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'कलयुगी रावण' की नई चाल, अब राम को नहीं, पर्यावरण को पहुंचा रहा नुकसान - पर्यावरणविद अनिल जोशी

आज देशभर में दशहरे का पर्व मनाया जाएगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दौरान होने वाले रावण और लंका दहन में कितना वायु प्रदूषण फैलता है ? प्रदेश के जाने-माने पर्यावरणविद पद्मश्री अनिल जोशी ने दशहरा और दिवाली जैसे पर्वों पर फैलने वाले प्रदूषण पर चिंता जाहिर की है.

जलते रावण से होता प्रदूषण.
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Published : Oct 8, 2019, 5:13 PM IST

Updated : Oct 8, 2019, 8:07 PM IST


देहरादून: पूरे देश में दशहरे और दीपावली की खासा धूम मची हुई है. हर कोई इन त्योहारों पर आतिशबाजी कर उत्सव मनाना चाहता है. लेकिन जलते रावण के पुतले से निकलता धुआं हो या फिर पटाखों से, यह धुआं पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहा है.

आतिशबाजी से पर्यावरण को हो रहा नुकसान.

पर्यावरणविद पद्मश्री अनिल जोशी ने बताया कि आज से कई सालों पहले जब इन पर्वों की शुरुआत हुई थी, तब के मुकाबले आज परिस्तिथियां काफी बदल चुकी हैं. पहले चारों ओर हरियाली हुआ करती थी. लेकिन आज हरियाली कम और कंक्रीट के जंगल ज्यादा नजर आते हैं.

पढे़ं- नकली मावा फैक्ट्री मामला: सामने आई ये चौंकाने वाली जांच, आरोपियों पर कसा शिकंजा

ऐसे में दशहरे और दीपावली के मौकों पर आतिशबाजी पर्यावरण में एक दिन में वायु प्रदूषण 50 -100 पीएम तक बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि लोग इस बात को समझे कि वे किस तरह आतिशबाजी कर हर साल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

वर्तमान में देहरादून शहर की हवाओं में प्रदूषण साल दर साल तेजी से बढ़ता जा रहा है. NGT ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए एयर एक्शन प्लान तैयार करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

बता दें कि CPCB (central pollution control Board) के एक सर्वे के अनुसार देश के 122 प्रदूषित शहरों में उत्तराखड राज्य के 3 शहरों का नाम शामिल है. जिसमें ऋषिकेश, देहरादून और काशीपुर है. प्रदेश के यह वे शहर हैं, जहां वायु प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 और पीएम 10 को पार कर चुका है, जो किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं है.


देहरादून: पूरे देश में दशहरे और दीपावली की खासा धूम मची हुई है. हर कोई इन त्योहारों पर आतिशबाजी कर उत्सव मनाना चाहता है. लेकिन जलते रावण के पुतले से निकलता धुआं हो या फिर पटाखों से, यह धुआं पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहा है.

आतिशबाजी से पर्यावरण को हो रहा नुकसान.

पर्यावरणविद पद्मश्री अनिल जोशी ने बताया कि आज से कई सालों पहले जब इन पर्वों की शुरुआत हुई थी, तब के मुकाबले आज परिस्तिथियां काफी बदल चुकी हैं. पहले चारों ओर हरियाली हुआ करती थी. लेकिन आज हरियाली कम और कंक्रीट के जंगल ज्यादा नजर आते हैं.

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ऐसे में दशहरे और दीपावली के मौकों पर आतिशबाजी पर्यावरण में एक दिन में वायु प्रदूषण 50 -100 पीएम तक बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि लोग इस बात को समझे कि वे किस तरह आतिशबाजी कर हर साल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

वर्तमान में देहरादून शहर की हवाओं में प्रदूषण साल दर साल तेजी से बढ़ता जा रहा है. NGT ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए एयर एक्शन प्लान तैयार करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

बता दें कि CPCB (central pollution control Board) के एक सर्वे के अनुसार देश के 122 प्रदूषित शहरों में उत्तराखड राज्य के 3 शहरों का नाम शामिल है. जिसमें ऋषिकेश, देहरादून और काशीपुर है. प्रदेश के यह वे शहर हैं, जहां वायु प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 और पीएम 10 को पार कर चुका है, जो किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं है.

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देहरादून- आज देशभर में दशहरे का पर्व मनाया जाएगा । लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दौरान होने वाले रावण दहन और लंका दहन में कितना वायु प्रदूषण फैलता है ? प्रदेश के जाने-माने पर्यावरणविद पद्मश्री अनिल जोशी ने दशहरा और दीवाली जैसे पर्व के मौके पर हवा में फैलने वाले प्रदूषण पर चिंता जाहिर की है ।

पर्यावरणविद पद्मश्री अनिल जोशी के मुताबिक आज से कई सालों पहले जब इन पर्व की शुरुआत हुई थी तब के मुकाबले आज परिस्तिथियां काफी बदल चुकी हैं । पहले चारो और हरियाली हुआ करती थी । लेकिन आज हरियाली कम और चारो ओर कांक्रीट के जंगल नज़र आते हैं । ऐसे में दशहरे और दीपावली जैसे पर्व के मौके पर जिस तरह अतिशबाजी की जाती है उससे हमारे पर्यावरण में एक दिन में वायु प्रदूषण 50 -100 पीएम तक बढ़ जाता है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि लोग इस बात को समझे कि हम किस तरह आतिशबाजी कर हर साल पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे रहें ।






Body:यहां आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि वर्तमान में देहरादून शहर की हवाओं में प्रदूषण साल दर साल तेज़ी से बढ़ता जा रहा है । NGT ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए एयर एक्शन प्लान तैयार करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं ।

byte-एसपी सुबुद्धि सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड



Conclusion:बता दें कि CPCB ( central pollution control Board) के एक सर्वे के अनुसार देश के 122 प्रदूषित शहरों में उत्तराखड राज्य के 3 शहरों का नाम शामिल है । जिसमें ऋषिकेश, देहरादून और काशीपुर शामिल है । प्रदेश के यह वह शहर हैं जहां वायु प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 और पीएम 10 को पार कर चुका है । जो किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नही है ।
Last Updated : Oct 8, 2019, 8:07 PM IST
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