देहरादूनः द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी दुष्कर्म और ब्लैकमेल मामले की जांच में चार्जशीट को लेकर नया मोड़ आ गया है. सोमवार को आरोपित महिला के खिलाफ पर्याप्त सबूत और जांच मुकम्मल होने के बाद देहरादून पुलिस की ओर से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी, लेकिन इस चार्जशीट कार्रवाई पर हस्तक्षेप जताते हुए गढ़वाल आईजी ने आरोप पत्र को रिकॉल किया है. इतना ही नहीं आईजी ने पूरे प्रकरण की जांच विवेचना दोबारा से कराने के लिए जांच को देहरादून के बदले पौड़ी ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है.
जानकारी के मुताबिक, ब्लैकमेल मामले में आरोपित महिला के खिलाफ चार्जशीट (आरोप पत्र) कोर्ट में दाखिल होने 1 दिन बाद आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार की ओर से चार्जशीट कॉल (वापस) कर जांच को दोबारा से कराने का निर्णय लिया है. यह निर्णय कहीं न कहीं देहरादून पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है. बताया जा रहा है कि अब गढ़वाल आईजी की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि विधायक से जुड़े दुष्कर्म और ब्लैकमेल मामले की पूरी जांच-पड़ताल देहरादून के बजाय पौड़ी की पुलिस करेगी. हालांकि, अभी इस पर अंतिम निर्णय क्या होगा. जल्द ही इसकी पुष्टि होने की संभावना है.
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बता दें कि अगस्त 2020 को पहले विधायक की पत्नी की ओर से आरोपित महिला समेत चार लोगों के खिलाफ ब्लैकमेल मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसकी जांच सर्किल ऑफिसर अनुज कुमार कर रहे थे. आरोपी महिला के खिलाफ सभी तरह के सबूत जांच पड़ताल में सही पाए जाने पर सोमवार को महिला के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी.
वहीं, दूसरी ओर अगस्त माह में ही आरोपित महिला की ओर से विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए थाना नेहरू कॉलोनी मुकदमा दर्ज कराया गया था. हालांकि, दोनों ही मुकदमों की जांच निष्पक्षता से हो, इसके लिए मामले की जांच एसआईएस शाखा की ओर से कराई जा रही है.
केस ट्रांसफर होने की वजह
विधायक महेश नेगी यौन शोषण केस मामले में गढ़वाल आईजी का कहना है कि 17 सितंबर 2020 को देहरादून एसएसपी कार्यालय द्वारा रेंज ऑफिस को पत्र लिखकर दोनों केस किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी. एसएसपी कार्यालय द्वारा आई गढ़वाल को लिखे गए पत्र में लिखा गया था कि 'विधायक पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता ने दून पुलिस की जांच पर असंतोष जताते हुए दूसरे जिले में केस ट्रांसफर करने की मांग की थी'. ऐसे में इस प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए आईजी गढ़वाल ने पौड़ी के महिला थाना को आगे की जांच करने का निर्देश दिया है.
डीएनए जांच के लिए कोर्ट जा सकती है पुलिस
वास्तविकता सामने लाने के लिए पुलिस आने वाले दिनों में खुद ही कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर महिला के बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर सकती है. इस बात को लेकर आईजी गढ़वाल ने भी साफ किया कि अगर पूरे प्रकरण विधिक राय लेकर जरूरत पड़ी तो डीएनए की जांच के लिए पुलिस कोर्ट से अपील कर सकती है.