देहरादून: एक बार फिर से कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 सामने आया है. लिहाजा, इस वेरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. उत्तराखंड में कोरोना के नए वेरिएंट का जब एक भी मामला नहीं था, तब स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां मुकम्मल होने का दावा कर रहा था, लेकिन इसी बीच उत्तराखंड में कोरोना के दो मरीज मिल गए हैं. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और ज्यादा अलर्ट होने का दावा कर रहा है.
दरअसल, देश में कोविड का नया वेरिएंट जेएन.1 तेजी से फैल रहा है. यह वेरिएंट भी कोविड के बाकी वेरिएंट की तरह ही है. जिसके लक्षण भी पहले जैसे ही है. इसी दहशत के बीच उत्तराखंड में भी कोविड के दो मामले सामने आए हैं. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि मरीज वेरिएंट जेएन.1 से ग्रसित हैं या नहीं. क्योंकि अभी तक इन मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो पाई है. उम्मीद है कि एक सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के नतीजे जल्द आ जाएंगे. जिसके बाद कोविड के वास्तविक रूप की जानकारी मिल सकेगी.
कितना खतरनाक है ये वेरिएंट? वहीं, कोविड 19 के नोडल अधिकारी डॉक्टर पंकज सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है, लेकिन कोविड का नया स्वरूप घातक नहीं हैं. क्योंकि, अभी तक कोविड के जितने भी नए वेरिएंट आए हैं, वे सिर्फ एक संक्रमण की तरह फैलते रहे हैं. लिहाजा, लोगों को इस नए कोरोना वेरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, भारत सरकार की ओर से इस वेरिएंट को लेकर कोई खतरे की बात नहीं कही गई है. साथ ही कहा की जो सीजनल कफ के लक्षण हैं, वही लक्षण कोविड के हैं, लेकिन इस नए वेरिएंट को लेकर कोई ऐसी जानकारी नहीं है कि इसके कुछ अलग लक्षण हों.
स्वास्थ्य महकमे की तैयारियां मुकम्मल: कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने की तैयारियों पर नोडल अधिकारी ने बताया कि कोविड के पहले वेरिएंट के दौरान तमाम तैयारियां की गई थी. लिहाजा, समय-समय पर मॉक ड्रिल के माध्यम से इसकी समीक्षा की जाती रही है. इसी कड़ी में दिसंबर 2023 में भी तैयारी के संबंध में मॉक ड्रिल किया गया था. जिसमें यह पता चला की सारी व्यवस्थाएं पूरी है. लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. ऐसे में जनता को घबराने की जरूरत नहीं है.
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दून अस्पताल कोरोना से निपटने को तैयार: वहीं, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना ने बताया कि जिस तरह से पहले कोविड काल के दौरान दून अस्पताल ने मरीजों का इलाज किया गया था, उसी तरह से इस बार फिर तैयारियां पूरी कर ली गई है. ऐसे में कोविड संक्रमित इलाज के लिए जिस भी चीज की जरूरत है, वो सभी चीज उपलब्ध हैं. ऐसे में जनता को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के साथ ही साफ सफाई समेत संक्रमण से जुड़ी अन्य चीजों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. क्योंकि, ठंड के मौसम में सर्दी जुकाम जैसे संक्रमण होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत? वहीं, उत्तराखंड में कोविड से निपटने की तैयारियों के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर दी थी. इसके साथ ही सभी जिला अस्पतालों में 10-10 बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं. ताकि, उनको अलग से सुविधा दिया जा सके.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार: हाल ही में देहरादून में कोरोना के दो मरीज मिलने के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल अलर्ट मोड पर है. फिलहाल, अस्पताल में अब तक कोई कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है, लेकिन कोरोना को देखते हुए अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. जिसमें ऑक्सीजन से लेकर तमाम व्यवस्थाएं जुटाई गई है.
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यूजर चार्जेस को लेकर भेजा प्रस्ताव: जिला अस्पताल यानी कोरोनेशन अस्पताल की ओर से शासन को यूजर चार्ज एक समान किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है. उत्तराखंड के सरकारी अस्पताल में फिलहाल यूजर चार्ज साल के पहले दिन से नहीं बढ़ाए गए हैं. 1 जनवरी से सरकारी अस्पताल में यूजर चार्ज में 10% की बढ़ोतरी की जाती रही है. जिस पर अस्पताल की पीएमएस डॉ शिखा जंगपांगी का कहना है कि शासन को भेजे गए प्रस्ताव में सभी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में एक ही रेट रखे जाने का आग्रह किया गया है.
ताकि, यूजर चार्ज को लेकर भिन्नता ना आए और मरीजों को भी परेशानियों का सामना न करना पड़े. उन्होंने बताया कि अगर सरकार यूजर चार्ज बढ़ाती है तो पर्चे से लेकर जांचों के लिए लिया जाने वाला शुल्क राउंड फिगर में रखा जाए. ताकि, मरीजों के साथ-साथ अस्पताल के कैश काउंटर में तैनात कैशियर को भी सहूलियत मिल सके.