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उत्तराखंडः सुमाड़ी में ही खुलेगा NIT, सितंबर में होगा शिलान्यास - मानव संसाधन विकास मंत्रालय

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने आश्वासन दिया है कि सुमाड़ी में ही एनआईटी कैंपस बनाया जाएगा. उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री और सांसद तीरथ सिंह रावत से मुलाकात के बाद दिल्ली में निशंक ने यह बात कही है.

उच्चशिक्षा मंत्री और सांसद तीरथ सिंह रावत के साथ केंद्रीय मंत्री निशंक
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Published : Jul 23, 2019, 7:26 PM IST

दिल्ली/देहरादूनः उत्तराखंड के श्रीनगर में एनआईटी के नये कैंपस के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. कई सालों से लंबित और पिछले कुछ सालों में लगातार श्रीनगर एनआईटी विवादों में रहा है. यहां स्थाई कैंपस की मांग लंबे समय से चल रही थी. जिसको लकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन उत्तराखंड से दिल्ली तक चला था.

जानकारी देते सांवददाता अभिजीत ठाकुर

फिलहाल एनआईटी उत्तराखंड के छात्र राजस्थान के जयपुर स्थित एनआईटी में पढ़ाई कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और पौड़ी गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत के साथ एक बैठक की. जिसमें बताया गया कि उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित सुमाड़ी गांव में ही एनआईटी का स्थाई कैंपस बनेगा. बताया जा रहा है कि नये परिसर के लिये निर्माण कार्य सितंबर से शुरू कर दिया जाएगा.

पढे़ं- शादी के लिए दो लड़कियों ने मांगी अनुमति, SDM ने नहीं दी इजाजत, जानिए क्या है मामला

बता दें कि एनआईटी उत्तराखंड के छात्रों द्वारा अस्थाई कैंपस को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद यहां के छात्रों को जयपुर एनआईटी में स्थानांतरित किया गया था. अब मंत्रालय से खबर आई है कि उन सभी छात्रों को वापस बुलाने के लिये एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि आगामी सत्र को श्रीनगर स्थित अस्थाई कैंपस में ही शुरू किया जाएगा और प्रवेश की प्रक्रिया भी श्रीनगर से ही पूरी की जाएगी. साथ ही सितंबर के पहले सप्ताह में कैंपस का शिलान्यास किया जाएगा.

इससे पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे प्रकाश जावड़ेकर ने भी एनआईटी उत्तराखंड के मुद्दे को सुलझाने के लिये आश्वासन दिया था. लेकिन कैंपस का मुद्दा अधर में ही लटका रहा. नतीजा ये रहा कि छात्रों ने विरोध में पूरा कैंपस ही खाली कर दिया और पढ़ाई छोड़कर घर चले गए.

पहले जमीन को निर्माण कार्य के लिये उपयुक्त ना होने की वजह से यहां काम शुरू नहीं हो सका था. लेकिन अब बताया जा रहा है कि एनआईटी परिसर के लिये चिन्हित 309 एकड़ जमीन में से 203 एकड़ निर्माण कार्य के लिये सही है.

इसके अलावा उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के सामने एनसीईआरटी का प्रशिक्षण केंद्र और केंद्रीय विद्यालय समिति और नवोदय विद्यालय समिति का क्षेत्रीय कार्यालय उत्तराखंड में खोलने की भी मांग की. जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में अकादमिक नेतृत्व एवं शिक्षा प्रबंधन का केंद्र खोलने का भी अनुरोध किया गया.

उच्च शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से प्रदेश में एक केंद्रीय शोध केन्द्र के लिए स्वीकृति एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने, प्रदेश में 2000 से अधिक संख्या वाले महाविद्यालयों को स्वायत्त महाविद्यालयों के रूप में उच्चीकृत करने के लिए भी सहायता मांगी. साथ ही प्रदेश के 1000 से 2000 संख्या वाले महाविद्यालयों को मेन्टरिंग महाविद्यालयों के रूप में तैयार करने और प्रदेश के महाविद्यालयों में छात्राओं की अधिकता के दृष्टिगत महिला विश्वविद्यालय की स्वीकृति के साथ ही ज्योतिष महाविद्यालय खोलने का भी अनुरोध किया.

दिल्ली/देहरादूनः उत्तराखंड के श्रीनगर में एनआईटी के नये कैंपस के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. कई सालों से लंबित और पिछले कुछ सालों में लगातार श्रीनगर एनआईटी विवादों में रहा है. यहां स्थाई कैंपस की मांग लंबे समय से चल रही थी. जिसको लकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन उत्तराखंड से दिल्ली तक चला था.

जानकारी देते सांवददाता अभिजीत ठाकुर

फिलहाल एनआईटी उत्तराखंड के छात्र राजस्थान के जयपुर स्थित एनआईटी में पढ़ाई कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और पौड़ी गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत के साथ एक बैठक की. जिसमें बताया गया कि उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित सुमाड़ी गांव में ही एनआईटी का स्थाई कैंपस बनेगा. बताया जा रहा है कि नये परिसर के लिये निर्माण कार्य सितंबर से शुरू कर दिया जाएगा.

