देहरादून: औद्योगिक सेक्टर के भ्रष्टाचार पर कठोर कार्रवाई ना होने और रामगढ़ राजकीय उद्यान पार्क की जमीन को सिडकुल को दिए जाने के खिलाफ बागवानी काश्तकार संगठन मुखर है. साथ ही काश्तकार संगठन ने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया. वहीं प्रदर्शनकारियों ने सीएम आवास कूच किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पहले ही रोक दिया. जिसके बाद मांगों को लेकर संगठन के शिष्टमंडल ने सचिवालय में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया है.
मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में उद्यान लगाओ, उद्यान बचाओ संगठन के संरक्षक दीपक करगेती ने एक बार फिर उद्यान निदेशक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी जिलों के काश्तकार और सामाजिक कार्यकर्ता सरकार द्वारा उद्यान विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर बढ़ावा दिए जाने और रामगढ़ स्थित राजकीय उद्यान को सिडकुल स्थित कंपनियों को दिए जाने से अत्यंत व्यथित हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न मंचों से सरकार के इस आदेश को वापस लेने और भ्रष्टाचार पर ठोस कार्रवाई की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है.
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उन्होंने कहा कि राज्य की औद्यानिकी में नर्सरी एक्ट का उल्लंघन करते हुए राज्य के मेहनती काश्तकारों और नर्सरी धारकों को पौधों का आवंटन ना कर एक पौधशाला से राज्य में लाखों पौधों का आवंटन करवाया जा रहा है. ऐसे में निदेशक उद्यान और अन्य लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग की आंख कहे जाने वाले रामगढ़ राजकीय उद्यान की जमीन को सिडकुल जैसी कंपनियों के हाथों में दिया जाना सरकार का गलत निर्णय है. इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से राज्य सरकार को वापस लेना चाहिए. इसके अलावा काश्तकार संगठन ने सरकार से यह मांग उठाई है कि उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यानों और उत्तराखंड राज्य नर्सरी एक्ट का पालन कर निजी नर्सरी बना चुके किसानों का भौतिक सत्यापन किया जाए. साथ ही फल पौध खरीद में जिला सेक्टर राज्य सेक्टर और केंद्र सेक्टर की योजनाओं में सबसे पहले वरीयता दी जाए.