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ठेकेदार पर शोषण का आरोप, वेतन से काटा जा रहा है GST - Municipal outsourcing worker

ऋषिकेश नगर निगम में आउटसोर्स पर काम कर रहे कर्मचारियों ने ठेकेदार पर शोषण का आरोप लगाया है. कर्मियों का आरोप है कि उनका वेतन बढ़ाने की बजाय वेतन से जीएसटी काटा जा रहा है.

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निगमकर्मी का हंगामा
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Published : Feb 11, 2020, 8:25 PM IST

ऋषिकेश: नगर निगम के आउटसोर्स कर्मियों ने ठेकेदार पर शोषण का आरोप लगाया है. कर्मियों का आरोप है कि वह कई सालों से कार्यरत है, लेकिन नए ठेकेदार द्वारा पूर्व में मिलने वाले वेतन को बढ़ाये जाने की बजाय कम वेतन दिया जा रहा है. जिसकी वजह से कर्मियों ने आज श्रम विभाग में इसकी शिकायत की.

निगमकर्मी का हंगामा

ऋषिकेश नगर निगम में आउटसोर्स द्वारा कई कर्मचारी कार्यरत है. जिनको निविदा के ठेकेदार द्वारा वेतन दिया जाता है. निगम ठेकेदार पर कर्मचारियों ने शोषण का आरोप लगाया है. आरोप है कि कर्मियों को पूर्व में मिलने वाले वेतन को बढ़ाए जाने की बजाय वेतन से कटौती कर दी गई. इतना ही नहीं कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की छुट्टी का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है. वहीं उनके वेतन से जीएसटी भी काटी जा रही है. ठेकेदार द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ पीड़ित कर्मचारियों ने श्रम विभाग की शरण ले ली है. वहीं, श्रम विभाग ने सुनवाई के लिए कर्मियों एवं ठेकेदार दोनों पक्षों को बुलाया और अपना-अपना पक्ष रखने का समय दिया है.

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गौरतलब है कि पूर्व में नगर पालिका के समय आउटसोर्सिंग ठेकेदार द्वारा दो प्रतिशत लाभांश पर कर्मचारी उपलब्ध करवाया जा रहा था, लेकिन इस बार अचानक ठेकेदार के लाभांश को दो प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. ऐसे में ये साफ जाहिर होता है कि ठेकेदार को सीधा-सीधा लाभ पंहुचाया जा रहा है. इस प्रक्रिया के बाद टेंडरिंग कमेटी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

ऋषिकेश: नगर निगम के आउटसोर्स कर्मियों ने ठेकेदार पर शोषण का आरोप लगाया है. कर्मियों का आरोप है कि वह कई सालों से कार्यरत है, लेकिन नए ठेकेदार द्वारा पूर्व में मिलने वाले वेतन को बढ़ाये जाने की बजाय कम वेतन दिया जा रहा है. जिसकी वजह से कर्मियों ने आज श्रम विभाग में इसकी शिकायत की.

निगमकर्मी का हंगामा

ऋषिकेश नगर निगम में आउटसोर्स द्वारा कई कर्मचारी कार्यरत है. जिनको निविदा के ठेकेदार द्वारा वेतन दिया जाता है. निगम ठेकेदार पर कर्मचारियों ने शोषण का आरोप लगाया है. आरोप है कि कर्मियों को पूर्व में मिलने वाले वेतन को बढ़ाए जाने की बजाय वेतन से कटौती कर दी गई. इतना ही नहीं कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की छुट्टी का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है. वहीं उनके वेतन से जीएसटी भी काटी जा रही है. ठेकेदार द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ पीड़ित कर्मचारियों ने श्रम विभाग की शरण ले ली है. वहीं, श्रम विभाग ने सुनवाई के लिए कर्मियों एवं ठेकेदार दोनों पक्षों को बुलाया और अपना-अपना पक्ष रखने का समय दिया है.

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गौरतलब है कि पूर्व में नगर पालिका के समय आउटसोर्सिंग ठेकेदार द्वारा दो प्रतिशत लाभांश पर कर्मचारी उपलब्ध करवाया जा रहा था, लेकिन इस बार अचानक ठेकेदार के लाभांश को दो प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. ऐसे में ये साफ जाहिर होता है कि ठेकेदार को सीधा-सीधा लाभ पंहुचाया जा रहा है. इस प्रक्रिया के बाद टेंडरिंग कमेटी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

Intro:Ready to air
ऋषिकेश--ऋषिकेश नगरनिगम में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों ने ठेकेदार पर शोषण का आरोप लगाया है । पीड़ित कर्मियों का कहना है कि वह कई सालों से कार्यरत है लेकिन नए ठेकेदार के द्वारा उनके पूर्व में मिलने वाले वेतन को बढ़ाये जाने की बजाए घटा कर वेतन दिया जा रहा है , जिसके लिए कर्मियों ने श्रम विभाग की शरण ली । इतना ही नहीं कर्मियों को किसी भी प्रकार की छुट्टियों का लाभ भी नहीं मिल रहा है साथ ही कर्मियों के वेतन से ही जी.एस.टी. काटी जा रही है ।


Body:वी/ओ--ऋषिकेश नगरनिगम में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी कार्यरत है। जिनको अनुबंध हुई निविदा के ठेकेदार द्वारा वेतन की सुविधा दी जाती है। ऋषिकेश के निगम ठेकेदार पर कर्मचारियों ने शोषण का आरोप लगाया है,ठेकेदार द्वारा कर्मियों को पूर्व में मिलने वाले वेतन को बढ़ाये जाने की बजाय वेतन को कटौती कर दी गई है, इतना ही नहीं कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की छुट्टी का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है , वहीं उनके वेतन से जी.एस.टी. भी काटी जा रही है । ठेकेदार द्वारा किये जाने वाले शोषण की वजह से पीड़ित कर्मचारियों ने श्रम विभाग की शरण ली।  कर्मियों एवं ठेकेदार पक्ष दोनों पक्षों को श्रम विभाग ने सुनवाई के लिए बुलाया और दोनों को अपना अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है।


Conclusion:वी/ओ--आपको बता दें कि नगर निगम में आऊटसोर्सिंग द्वारा कर्मचारियों की भर्ती के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया द्वारा चुना गया टेंडर के बाद ठेकेदार द्वारा पूर्व में कार्य कर रहे कर्मचारियों को रखा गया लेकिन वर्तमान के ठेकेदार ने कर्मचारियों को पूर्व में मिल रहे वेतन को बढ़ाने के बजाय घटा दिया साथ ही उनके वेतन से ही जीएसटी भी काटी जा रही है।

गौरतलब है कि पूर्व में नगर पालिका रहते हुए आऊटसोर्सिंग के ठेकेदार द्वारा 2 प्रतिशत लाभांश पर कर्मचारी उपलब्ध करवा रहा था लेकिन इस बार अचानक ठेकेदार के लाभांश को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया ऐसे में ये साफ जाहिर होता है कि ठेकेदार को सीधा सीधा लाभ पंहुचाया जा रहा है, इस प्रक्रिया के बाद टेंडरिंग कमेटी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

बाईट--अनिल खन्ना(पीड़ित कर्मचारी)
बाईट--रामचंद्र खंडूरी(भारतीय मजदूर संघ मंत्री)
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