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बता दें कि एनआईटी उत्तराखंड के छात्रों द्वारा अस्थाई कैंपस को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद यहां के छात्रों को जयपुर एनआईटी में स्थानांतरित किया गया था. अब मंत्रालय से खबर आई है कि उन सभी छात्रों को वापस बुलाने के लिये एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि आगामी सत्र को श्रीनगर स्थित अस्थाई कैंपस में ही शुरू किया जाएगा और प्रवेश की प्रक्रिया भी श्रीनगर से ही पूरी की जाएगी. साथ ही सितंबर के पहले सप्ताह में कैंपस का शिलान्यास किया जाएगा.

इससे पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे प्रकाश जावड़ेकर ने भी एनआईटी उत्तराखंड के मुद्दे को सुलझाने के लिये आश्वासन दिया था. लेकिन कैंपस का मुद्दा अधर में ही लटका रहा. नतीजा ये रहा कि छात्रों ने विरोध में पूरा कैंपस ही खाली कर दिया और पढ़ाई छोड़कर घर चले गए.

पहले जमीन को निर्माण कार्य के लिये उपयुक्त ना होने की वजह से यहां काम शुरू नहीं हो सका था. लेकिन अब बताया जा रहा है कि एनआईटी परिसर के लिये चिन्हित 309 एकड़ जमीन में से 203 एकड़ निर्माण कार्य के लिये सही है.

इसके अलावा उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के सामने एनसीईआरटी का प्रशिक्षण केंद्र और केंद्रीय विद्यालय समिति और नवोदय विद्यालय समिति का क्षेत्रीय कार्यालय उत्तराखंड में खोलने की भी मांग की. जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में अकादमिक नेतृत्व एवं शिक्षा प्रबंधन का केंद्र खोलने का भी अनुरोध किया गया.

उच्च शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से प्रदेश में एक केंद्रीय शोध केन्द्र के लिए स्वीकृति एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने, प्रदेश में 2000 से अधिक संख्या वाले महाविद्यालयों को स्वायत्त महाविद्यालयों के रूप में उच्चीकृत करने के लिए भी सहायता मांगी. साथ ही प्रदेश के 1000 से 2000 संख्या वाले महाविद्यालयों को मेन्टरिंग महाविद्यालयों के रूप में तैयार करने और प्रदेश के महाविद्यालयों में छात्राओं की अधिकता के दृष्टिगत महिला विश्वविद्यालय की स्वीकृति के साथ ही ज्योतिष महाविद्यालय खोलने का भी अनुरोध किया.

Intro:मानव संसाधन विकास मंत्री ने उत्तराखंड के श्रीनगर में एनआईटी के नये कैंपस के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया गया है । कई सालों से लंबित और पिछले कुछ सालों में लगातार विवादों के बीच रहा श्रीनगर एनआईटी में स्थाई कैंपस की मांग लंबे समय से चल रही थी । इसको ले कर छात्रों का विरोध प्रदर्शन उत्तराखंड से दिल्ली तक चला था ।
बहरहाल एनआईटी उत्तराखंड के छात्र राजस्थान के जयपुर स्थित एनआईटी में पढ़ाई कर रहे हैं ।
अब ये सूचना मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हवाले से आई है कि केंद्रीय मंत्री रमेश पोखड़ियाल 'निशंक' ने उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और पौड़ी गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत के साथ एक बैठक में ये स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित सुमाड़ी गांव में ही एनआईटी का स्थाई कैंपस बनेगा ।
नये परिसर के लिये निर्माण कार्य सितंबर में शुरू कर दिया जाएगा और शिलान्यास सितंबर के पहले सप्ताह में ही हो जाएगा ।



Body:एनआईटी उत्तराखंड के छात्रों द्वारा अस्थाई कैंपस के विरोध में लगातार हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद यहाँ के छात्रों को जयपुर एनआईटी में स्थानांतरित किया गया था । अब मंत्रालय से खबर आई है कि उन सभी छात्रों को वापिस बुलाने के लिये एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी । इतना ही नहीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा है कि आगामी सत्र को श्रीनगर स्थित अस्थाई कैंपस में ही शुरू किया जाएगा और प्रवेश की प्रक्रिया भी श्रीनगर से ही पूरी की जाएगी ।
जाहिर तौर पर अगर तय समय से काम शुरू हो जाता है तो छात्रों के लिये ये एक अच्छी खबर है क्योंकि सालों बाद भी उत्तराखंड एनआईटी को एक कैंपस का इंतजार है ।
इससे पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे प्रकाश जावड़ेकर ने भी एनआईटी उत्तराखंड के मुद्दे को सुलझाने के लिये आस्वाशन दिये लेकिन जमीन पर कुछ नहीं दिखा और कैंपस का मुद्दा अधर में ही लटका रहा । नतीजा ये हुआ कि छात्रों ने विरोध में पूरा कैंपस ही खाली कर दिया और पढ़ाई छोड़ कर घर चले गए थे ।


Conclusion:पहले जमीन को निर्माण कार्य के लिये उपर्युक्त न होने की वजह से यहां काम शुरू नहीं हो सका था लेकिन अब बताया जा रहा है कि एनआईटी परिसर के लिये चिन्हित 309 एकड़ जमीन में से 203 एकड़ निर्माण कार्य के लिये उपर्युक्त है और इतने ही जमीन पर निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा ।
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