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बंदरों की समस्या के आगे मजबूर नजर आए वन मंत्री, कहा- इनको रोकने का नहीं है कोई उपाय

उत्तराखंड वन विभाग बंदरों की नसबंदी के लिए 14 हजार बंदरों को पकड़ चुका है. लेकिन उनमें से केवल कुछ ही सौ बंदरों की नसबंदी करने में वन विभाग सफल हो पाया है. लेकिन अब खुद वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बंदरों के नियंत्रण को लेकर हाथ खड़े कर दिया हैं.

बंदरों की समस्या.
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Published : Oct 11, 2019, 11:03 PM IST

देहरादून: वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में मौजूद करीब डेढ़ लाख बंदरों पर नियंत्रण को लेकर पिछली हरीश सरकार से लेकर वर्तमान की त्रिवेन्द्र सरकार में तमाम दावे किए गए. लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी अब तक वन विभाग नसबंदी के नाम पर कुछ ही बंदरों की नसबंदी कर पाया है. खुद वन मंत्री हरक सिंह रावत ने अब इस बात को स्वीकार कर लिया है कि बंदरों पर नियंत्रण पाने में विभाग को असफलता ही हाथ लगी है.

वन मंत्री हरक सिंह रावत.

14 हजार बंदरों को पकड़ने के बाद भी केवल तीन से चार सौ बंदरों की ही नसबंदी के सवाल पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि बंदरों की समस्या से वो खुद चिंतित हैं. हरक सिंह रावत ने खुद इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि 14 हजार बंदरों को पकड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये गए. लेकिन नसबंदी में विफल होना अपने आप मे एक बड़ा विरोधाभास है.

पढे़ं- रेल से सफर करने वाले यात्रियों को होगी दिक्कत, देहरादून से चलने वाली 12 ट्रेनें रद्द

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि इस विषय में उन्होंने मुख्यमंत्री के अलावा कई एनजीओ, केंद्रीय वन मंत्री और केंद्रीय वन अधिकारियों से भी इस समस्या के बारे में बात की. लेकिन कोई ठोस रास्ता बंदरों से निपटने के लिए नहीं निकल पाया है. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके गांव में मौजूद आंवला के पेड़ों को बंदरो ने उनके ही सामने तहस नहस कर दिया. जिसके बाद उन्होंने बंदरों को हाथ जोड़ दिए. उनका कहना है कि कई बार घंटों इस विषय पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन बंदरों से निपटने का कोई रास्ता नजर नही आ रहा है.

देहरादून: वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में मौजूद करीब डेढ़ लाख बंदरों पर नियंत्रण को लेकर पिछली हरीश सरकार से लेकर वर्तमान की त्रिवेन्द्र सरकार में तमाम दावे किए गए. लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी अब तक वन विभाग नसबंदी के नाम पर कुछ ही बंदरों की नसबंदी कर पाया है. खुद वन मंत्री हरक सिंह रावत ने अब इस बात को स्वीकार कर लिया है कि बंदरों पर नियंत्रण पाने में विभाग को असफलता ही हाथ लगी है.

वन मंत्री हरक सिंह रावत.

14 हजार बंदरों को पकड़ने के बाद भी केवल तीन से चार सौ बंदरों की ही नसबंदी के सवाल पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि बंदरों की समस्या से वो खुद चिंतित हैं. हरक सिंह रावत ने खुद इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि 14 हजार बंदरों को पकड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये गए. लेकिन नसबंदी में विफल होना अपने आप मे एक बड़ा विरोधाभास है.

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वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि इस विषय में उन्होंने मुख्यमंत्री के अलावा कई एनजीओ, केंद्रीय वन मंत्री और केंद्रीय वन अधिकारियों से भी इस समस्या के बारे में बात की. लेकिन कोई ठोस रास्ता बंदरों से निपटने के लिए नहीं निकल पाया है. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके गांव में मौजूद आंवला के पेड़ों को बंदरो ने उनके ही सामने तहस नहस कर दिया. जिसके बाद उन्होंने बंदरों को हाथ जोड़ दिए. उनका कहना है कि कई बार घंटों इस विषय पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन बंदरों से निपटने का कोई रास्ता नजर नही आ रहा है.

Intro:Note- इस ख़बर की फीड FTP से (uk_deh_02_failure_in_monkey_sterilization_vis_byte_7205800) नाम से भेजी गई है।

एंकर- उत्तराखंड वन विभाग खेती बंदरो की नसबंदी को लेकर 14 हजार बंदरो को उत्तराखंड वन विभाग पकड़ चुका है लेकिन उन में से केवल कुछ ही सौ बंदरो की नसबंदी करने में वन विभाग कर पाया है जिसके बाद यह मानते हुए की बंदर एक बड़ी समस्या है लेकिन अब खुद वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बंदरो से हाथ जोड़ लिए हैं और कहा कि बंदरों के नियंत्रण को लेकर फिलहाल कोई विकल्प हमारे पास नही है।






Body:उत्तराखंड में सिकुड़ती कृषि और पलायन में एक बड़ी भूमिका खेती को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाने वाले बंदरो का भी है। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में मौजूद करीब डेढ़ लाख बंदरों पर नियंत्रण को लेकर पिछली हरीश सरकार से लेकर वर्तमान की त्रिवेन्द्र सरकार के तमाम दावे किए गए लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी अब तक वन विभाग नसबंदी के नाम पर पकड़े गए बंदरो की तुलना में काफी कम संख्या में सफल हो पाया है। खुद वन मंत्री हरक सिंह रावत ने अब इस बात को स्वीकार कर लिया है कि बंदरों पर नियंत्रण पाने में वीभग को विफलता ही हाथ लगी है।

14 हजार बंदरों को पकड़ने के बाद भी केवल 3 से 4 सौ के बीच हुई नसबंदी के सवाल पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा की बंदरों की समस्या से वो खुद चिंतित है। हरक सिंह रावत ने खुद इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि 14 हजार बंदरों को पकड़ने के लिए करोड़ो रूपये खर्च किये गए लेकिन नसबंदी में विफलता होना अपने आप मे एक बड़ा विरोधाभास है। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि इस विषय मे उन्हीने मुख्यमंत्री के अलावा, कई एनजीओ, दूसरे राज्यों के अलावा केंद्रीय वन मंत्री और केंद्रीय वन अधिकारियों से भी इस समस्या के बारे में बात की लेकिन कोई ठोस रास्ता बंदरों से निपटने के लिए निकल नही पाया है।

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने खुद इस बात को माना है कि आज रिवर्स पलायन, उद्यान और खेती जैसे राज्य को आगे बढ़ने की दिशा में बंदर एक बड़ी समस्या बन कर बीच मे बैठे हैं। वन मंन्त्री ने खुद का अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे गांव में मौजूद आँवला के पेड़ों को बंदरो ने उनके ही सामने तहस नहस कर दिया जिसके बाद उन्होंने बंदरों को हाथ जोड़ दिए। मंन्त्री का कहना है कि कई बार घण्टों इस विषय पर चर्चा हो चुकी है लेकिन बंदरो के निस्तारण को लेकर कोई रास्ता नजर नही आ रहा है।

बाइट- हरक सिंह रावत, वन मंत्री उत्तराखंड


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