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सावन का पहला सोमवार, ऐसे करें जलाभिषेक, मिलेगा मनोवांछित फल

सावन के सोमवार को भगवान शिव की अराधना और जलाभिषेक करने से विशेष फल मिलता है. महादेव शिव के जलाभिषेक में इस्तेमाल होने वाले बेलपत्र, रूद्राक्ष और भस्म से भी भक्तजनों को काफी लाभ पहुंचता है. जहां बेलपत्र से मधुमेह जैसी बीमारी नियंत्रण में रहती है. वहीं, रूद्राक्ष हृदय रोग को दूर करता है.

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Published : Jul 21, 2019, 6:42 PM IST

देहरादूनः भगवान शिव का प्रिय महीना सावन शुरू हो चुका है. हिंदू धर्म में इस महीने को काफी पवित्र माना जाता है. इसी कड़ी में इस बार सावन महीने का पहला सोमवार 22 जुलाई यानि कल है. ऐसे में पवित्र सावन महीने में महादेव शिव की आराधना कैसे की जाए, इसके बारे में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए धर्माचार्यों ने विशेष विधि बताए हैं. आईये आपको बताते हैं...

ईटीवी भारत से धर्माचार्य पंडित सुभाष जोशी की खास बातचीत.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए धर्माचार्य पंडित सुभाष जोशी ने बताया कि पवित्र सावन शुद्धि का महीना है. इस दौरान नदी-नालों में बहने वाले जल के साथ ही मनुष्य और अन्य जीव-जंतु के शरीर में मौजूद जल की शुद्धि होती है. पुराणों में भी सावन महीने को महादेव शिव का प्रिय महीना बताया गया है. इसलिए सावन महीने में महादेव शिव की सच्चे मन से आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

ये भी पढ़ेंः सावधान! प्लास्टिक के बर्तनों का करते हैं प्रयोग तो जरूर पढ़े ये खबर

महादेव शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. भक्तजन सावन के इस पूरे पवित्र महीने में महादेव शिव का जलाभिषेक करते हैं, तो महादेव उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. धर्माचार्य जोशी का कहना है कि कोई व्यक्ति हर दिन महादेव का जलाभिषेक नहीं कर पा रहा है, तो उसे सावन महीने के हर सोमवार को शुद्ध जल से महादेव का जलाभिषेक करना चाहिए.

इसके अलावा महादेव शिव के जलाभिषेक में इस्तेमाल होने वाले बेलपत्र, रूद्राक्ष और भस्म से भी भक्तजनों को काफी लाभ पहुंचता है. जहां बेलपत्र से मधुमेह जैसी बीमारी नियंत्रण में रहती है. वहीं, रूद्राक्ष हृदय रोग को दूर करता है. इस दौरान 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का जाप कर सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः हिमालयी राज्यों के लिए अलग मंत्रालय बनाने की मांग, उत्तराखंड कर रहा प्रतिनिधित्व

धर्माचार्य सुभाष जोशी के मुताबिक महादेव का जलाभिषेक करने के लिए यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि आप किसी ऐतिहासिक शिव मंदिर में जाकर ही जलाभिषेक करें. आप अपने घर के मंदिर में भी महादेव शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं, महादेव भोलेनाथ हैं. इसलिए सच्चे मन से जलाभिषेक करने वाले अपने हर भक्त की मनोकामना महादेव जरूर पूरी करते हैं.

वहीं, महादेव का जलाभिषेक करने से कुंवारी लड़कियों को वर के रूप में अच्छे साथी की प्राप्ति होती है. ऐसे में कोई शादी योग्य स्त्री पूरे सावन महीने सच्चे मन से महादेव का जलाभिषेक करती हैं. उसे सुखद दांपत्य जीवन की भी प्राप्ति होती है.

देहरादूनः भगवान शिव का प्रिय महीना सावन शुरू हो चुका है. हिंदू धर्म में इस महीने को काफी पवित्र माना जाता है. इसी कड़ी में इस बार सावन महीने का पहला सोमवार 22 जुलाई यानि कल है. ऐसे में पवित्र सावन महीने में महादेव शिव की आराधना कैसे की जाए, इसके बारे में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए धर्माचार्यों ने विशेष विधि बताए हैं. आईये आपको बताते हैं...

