हालांकि, सरकार की ओर से विपक्ष को सदन में कई सवालों के जवाब दिए गए. लेकिन, सत्ता पक्ष को लगता है कि विपक्ष बिना किसी वजह के सरकार पर आरोप लगा रहा है.
ये भी पढ़े: कोरोना के खौफ ने होली के रंग को किया फीका, बिक्री ना होने से व्यापारी मायूस
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि विपक्ष का काम विरोध करना है, लेकिन बिना मुद्दे के विरोध सही नहीं है. अगर विपक्ष कोई जनहित का सुझाव देती है तो उसको हम सुनने के लिये तैयार हैं. हालत ये रहे कि दिन भर चली सदन की कार्यवाही को हंगामे के बीच दो बार स्थगित भी करना पड़ा. वहीं, विपक्ष ने त्रिवेंद्र सरकार को पूरी तरह से नाकाम सरकार करार दिया. सत्ता पक्ष ने इसे विपक्ष की हताशा बताया.
इसके साथ ही सबसे अहम पहलु सदन में ये रहा कि राज्यपाल के अभिभाषण को जहां सत्ता पक्ष के विधायकों ने सराहा. वहीं, विपक्ष के विधायकों ने अभिभाषण में सिर्फ और सिर्फ खामियां ही नजर आई. जिस पर सदन के अंदर से सदन के बाहर तक सियासत ही होती हुई दिखाई दी.