देहरादूनः कोविड-19 के सैंपल जांच में गड़बड़ी और आईसीएमआर की गाइडलाइन का पालन न करने वाले निजी लैबों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है. इससे पहले मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने मामले में जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी निकिता खंडेलवाल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई. समिति जांच करीबन पूरी कर चुकी है. जिसके तहत अब आईसीएमआर की गाइडलाइन का पालन न करने वाले निजी लैब को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है.
देहरादून के मुख्य विकास अधिकारी निकिता खंडेलवाल ने बताया कि जांच समिति की ओर से जांच की जा रही है. जो अब पूरी होने जा रही है. अब तक हुई जांच में यह सामने आया है कि राजधानी में संचालित हो रही कुछ निजी लैब आईसीएमआर की गाइडलाइन का सही तरीके से पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में समिति की ओर से जल्द ही इन निजी लैबों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया जाएगा.
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गौर हो कि कोविड-19 की जांच कर रही विभिन्न निजी लैबों के डाटा कलेक्शन में भी गड़बड़ी सामने आई है. जिसे देखते हुए जांच समिति की ओर से एक हफ्ते के भीतर जांच पूरी की जानी है. जो जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी. बता दें कि देहरादून में वर्तमान में आहूजा, सीएमआई, कनिष्क पैथ लैब, डॉ. लाल पैथोलॉजी, मेट्रो, सिनर्जी, मैक्स, महंत इंदरेश और हिमालयन निजी लैब में कोविड-19 की जांच के लिए सैंपलिंग की जा रही है.
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में खुद जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी होने की जानकारी दी थी. मुख्य सचिव ने कहा था कि देहरादून में नागरिकों से शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ निजी लैब में टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, जबकि सरकारी अस्पताल में उसी व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है. ये भी शिकायतें आ रही हैं कि देहरादून की कुछ निजी लैब से करीब 50 फीसदी लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. वहीं, मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि निजी लैब में पॉजिटिव पाए गए कुछ व्यक्तियों का सरकारी लैब में भी टेस्ट कराया जाए, यदि किसी लैब की रिपोर्ट गलत पाई गई तो फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.