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राजधानी का स्कूल बना नशाखोरी का अड्डा, शिक्षा व्यवस्था की दिख रही बदहाली

प्रदेश में स्कूलों की क्या हालत है. इसका अंदाजा राजधानी की स्कूलों को देखकर लगाया जा सकता है. राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बंजारावाला देहरादून की यह स्कूल शाम ढलते ही नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है. जिसको लेकर शिक्षा अधिकारी भी अनजान बने हुए हैं.

देहरादून
राजधानी की स्कूल बनी नशाखोरी का अड्डा
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Published : Jan 19, 2021, 8:15 AM IST

Updated : Jan 19, 2021, 3:43 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. ये में शायद शिक्षा महकमे के अधिकारियों की आंखें ये खबर खोल सकेगी. ईटीवी भारत आज शिक्षा के हालातों पर अपनी रिपोर्ट में राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बंजारावाला को दिखाने जा रहा है. जहां शिक्षा के इस मंदिर में नशाखोरी का अड्डा चलाए जाने की तस्दीक कर रहा है. देखिये खास रिपोर्ट.

राजधानी स्थित स्कूल की बदहाली

कहने को तो यह राजधानी का स्कूल, लेकिन इस विद्यालय का जर्जर भवन देखकर किसी दूरस्थ क्षेत्र की बदहाल स्कूल की याद आ जाती है. राजधानी के स्कूलों को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का मॉडल माना जाता है. अब उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के इसी मॉडल को इस स्कूल के हालातों से समझिए. यह स्कूल देहरादून नगर निगम यानी शहरी क्षेत्र में स्थित है. राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बंजारावाला प्रदेश में बाकी स्कूलों की तरह ही लॉकडाउन के दौरान बंद रहा. हालांकि, 10वीं और 12वीं की कक्षायें खोले जाने के आदेश के बाद स्कूल को फिलहाल इन कक्षाओं के लिए रेगुलर चलाया जा रहा है.

राजधानी का स्कूल बना नशाखोरी का अड्डा.

ये भी पढ़ें: नए साल पर त्रिवेंद्र सरकार का तोहफा, मनरेगा में मिलेगा 150 दिन का रोजगार

स्कूल बना नेशेड़ियों का अड्डा

स्थानीय लोगों के मुताबिक, शिक्षा का यह मंदिर नशेड़ियों के लिए एक अड्डा बन चुका है. स्कूल परिसर में कई आपत्तिजनक चीजें दिखाई दे सकती है. इस स्कूल की चारदीवारी में की गई तोड़फोड़, यह बताती है कि कैसे शरारती तत्व खाली समय में स्कूल को अपने नशे का अड्डा बना रहे हैं.

जर्जर भवन और कुव्यवस्था का अंबार

इस स्कूल में ना केवल मैदान में आपत्तिजनक बिखरी चीजें सवाल खड़े कर रही है, बल्कि यहां का टूटा हुआ शौचालय और दीवारों में गिरता पलस्तर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की स्कूल से बेरुखी को जाहिर कर रहा है. दीवार से उखड़ी हुई ट्यूबलाइट और खिड़कियों से निकल रही जालियां बदहाली की तस्वीरों में शामिल है. इससे भी बड़ी बात यह है कि साल 2014-15 में बने स्कूल भवन का हाल ऐसा है, जैसे मानों दशकों पुरानी को कोई जर्जर भवन हो.

ईटीवी भारत ने शिक्षा मंत्री से किए सवाल

यह उस स्कूल का हाल है जो राजधानी में स्थित है. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से भी बात की और राजधानी में जर्जर स्कूलों का सवाल उठाया. जिसपर मंत्री जी ने जवाब में बंद पड़े स्कूलों में सफाई व्यवस्था और उग रही झाड़ियों को जल्द सुधारने के रूप में कराने की बात कही.

