संबलपुर: ओडिशा के संबलपुर और उसके आस-पास के जिलों के आदिवासी बहुल इलाकों की महिलाओं को अक्सर हाशिये पर धकेल दिया जाता है. उन्हें कमाने और परिवार की आय में योगदान देने के लिए दूर-दराज के शहरों में भेज दिया जाता है, जो कि बेहद चिंता का विषय है. वह इसलिए क्योंकि इनमें से ज्यादातर युवतियां मानव तस्करों का शिकार बन जाती हैं. हालांकि, कुछ समान विचारधारा वाले लोग आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें सुरक्षित दिशा प्रदान करने के लिए एक साथ आगे आए हैं.
आदिवासी इलाकों की महिलाओं, लड़कियों को सुरक्षित जीवन प्रदान करने के लिए पुष्पांजलि महाकुर और संजुलता नायक नाम की दो महिला आगे आई हैं. पुष्पांजलि पेशे से एक ब्यूटीशियन और उद्यमी हैं. वहीं संजुलता स्वर्णनारी देवी कल्याण परिषद के तत्वावधान में जिल में आदिवासियों के लिए काम करने वाली एक कार्यकर्ता हैं.
आदिवासी महिलाओं को प्रोफेशनल ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग
इन दोनों महिलाओं ने मिलकर इलाकों की महिलाओं को प्रोफेशनल ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए हाथ मिलाया. उन्होंने जिले की 35 आदिवासी महिलाओं के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया और सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण देने के लिए अहमदाबाद से सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट धीरा कपूर और राजेश पारेख जैसे प्रोफेशनल ट्रेनर को बुलाया.
ब्यूटी पार्लर शुरू करने में मदद दी जाएगी
आयोजकों ने आश्वासन दिया कि बुनियादी प्रशिक्षण के साथ, इन आदिवासी महिलाओं को नौकरी भी दी जाएगी या ब्यूटी पार्लर शुरू करने में मदद की जाएगी. पुष्पांजलि ने बताया कि,कई महिलाएं कम से कम 50 हजार रुपये या उससे कम में इस शॉर्ट टर्म कोर्स को पूरा करती हैं. लेकिन उन्होंने आदिवासी महिलाओं के लिए फ्री में कोर्स करा रही हैं. उनका मानना है कि, दूरदराज के इलाकों के आदिवासी भारी रकम का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं.
आदिवासी महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
उन्होंने कहा कि, वह एक प्रोफेशनल ट्रेंड ब्यूटीशियन हैं इसलिए उन्होंने सोचा कि, इलाकों के भोले-भाले लोगों को सशक्त बनाया जाए ताकि वह भी उनकी तरह आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने कहा कि, महिलाओं के लिए वित्तीय स्वतंत्रता काफी मायने रखता है. उनका महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का यह प्रयास इस दिशा में एक छोटा सा कदम है.
आदिवासी महिलाओं की जिंदगी बदलने की एक कोशिश
पुष्पांजलि और संजुलता का कहना है कि, वर्कशॉप में ट्रेनी महिलओं को बुनियादी रंग-मेकअप और हेयरस्टाइल के बारे में बताया गया. उन्हें यह भी सिखाया गया कि सही प्रोडक्ट का चुनाव कैसे करें. सही प्रोडक्ट का इस्तेमाल करके कैसे अपने लुक को निखारा जाए, इन सभी बातों की जानकारी महिलाओं को दी गई है.
वर्कशॉप में कई ब्यूटीशियन भी शामिल हुए
मेकअप आर्टिस्ट पुष्पांजलि को ब्यूटी इंडस्ट्री में 20 सालों से अधिक का अनुभव है. उन्होंने बताया कि, हमारा क्षेत्र अवसरों के मामले में काफी पीछे है. हमारी कई बेटियां कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि, आदिवासी महिलाओं को एक व्यवहार्य विकल्प प्रदान करके इसमें बदलाव लाना चाहती हैं.
वहीं वर्कशॉप में आस-पास के जिलों से सफल ब्यूटीशियन भी शामिल हुए. उन्होंने प्रशिक्षुओं के साथ अपनी कहानियां साझा कीं. पुष्पांजलि ने कहा कि, यह सबकुछ इसलिए किया जा रहा है ताकि, इन महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए. उन्हें यह महसूस कराया जा सके कि, समुदाय में रहते हुए भी ब्यूटीशियन के रूप में सफल करियर बनाना संभव है.
