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मदन कौशिक ने राज्य में संचालित योजनाओं की दी जानकारी, यहां जानें कितनी मिलेगी सब्सिडी

उत्तराखंड में अभी तक 3 लाख 27 हजार प्रवासी लौट चुके हैं. प्रवासियों और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की है. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में एमएसएमई विभाग में अभी तक कुल 15,109 आवेदन प्राप्त हुए हैं.

madan kaushik
मदन कौशिक
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Published : Jul 10, 2020, 4:42 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 4:54 PM IST

देहरादूनः शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रवासियों और युवाओं को रोजगार देने के लिए एक अंब्रेला के नीचे सभी विभागों की रोजगार परक योजना को ज्यादा आकर्षक व सुविधायुक्त बनाकर लाया गया है. प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सुविधा और कौशल के अनुसार व्यवसाय चयन करने का अवसर दिया गया है. अभी तक 3 लाख 27 हजार प्रवासी आ चुके हैं. वहीं, विभिन्न योजनाओं में अलग-अलग सब्सिडी दी जा रही है.

जानकारी देते शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक.

मदन कौशिक ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि प्रवासियों के लिए उपयुक्त स्वरोजगार प्रदान करने के लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से काउंसलिंग की जाए. साथ ही रोजगार प्रदान करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. विभिन्न व्यवसायों में विनिर्माण के क्षेत्र में 10 लाख से 25 लाख तक का ऋण 15, 20 और 25 फीसदी की सब्सिडी की व्यवस्था की गई है. वहीं, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में एमएसएमई विभाग में अभी तक कुल 15,109 आवेदन प्राप्त हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः रोजगार देगी सेब की बागवानी, उत्तराखंड के काम आएगी पहाड़ की जवानी

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मिले आवेदन-

  • अल्मोड़ा 1360
  • बागेश्वर 517
  • चमोली 847
  • चंपावत 478
  • देहरादून 2682
  • हरिद्वार 1145
  • नैनीताल 1876
  • पौड़ी गढ़वाल 1278
  • पिथौरागढ़ 570
  • रुद्रप्रयाग 493
  • टिहरी गढ़वाल 1361
  • ऊधमसिंह नगर 1625
  • उत्तरकाशी 877

स्वरोजगार देने के लिए बने होप पोर्टल पर कुल 17,653 युवा पंजीकृत हुए हैं.

जिलेवार होप पोर्टल में पंजीकृत युवा-

  • अल्मोड़ा 1574
  • बागेश्वर 517
  • चमोली 429,
  • चंपावत 674
  • देहरादून 3777
  • हरिद्वार 688
  • नैनीताल 1390
  • पौड़ी गढ़वाल 1616
  • पिथौरागढ़ 353
  • रुद्रप्रयाग 2365
  • टिहरी गढ़वाल 1818
  • ऊधमसिंह नगर 2066
  • उत्तरकाशी 388 युवा पंजीकृत हैं.

पोर्टल पर 51 नियोजकों द्वारा 966 रिक्तियां स्वास्थ्य, आईटी और तकनीशियन क्षेत्र में अपलोड की गई हैं. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना डेयरी विभाग में पशुपाल, मत्स्य, डेयरी और सहकारिता के विकास हेतु राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना में एकीकृत कृषि सहकारिता परियोजना वित्तपोषित करते हुए डेयरी के 442.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया है.

ये भी पढ़ेंः अब हर 10 दिन में जनता से रूबरू होगी सरकार, मांगेगी सुझाव

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत सहकारिता विभाग की ओर से मोटर साइकिल, टैक्सी योजना संचालित की गई है. प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए लाभार्थियों को 60 हजार रुपये से 1 लाख 25 हजार तक का ऋण 2 साल के ब्याज मुक्त शर्त के साथ प्रदान किया जाएगा.

उद्यान विभाग के तहत कृषकों और प्रवासियों के लिए विशेष योजनाएं चलाई गई है. मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में कई योजनाएं हैं. जिसमें अनुदान दिया जा रहा है.

विभिन्न योजनाओं में अनुदान-

  • सब्जी, आलू, बीज, फल-पौध, पुष्प बीज- 50 फीसदी अनुदान.
  • कीटनाशक रसायन- 60 फीसदी अनुदान.
  • कूल हाउस- 50 फीसदी अनुदान.
  • रेफ्रिजरेटर वैन- 50 फीसदी अनुदान.
  • छोटी पौधशाला, अखरोट नर्सरी स्थापना- 50 फीसदी अनुदान.
  • मशरूम उत्पादन और विपणन योजना- 50 फीसदी अनुदान.
  • मौन पालन- 50 फीसदी अनुदान.
  • उद्यान की घेरबाड़ी- 50 फीसदी अनुदान.
  • वर्मी कंपोस्ट इकाई- 75 फीसदी अनुदान.
  • उत्तम फसल प्रबंधन- 50 फीसदी अनुदान.
  • मिशन एप्पल- 80 फीसदी अनुदान की व्यवस्था है.

कोरोनाकाल में आर्थिक संकट से उबारने के लिए फेरी व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि योजना को लाया गया है. पात्र पथ विक्रेताओं को 10 हजार रुपये कार्यशील पूंजी ब्याज अनुदान आधारित आसान ऋण पर उपलब्ध कराई जाएगी. यह नियमित धन वापसी पर आधारित है और डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करती है.

ये भी पढ़ेंः जरा संभलकर! जानलेवा हैं उत्तराखंड के ये 74 डेंजर जोन

मदन कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू करने के बाद राज्य के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इस प्रभाव के अंतर्गत नवीन सेवा, व्यवसाय और सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना कर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. युवा उद्यमियों, कुशल व अकुशल दस्तकारों, हस्तशिल्पियों, शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारों को यथासंभव उनके आवासीय स्थल के पास रोजगार के अवसर मिलेंगे. इस योजना से पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी की खोज में होने वाले पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी.

