देहरादून: भारत में ड्रोन एक नई शक्ति बनकर उभरा है. इसका इस्तेमाल अब हर क्षेत्र में किया जा रहा है. उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में तो ड्रोन कई मुश्किल कामों को आसान बना रहा है. उत्तराखंड में ड्रोन के जरिए रोजगार के अवसर भी खुल रहे हैं. हालांकि अभीतक उत्तराखंड सरकार ने ड्रोन को लेकर कोई पॉलिसी नहीं बनाई थी, लेकिन अब ड्रोन पॉलिसी का उत्तराखंड में खाका तैयार किया जा रहा है. आईटीडीए यानी सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी ने उत्तराखंड के लिए ड्रोन पॉलिसी तैयार की है, जिसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा.
दरअसल, उत्तराखंड में ड्रोन का कई क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा रहा है. राज्य सरकार तो अब खेती में भी ड्रोन के इस्तेमाल पर भी जोर दे रही है. ताकि किसान भी कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकें. वहीं ट्रैफिक कंट्रोल करने से लेकर दूरस्थ क्षेत्रों में दवाइयां भेजने तक में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. यही कारण है कि अब आईटीडीए ने ड्रोन पॉलिसी को लेकर खाका तैयार किया है, जिस पर जल्द ही कैबिनेट की मुहर लगने की उम्मीद है.
पढ़ें- ड्रोन के इस्तेमाल से खेती होगी आसान, घर बैठ किसान कर सकेंगे निगरानी, समझें कैसे मिलेगा फायदा
उत्तराखंड राज्य में ड्रोन पॉलिसी लागू होने के बाद ड्रोन का बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसके साथ ही ड्रोन को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की योजना को भी काफी बल मिलेगा. इस बारे में आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि प्रदेश में ड्रोन के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन अभी तक ड्रोन का नीतिगत ढांचा मौजूद नहीं है, जिसके चलते आईटीडीए ने ड्रोन पॉलिसी को तैयार किया है. जिसे आगामी कैबिनेट में मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा जाएगा.
साथ ही डायरेक्टर नितिका खंडेलवाल ने कहा कि ड्रोन पॉलिसी में तमाम अहम बिंदुओं को शामिल किया गया है, जिसके तहत ड्रोन स्कूल और ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग को प्रदेश में बढ़ावा देने के साथ ही ड्रोन की सर्विसेज से लोगों को बेहतर ढंग से लाभ पहुंचे इसका फ्रेम इस ड्रोन पॉलिसी में शामिल किया गया है. कुल मिलाकर ये ड्रोन पॉलिसी प्रदेश में ड्रोन को न सिर्फ प्रमोट करेगी, बल्कि प्रदेश में ड्रोन के बेहतर इस्तेमाल को भी बल मिलेगा.