प्रतिभा खुद का एक ब्यूटी पॉर्लर खोलना चाहती हैं
झारसुगुड़ा के नुआडीही गांव के 21 साल की प्रतिभा पट्टा गांव में बकरी चराती है. संजुलता ने उसे इस वर्कशॉप के बारे में बताया और उसे इसमें भाग लेने के लिए कहा. उन्होंने प्रतिभा को बताया कि, बकरी चराने का काम छोड़कर अगर वह वर्कशॉप अटैंड करती हैं तो इससे उनकी जिंदगी में बदलाव आ सकता है. प्रतिभा ने बताया कि, संजुलता ने उसे और अन्य आदिवासी युवतियों को वर्कशॉप में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया.
प्रतिभा ने बताया कि, संजुलता ने बताया कि, वर्कशॉप अटैंड करने के लिए उसे पैसे खर्च नहीं करने होंगे. यह उनके लिए निशुल्क है. प्रतिभा वह लड़की है जिसने संबलपुर जिले के कुचिंडा के पास केशाइबहाल में बसुदेव गोदावरी डिग्री कॉलेज से शिक्षा ऑनर्स में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है.
प्रतिभा ने कहा कि, उसे विश्वास है कि ट्रेनिंग के बाद वह अपना खुद का एक ब्यूटी पार्लर खोल पाएंगी. उसने कहा कि, वह प्रशिक्षण लेकर अपने गांव में दूसरों को भी प्रशिक्षित करने का काम करेंगी. प्रतिभा ने कहा कि, यह वर्कशॉप गरीबी और शोषण के चक्र से आजाद होने का एक मौका है.
अहमदाबाद के ट्रेनर राजेश पारेख ने क्या कहा?
वहीं दूसरी तरफ, अहमदाबाद के ट्रेनर राजेश पारेख ने कहा कि यह कार्यशाला तकनीकी कौशल के बारे में नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने के बारे में भी है. उन्होंने कहा, "हम इन महिलाओं को हर शख्स के चेहरे और व्यक्तित्व की अनूठी जरूरतों को समझना सिखा रहे हैं. ऐसे कौशल के साथ, वे न केवल स्थानीय स्तर पर काम कर सकती हैं, बल्कि अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकती हैं."
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए फ्री ट्रेनिंग
उन्होंने अधिक से अधिक आदिवासी लड़कियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देने की इच्छा जताई. उन्होंने आश्वासन दिया कि "किसी भी शहर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें, बस उनकी यात्रा का खर्च दें, और वह 3 से 4 दिन वहां रहकर प्रशिक्षण देंगे. उन्होंने कहा कि, आदिवासियों के लिए काम करने से बढ़कर उनके लिए कोई और काम नहीं हो सकता. उन्होंने उम्मीद जताई कि "काश हम राज्य सरकार के साथ सहयोग कर पाते, ताकि प्रशिक्षुओं को अपना खुद का उद्यम शुरू करने के लिए कम से कम कुछ सब्सिडी मिल सके."
बॉलीवुड मेकअप आर्टिस्ट धीरा कपूर ने कहा...
वहीं, बॉलीवुड मेकअप आर्टिस्ट धीरा कपूर ने कहा कि, उनका उद्देश्य इन आदिवासी महिलाओं को ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाना है, जिसका उपयोग वे अपना करियर बनाने के लिए कर सकती हैं. उन्हें यकीन है कि प्रशिक्षण सत्र उन्हें नौकरी पाने में मदद करेंगे या उन्हें उद्यमी बनने का मौका भी देंगे. हालांकि, संजुलता ने स्पष्ट रूप से बताया कि यह कार्यक्रम आवश्यकता के कारण शुरू किया गया था.
धीरा कपूर ने कहा कि, उन्होंने देखा है कि हमारी लड़कियों को केवल अविश्वास के कारण मानव तस्करी में फंसाया जाता है. उन्हें नौकरी के बहाने भेजा जाता था, लेकिन वे बंधुआ मजदूर बन जाती थीं. इसलिए उन्होंने महिलाओं को कौशल से लैस करने का फैसला किया, ताकि उन्हें काम की तलाश में घर से बाहर न जाना पड़े.
आदिवासी महिलाओं को प्रशिक्षित करना लक्ष्य
वहीं, संजुलता आदिवासी बहुल 500 गांवों में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले हमारी लड़कियों को नौकरी दिलाने के बहाने दिल्ली और मुंबई ले जाया गया. हमने यहां कुछ ऐसा करने का फैसला किया, जिससे उन्हें काम के लिए बाहर जाने की जरूरत ही न पड़े." उन्होंने उम्मीद जताई कि, अधिक से अधिक आदिवासी लड़कियां खुद को प्रशिक्षित करने के लिए आगे आएंगी.
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