ETV Bharat / state

सियासत के किस्सों से भरी है हरदा की 'उत्तराखंडियत', राजराजेश्वराश्रम महाराज ने किया लोकार्पण - देहरादून में हरीश रावत की किताब का लोकार्पण

देहरादून में हरीश रावत की किताब रिलीज हुई. जगतगुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज ने किताब का लोकार्पण किया. इस दौरान हरीश रावत ने किताब के किस्सों पर सफाई दी.

Etv Bharat
देहरादून में रिलीज हुई हरीश रावत किताब
author img

By

Published : Apr 29, 2023, 8:01 PM IST

Updated : Apr 29, 2023, 10:06 PM IST

देहरादून में रिलीज हुई हरीश रावत किताब

देहरादून: राजधानी देहरादून में आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की किताब 'मेरा जीवन लक्ष्य उत्तराखंडियत' का लोकार्पण हुआ. जगदगुरु शंकराचार्य राज राजेश्वराश्रम महाराज ने हरीश रावत की पुस्तक का लोकार्पण किया. इस मौके पर कांग्रेस नेताओं के अलावा समाजवादी पार्टी और सीपीआई के कई नेता मौजूद रहे. करीब 600 से अधिक पन्नों की इस किताब में हरीश रावत ने अपने जीवन काल में हुए घटनाक्रमों का उल्लेख किया है. इस पुस्तक में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत और पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए हैं.

किताब विमोचन के मौके पर हरीश रावत ने कहा वह जगतगुरु शंकराचार्य और तमाम लोगों के आभारी हैं जिन्होंने स्नेह जताया. पुस्तक में गोविंद बल्लभ पंत का जिक्र किए जाने पर हरीश रावत ने कहा यह एक ऐतिहासिक घटनाक्रम है, क्योंकि, उत्तर प्रदेश के विभाजन की जब बात आई थी तब गोविंद बल्लभ पंत ने नेहरू से कहा था कि यह मेरा विशाल शरीर उत्तर प्रदेश है. इसका विभाजन नहीं होना चाहिए, तब पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में जब उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बात सामने आई उस दौरान एनडी तिवारी ने गोविंद बल्लभ पंत का उदाहरण देते हुए वही बात दोहराई थी.

पढ़ें- Harish Rawat book controversy: किताब के किस्सों से ही विवादों में घिरे हरदा, 'उत्तराखंडियत' पर हमलावर हुई BJP

दरअसल, हरीश रावत की किताब में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का जिक्र किया गया है. पुस्तक के पेज नंबर 351 हरीश रावत ने उल्लेख किया है कि उनके प्रस्ताव पर तत्कालीन पीएम पीवी नरसिम्हा राव, उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर सहमत थे. इसके लिए उत्तराखंड के नेताओं को बुलाया गया था. उन्होंने तिवारी को भी न्यौता दिया, लेकिन, तिवारी पहले ही केंद्र में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज थे. ऐसे में उन्होंने नाम लेते हुए कहा कि गोविंद बल्लभ पंत ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से कहा था उत्तर प्रदेश का विभाजन उनकी लाश पर होगा. वह भी ऐसा ही सोचते हैं. यह सुनते ही निराश राव बैठक से चले गए. बैठक में नरसिंहा राव मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. इसके साथ ही पुस्तक में तमाम घटनाक्रमों का जिक्र भी हरीश रावत ने किया है.

देहरादून में रिलीज हुई हरीश रावत किताब

देहरादून: राजधानी देहरादून में आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की किताब 'मेरा जीवन लक्ष्य उत्तराखंडियत' का लोकार्पण हुआ. जगदगुरु शंकराचार्य राज राजेश्वराश्रम महाराज ने हरीश रावत की पुस्तक का लोकार्पण किया. इस मौके पर कांग्रेस नेताओं के अलावा समाजवादी पार्टी और सीपीआई के कई नेता मौजूद रहे. करीब 600 से अधिक पन्नों की इस किताब में हरीश रावत ने अपने जीवन काल में हुए घटनाक्रमों का उल्लेख किया है. इस पुस्तक में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत और पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए हैं.

किताब विमोचन के मौके पर हरीश रावत ने कहा वह जगतगुरु शंकराचार्य और तमाम लोगों के आभारी हैं जिन्होंने स्नेह जताया. पुस्तक में गोविंद बल्लभ पंत का जिक्र किए जाने पर हरीश रावत ने कहा यह एक ऐतिहासिक घटनाक्रम है, क्योंकि, उत्तर प्रदेश के विभाजन की जब बात आई थी तब गोविंद बल्लभ पंत ने नेहरू से कहा था कि यह मेरा विशाल शरीर उत्तर प्रदेश है. इसका विभाजन नहीं होना चाहिए, तब पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में जब उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बात सामने आई उस दौरान एनडी तिवारी ने गोविंद बल्लभ पंत का उदाहरण देते हुए वही बात दोहराई थी.

पढ़ें- Harish Rawat book controversy: किताब के किस्सों से ही विवादों में घिरे हरदा, 'उत्तराखंडियत' पर हमलावर हुई BJP

दरअसल, हरीश रावत की किताब में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का जिक्र किया गया है. पुस्तक के पेज नंबर 351 हरीश रावत ने उल्लेख किया है कि उनके प्रस्ताव पर तत्कालीन पीएम पीवी नरसिम्हा राव, उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर सहमत थे. इसके लिए उत्तराखंड के नेताओं को बुलाया गया था. उन्होंने तिवारी को भी न्यौता दिया, लेकिन, तिवारी पहले ही केंद्र में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज थे. ऐसे में उन्होंने नाम लेते हुए कहा कि गोविंद बल्लभ पंत ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से कहा था उत्तर प्रदेश का विभाजन उनकी लाश पर होगा. वह भी ऐसा ही सोचते हैं. यह सुनते ही निराश राव बैठक से चले गए. बैठक में नरसिंहा राव मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. इसके साथ ही पुस्तक में तमाम घटनाक्रमों का जिक्र भी हरीश रावत ने किया है.

Last Updated : Apr 29, 2023, 10:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.