देहरादून: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भाजपा की जोरदार वापसी से पार्टी के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है. यह मोदी मैजिक का असर तो है ही लेकिन इसमें योगी आदित्यनाथ की जनसभाएं भी बेहद खास रहीं हैं. खास तौर पर उत्तराखंड में योगी आदित्यनाथ ने अंतिम दौर में जिन 2 जिलों में जनसभाएं की वहां भाजपा ने एकतरफा परचम लहराया है. जिसके कारण भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है.
उत्तराखंड के लिहाज से देखें तो प्रदेश में योगी आदित्यनाथ चुनाव से ठीक पहले दो महत्वपूर्ण जनसभाएं की. यह दोनों ही जनसभाएं ऐसे क्षेत्रों में की गई जहां भाजपा के लिए जीत को बेहद मुश्किल माना जा रहा था, लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो योगी की जनसभाओं का असर परिणामों पर साफ-साफ देखने को मिला.
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योगी आदित्यनाथ ने टिहरी और कोटद्वार में जनसभाएं की थी. कोटद्वार में कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेंद्र सिंह नेगी को भाजपा की रितु खंडूड़ी ने शिकस्त दी. टिहरी सीट पर बगावत के बावजूद भाजपा के किशोर उपाध्याय ने दिनेश धनै और कांग्रेस के धन सिंह नेगी को धूल चटाई. योगी की जनसभाओं का ही असर था कि पौड़ी जिले को भाजपा ने क्लीन स्वीप कर सभी 6 विधानसभाओं को जीता. टिहरी जिले में भी 6 विधानसभाओं में से 5 पर भाजपा ने कब्जा किया.
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प्रदेश में मोदी मैजिक और महिलाओं के फ्री राशन जैसी योजनाओं पर बंपर वोटिंग के अलावा योगी आदित्यनाथ के नाम पर भाजपा को जबरदस्त जनसमर्थन मिला. कांग्रेस ने भी माना कि चुनाव में इस बार केवल मोदी लहर का ही असर नहीं दिखा बल्कि योगी आदित्यनाथ की जनसभाओं से भी कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है.
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उत्तराखंड में मोदी और योगी की जोड़ी ने प्रदेश में ऐतिहासिक जीत दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. योगी ने जिस तरह फायर ब्रांड लीडर की तरह प्रदेश में जनसभा करते हुए लोगों को संबोधित किया उसने उत्तराखंड में मोदी के बाद योगी करंट को भी महसूस कराया.