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उत्तराखंड में तपने लगे पहाड़, मौसम विभाग का रेड अलर्ट, गर्मी ने तोड़ा 13 साल का रिकॉर्ड - उत्तराखंड ताजा समाचार टुडे

उत्तराखंड में भी गर्मी का सितम जारी है. अप्रैल के पहले सप्ताह में ही पहाड़ों से बर्फ गायब हो चुकी है. उत्तराखंड में ये स्थिति इससे पहले साल 1994 और 2009 में दिखने को मिली थी. आगामी एक हफ्ते तक उत्तराखंड को गर्मी से कोई राहत मिलने से आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

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तपने लगे पहाड
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Published : Apr 9, 2022, 3:38 PM IST

देहरादून/हल्द्वानी: सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के पहाड़ भी तपने लगे हैं और गर्मी से लोग बेहाल नजर आ रहे हैं. वहीं, मौमस विभाग की मानें तो आगामी एक हफ्ते तक तापमान में गिरावट के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. मौसम विभाग ने 10 से 12 अप्रैल तक गर्मी को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. इस दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री की और बढ़ोत्तरी देखी जाएगी.

उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ शहरों में अप्रैल के पहले हफ्ते में ही तामपान 38 डिग्री तक पहुंच गया है, जो बढ़कर 40 डिग्री तक पहुंच सकता है. वहीं, हल्द्वानी की बात करें तो यहां तापमान में 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. भीषण गर्मी के चलते दोपहर को लोग कमी ही घरों से बाहर निकल रहे है. वहीं, तापमान बढ़ने की वजह से जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही है.
पढ़ें- गर्व का दिन: नरेंद्र सिंह नेगी और दीवान बजेली संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित

देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में 15 से 16 अप्रैल के बाद ही मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिलेगा. उसके पहले तापमान सामान्य से करीब 6 से 7 डिग्री ज्यादा रहने के आसार हैं. हालांकि, 16 अप्रैल के बाद लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है.

निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि पहाड़ी जिलों में अभी तापमान 27 डिग्री तक चल रहा है, जो 10 अप्रैल के बाद 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा. इसके साथ मैदानी जिलों में यह 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा. हालांकि, 13 अप्रैल के बाद मौसम में बदलाव के कुछ आसार नजर आ रहे हैं.
पढ़ें- जानें, कैसे मौसम ने दी वनाग्नि को हवा, गर्मी बढ़ते ही धधकने लगे पहाड़ों के जंगल

मौसम विभाग निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि बढ़ते तापमान के कारण अप्रैल में बारिश का न होना है, जो वनाग्नि के लिए घातक साबित हो सकता है. इससे वनाग्नि की घटनाओं में तेजी देखने को मिलेगी. वहीं, ऊंचाई वाले इलाकों में भी हिमस्खलन होने के आसार भी बने रहेंगे. जिस प्रकार से अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में पहाड़ बर्फ विहीन नजर आ रहे हैं. इस बार जिस तरह से पहाड़ों पर अभी से बर्फ दिखनी कम हो गई है, उस तरह का नजारा साल 1994 और 2009 में भी देखने को मिली था.

गर्मी बढ़ने के साथ हॉस्पिटलों में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. हल्द्वानी के डॉक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि गर्मी से बचाव करना है तो पानी और जूस तरल पदार्थ भरपूर मात्रा में लेते रहे. इसके अलावा जितना हो सके बाहर की चीजों को खाने से बचें. साथ ही तले हुए और मिर्च मसाले वाले भोजन का सेवन ज्यादा न करें.

देहरादून/हल्द्वानी: सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के पहाड़ भी तपने लगे हैं और गर्मी से लोग बेहाल नजर आ रहे हैं. वहीं, मौमस विभाग की मानें तो आगामी एक हफ्ते तक तापमान में गिरावट के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. मौसम विभाग ने 10 से 12 अप्रैल तक गर्मी को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. इस दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री की और बढ़ोत्तरी देखी जाएगी.

उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ शहरों में अप्रैल के पहले हफ्ते में ही तामपान 38 डिग्री तक पहुंच गया है, जो बढ़कर 40 डिग्री तक पहुंच सकता है. वहीं, हल्द्वानी की बात करें तो यहां तापमान में 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. भीषण गर्मी के चलते दोपहर को लोग कमी ही घरों से बाहर निकल रहे है. वहीं, तापमान बढ़ने की वजह से जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही है.
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देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में 15 से 16 अप्रैल के बाद ही मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिलेगा. उसके पहले तापमान सामान्य से करीब 6 से 7 डिग्री ज्यादा रहने के आसार हैं. हालांकि, 16 अप्रैल के बाद लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है.

निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि पहाड़ी जिलों में अभी तापमान 27 डिग्री तक चल रहा है, जो 10 अप्रैल के बाद 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा. इसके साथ मैदानी जिलों में यह 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा. हालांकि, 13 अप्रैल के बाद मौसम में बदलाव के कुछ आसार नजर आ रहे हैं.
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मौसम विभाग निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि बढ़ते तापमान के कारण अप्रैल में बारिश का न होना है, जो वनाग्नि के लिए घातक साबित हो सकता है. इससे वनाग्नि की घटनाओं में तेजी देखने को मिलेगी. वहीं, ऊंचाई वाले इलाकों में भी हिमस्खलन होने के आसार भी बने रहेंगे. जिस प्रकार से अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में पहाड़ बर्फ विहीन नजर आ रहे हैं. इस बार जिस तरह से पहाड़ों पर अभी से बर्फ दिखनी कम हो गई है, उस तरह का नजारा साल 1994 और 2009 में भी देखने को मिली था.

गर्मी बढ़ने के साथ हॉस्पिटलों में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. हल्द्वानी के डॉक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि गर्मी से बचाव करना है तो पानी और जूस तरल पदार्थ भरपूर मात्रा में लेते रहे. इसके अलावा जितना हो सके बाहर की चीजों को खाने से बचें. साथ ही तले हुए और मिर्च मसाले वाले भोजन का सेवन ज्यादा न करें.

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