देहरादूनः शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रवासियों और युवाओं को रोजगार देने के लिए एक अंब्रेला के नीचे सभी विभागों की रोजगार परक योजना को ज्यादा आकर्षक व सुविधायुक्त बनाकर लाया गया है. प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सुविधा और कौशल के अनुसार व्यवसाय चयन करने का अवसर दिया गया है. अभी तक 3 लाख 27 हजार प्रवासी आ चुके हैं. वहीं, विभिन्न योजनाओं में अलग-अलग सब्सिडी दी जा रही है.

जानकारी देते शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक.

मदन कौशिक ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि प्रवासियों के लिए उपयुक्त स्वरोजगार प्रदान करने के लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से काउंसलिंग की जाए. साथ ही रोजगार प्रदान करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. विभिन्न व्यवसायों में विनिर्माण के क्षेत्र में 10 लाख से 25 लाख तक का ऋण 15, 20 और 25 फीसदी की सब्सिडी की व्यवस्था की गई है. वहीं, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में एमएसएमई विभाग में अभी तक कुल 15,109 आवेदन प्राप्त हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः रोजगार देगी सेब की बागवानी, उत्तराखंड के काम आएगी पहाड़ की जवानी

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मिले आवेदन-

  • अल्मोड़ा 1360
  • बागेश्वर 517
  • चमोली 847
  • चंपावत 478
  • देहरादून 2682
  • हरिद्वार 1145
  • नैनीताल 1876
  • पौड़ी गढ़वाल 1278
  • पिथौरागढ़ 570
  • रुद्रप्रयाग 493
  • टिहरी गढ़वाल 1361
  • ऊधमसिंह नगर 1625
  • उत्तरकाशी 877

स्वरोजगार देने के लिए बने होप पोर्टल पर कुल 17,653 युवा पंजीकृत हुए हैं.

जिलेवार होप पोर्टल में पंजीकृत युवा-

  • अल्मोड़ा 1574
  • बागेश्वर 517
  • चमोली 429,
  • चंपावत 674
  • देहरादून 3777
  • हरिद्वार 688
  • नैनीताल 1390
  • पौड़ी गढ़वाल 1616
  • पिथौरागढ़ 353
  • रुद्रप्रयाग 2365
  • टिहरी गढ़वाल 1818
  • ऊधमसिंह नगर 2066
  • उत्तरकाशी 388 युवा पंजीकृत हैं.

पोर्टल पर 51 नियोजकों द्वारा 966 रिक्तियां स्वास्थ्य, आईटी और तकनीशियन क्षेत्र में अपलोड की गई हैं. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना डेयरी विभाग में पशुपाल, मत्स्य, डेयरी और सहकारिता के विकास हेतु राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना में एकीकृत कृषि सहकारिता परियोजना वित्तपोषित करते हुए डेयरी के 442.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया है.

ये भी पढ़ेंः अब हर 10 दिन में जनता से रूबरू होगी सरकार, मांगेगी सुझाव

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत सहकारिता विभाग की ओर से मोटर साइकिल, टैक्सी योजना संचालित की गई है. प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए लाभार्थियों को 60 हजार रुपये से 1 लाख 25 हजार तक का ऋण 2 साल के ब्याज मुक्त शर्त के साथ प्रदान किया जाएगा.

उद्यान विभाग के तहत कृषकों और प्रवासियों के लिए विशेष योजनाएं चलाई गई है. मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में कई योजनाएं हैं. जिसमें अनुदान दिया जा रहा है.

विभिन्न योजनाओं में अनुदान-

  • सब्जी, आलू, बीज, फल-पौध, पुष्प बीज- 50 फीसदी अनुदान.
  • कीटनाशक रसायन- 60 फीसदी अनुदान.
  • कूल हाउस- 50 फीसदी अनुदान.
  • रेफ्रिजरेटर वैन- 50 फीसदी अनुदान.
  • छोटी पौधशाला, अखरोट नर्सरी स्थापना- 50 फीसदी अनुदान.
  • मशरूम उत्पादन और विपणन योजना- 50 फीसदी अनुदान.
  • मौन पालन- 50 फीसदी अनुदान.
  • उद्यान की घेरबाड़ी- 50 फीसदी अनुदान.
  • वर्मी कंपोस्ट इकाई- 75 फीसदी अनुदान.
  • उत्तम फसल प्रबंधन- 50 फीसदी अनुदान.
  • मिशन एप्पल- 80 फीसदी अनुदान की व्यवस्था है.

कोरोनाकाल में आर्थिक संकट से उबारने के लिए फेरी व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि योजना को लाया गया है. पात्र पथ विक्रेताओं को 10 हजार रुपये कार्यशील पूंजी ब्याज अनुदान आधारित आसान ऋण पर उपलब्ध कराई जाएगी. यह नियमित धन वापसी पर आधारित है और डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करती है.

ये भी पढ़ेंः जरा संभलकर! जानलेवा हैं उत्तराखंड के ये 74 डेंजर जोन

मदन कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू करने के बाद राज्य के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इस प्रभाव के अंतर्गत नवीन सेवा, व्यवसाय और सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना कर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. युवा उद्यमियों, कुशल व अकुशल दस्तकारों, हस्तशिल्पियों, शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारों को यथासंभव उनके आवासीय स्थल के पास रोजगार के अवसर मिलेंगे. इस योजना से पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी की खोज में होने वाले पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी.

Last Updated : Jul 10, 2020, 4:54 PM IST
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