देहरादून: प्रदेश में चिन्हित रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले सभी आरओबी/आरयूबी की 50 प्रतिशत धनराशि अब राज्य सरकार की जगह केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि से वहन की जाएगी. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी स्वीकृति दी है. जिस पर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने केंद्रीय परिवहन मंत्री का आभार जताया है.
इस बारे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री को पत्र लिखा था और प्रदेश की आर्थिक स्थिति से अवगत कराते हुए अनुरोध किया था कि राज्य सरकार की तरफ से वहन की जाने वाली 50 प्रतिशत धनराशि को केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि से वहन किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में रेलवे क्रॉसिंग पर अत्यधिक दुर्घटनाएं होती हैं. साथ ही रेलवे क्रॉसिंग पर यातायात का दबाव अधिक होने से दिन-प्रतिदिन जाम की समस्या उत्पन्न होती रहती है. जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि राज्य में रेलवे क्रॉसिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव और जाम की समस्या को कम करने हेतु एक लाख से अधिक टीयूवी वाले 9 लेवल के रेलवे क्रॉसिंग चिन्हित किए गए हैं.
प्रदेश में इन रेलवे क्रॉसिंग पर बनाए जाएंगे ओवरब्रिज और अंडरपास
- देहरादून से हर्रावाला के बीच तीन स्थानों पर होगा रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण.
- मोतीचूर और रायवाला के बीच भी बनाया जाएगा रेलवे ओवर ब्रिज.
- धर्मनगरी हरिद्वार के लक्सर, ज्वालापुर और हरिद्वार यार्ड में बनाए जाएंगे रेलवे ओवरब्रिज और रेलवे अंडरपास.
गौरतलब है कि फिलहाल इन रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर डीपीआर तैयार करने का कार्य किया जा रहा है. वहीं, डीपीआर तैयार होने के बाद रेलवे बोर्ड से सलाह मशवरा कर इस डीपीआर को भारत सरकार को प्रेषित किया जाएगी.
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राज्य की सीमित संसाधनों के कारण इन 9 लेवल क्रॉसिंग पर आरओबी और आरयूबी बनाये जाने हेतु राज्य सरकार के सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत राज्य सरकार ने महाराष्ट्र सरकार के साथ किए गए एमओयू की भांति राज्य द्वारा वहन किए जाने वाले 50 प्रतिशत व्यय भार को केंद्रीय सड़क निधि से वहन किये जाने के लिए के लिए अनुरोध किया था.
सीएम के अनुरोध को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकार कर लिया है. उक्त प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा सहमति भी प्रदान कर दी गयी है. उक्त 9 आरओबी और आरयूबी के निर्माण में 50 प्रतिशत व्यय भार रेलवे द्वारा तथा 50 प्रतिशत व्यय भार, जो राज्य द्वारा वहन किया जाना था. उसे केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि से वहन किया जाएगा.