मनीष सिसोदिया ने भी खड़े किए थे सवाल

जाहिर है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली पर जो सवाल खड़े किए थे, उसके बाद से ही उत्तराखंड में सरकार शिक्षा व्यवस्था के सवाल पर बैकफुट पर है. ऐसे में राजधानी के इस स्कूल की तस्वीर का जवाब भी सरकार के पास शायद नहीं है.

देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. ये में शायद शिक्षा महकमे के अधिकारियों की आंखें ये खबर खोल सकेगी. ईटीवी भारत आज शिक्षा के हालातों पर अपनी रिपोर्ट में राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बंजारावाला को दिखाने जा रहा है. जहां शिक्षा के इस मंदिर में नशाखोरी का अड्डा चलाए जाने की तस्दीक कर रहा है. देखिये खास रिपोर्ट.

राजधानी स्थित स्कूल की बदहाली

कहने को तो यह राजधानी का स्कूल, लेकिन इस विद्यालय का जर्जर भवन देखकर किसी दूरस्थ क्षेत्र की बदहाल स्कूल की याद आ जाती है. राजधानी के स्कूलों को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का मॉडल माना जाता है. अब उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के इसी मॉडल को इस स्कूल के हालातों से समझिए. यह स्कूल देहरादून नगर निगम यानी शहरी क्षेत्र में स्थित है. राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बंजारावाला प्रदेश में बाकी स्कूलों की तरह ही लॉकडाउन के दौरान बंद रहा. हालांकि, 10वीं और 12वीं की कक्षायें खोले जाने के आदेश के बाद स्कूल को फिलहाल इन कक्षाओं के लिए रेगुलर चलाया जा रहा है.

राजधानी का स्कूल बना नशाखोरी का अड्डा.

ये भी पढ़ें: नए साल पर त्रिवेंद्र सरकार का तोहफा, मनरेगा में मिलेगा 150 दिन का रोजगार

स्कूल बना नेशेड़ियों का अड्डा

स्थानीय लोगों के मुताबिक, शिक्षा का यह मंदिर नशेड़ियों के लिए एक अड्डा बन चुका है. स्कूल परिसर में कई आपत्तिजनक चीजें दिखाई दे सकती है. इस स्कूल की चारदीवारी में की गई तोड़फोड़, यह बताती है कि कैसे शरारती तत्व खाली समय में स्कूल को अपने नशे का अड्डा बना रहे हैं.

जर्जर भवन और कुव्यवस्था का अंबार

इस स्कूल में ना केवल मैदान में आपत्तिजनक बिखरी चीजें सवाल खड़े कर रही है, बल्कि यहां का टूटा हुआ शौचालय और दीवारों में गिरता पलस्तर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की स्कूल से बेरुखी को जाहिर कर रहा है. दीवार से उखड़ी हुई ट्यूबलाइट और खिड़कियों से निकल रही जालियां बदहाली की तस्वीरों में शामिल है. इससे भी बड़ी बात यह है कि साल 2014-15 में बने स्कूल भवन का हाल ऐसा है, जैसे मानों दशकों पुरानी को कोई जर्जर भवन हो.

ईटीवी भारत ने शिक्षा मंत्री से किए सवाल

यह उस स्कूल का हाल है जो राजधानी में स्थित है. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से भी बात की और राजधानी में जर्जर स्कूलों का सवाल उठाया. जिसपर मंत्री जी ने जवाब में बंद पड़े स्कूलों में सफाई व्यवस्था और उग रही झाड़ियों को जल्द सुधारने के रूप में कराने की बात कही.

मनीष सिसोदिया ने भी खड़े किए थे सवाल

जाहिर है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली पर जो सवाल खड़े किए थे, उसके बाद से ही उत्तराखंड में सरकार शिक्षा व्यवस्था के सवाल पर बैकफुट पर है. ऐसे में राजधानी के इस स्कूल की तस्वीर का जवाब भी सरकार के पास शायद नहीं है.

Last Updated : Jan 19, 2021, 3:43 PM IST
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