ईटीवी भारत से धर्माचार्य पंडित सुभाष जोशी की खास बातचीत.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए धर्माचार्य पंडित सुभाष जोशी ने बताया कि पवित्र सावन शुद्धि का महीना है. इस दौरान नदी-नालों में बहने वाले जल के साथ ही मनुष्य और अन्य जीव-जंतु के शरीर में मौजूद जल की शुद्धि होती है. पुराणों में भी सावन महीने को महादेव शिव का प्रिय महीना बताया गया है. इसलिए सावन महीने में महादेव शिव की सच्चे मन से आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

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महादेव शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. भक्तजन सावन के इस पूरे पवित्र महीने में महादेव शिव का जलाभिषेक करते हैं, तो महादेव उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. धर्माचार्य जोशी का कहना है कि कोई व्यक्ति हर दिन महादेव का जलाभिषेक नहीं कर पा रहा है, तो उसे सावन महीने के हर सोमवार को शुद्ध जल से महादेव का जलाभिषेक करना चाहिए.

इसके अलावा महादेव शिव के जलाभिषेक में इस्तेमाल होने वाले बेलपत्र, रूद्राक्ष और भस्म से भी भक्तजनों को काफी लाभ पहुंचता है. जहां बेलपत्र से मधुमेह जैसी बीमारी नियंत्रण में रहती है. वहीं, रूद्राक्ष हृदय रोग को दूर करता है. इस दौरान 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का जाप कर सकते हैं.

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धर्माचार्य सुभाष जोशी के मुताबिक महादेव का जलाभिषेक करने के लिए यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि आप किसी ऐतिहासिक शिव मंदिर में जाकर ही जलाभिषेक करें. आप अपने घर के मंदिर में भी महादेव शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं, महादेव भोलेनाथ हैं. इसलिए सच्चे मन से जलाभिषेक करने वाले अपने हर भक्त की मनोकामना महादेव जरूर पूरी करते हैं.

वहीं, महादेव का जलाभिषेक करने से कुंवारी लड़कियों को वर के रूप में अच्छे साथी की प्राप्ति होती है. ऐसे में कोई शादी योग्य स्त्री पूरे सावन महीने सच्चे मन से महादेव का जलाभिषेक करती हैं. उसे सुखद दांपत्य जीवन की भी प्राप्ति होती है.

Intro:This is a Sawan special story

देहरादून- सावन माह का पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ने जा रहा है। ऐसे में पवित्र सावन माह में महादेव शिव की आराधना कैसे की जाए इस संबंध में ईटीवी भारत ने खास बातचीत की धर्माचार्य पंडित सुभाष जोशी से।

धर्माचार्य पंडित सुभाष जोशी बताते हैं की पवित्र सावन माह शुद्धि का महीना है । इस दौरान नदी-नालों में बहने वाले जल के साथ ही मनुष्य या किसी भी जीव जंतु के शरीर में मौजूद जल की शुद्धि होती है । वही पुराणों में सावन माह को महादेव शिव का प्रिय महीना बताया गया है । इसलिए सावन माह में महादेव शिव की सच्चे मन से आराधना करने में भक्तों की मनोकामना भोलेनाथ जरूर पूर्ण करते हैं।









Body:बता दें कि महादेव शिव को भोलेनाथ इसलिए कहा जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि भोलेनाथ सच्चे मन से उनकी आराधना करने वाले अपने भक्तों से काफी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं । इसलिए भक्तजन सावन के इस पूरे पवित्र महीने में यदि महादेव शिव का जलाभिषेक करते हैं तो महादेव उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं ।

धर्माचार्य सुभाष जोशी बताते हैं की यदि कोई व्यक्ति हर दिन महादेव का जलाभिषेक नहीं कर पा रहा है तो उसे सावन माह के हर सोमवार को शुद्ध जल से महादेव का जलाभिषेक जरूर करना चाहिए ।

इसके अलावा महादेव शिव के जलाभिषेक में इस्तेमाल होने वाले बेलपत्र ,रूद्राक्ष और भस्म से भी भक्तजनों को काफी लाभ पहुचता है । जहां बेलपत्र से मधुमेह जैसी बीमारी नियंत्रण में नियंत्रण में रहती है। वहीं रूद्राक्ष हृदय रोग को दूर करता है ।




Conclusion:वहीं धर्माचार्य सुभाष जोशी के मुताबिक महादेव का जलाभिषेक करने के लिए यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि आप किसी ऐतिहासिक शिव मंदिर में जा कर ही महादेव का जलाभिषेक करें । आप अपने घर के मंदिर में भी महादेव शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं । क्योंकि महादेव भोलेनाथ है इसलिए सच्चे मन से जलाभिषेक करने वाले अपने हर भक्त की मनोकामना महादेव शिव जरूर पूर्ण करते हैं।

गौरतलब है कि महादेव का जलाभिषेक करने से कुंवारी लड़कियों को पति के रूप में अच्छे वर की प्राप्ति होती है । इसलिए यदि कोई शादी योग्य स्त्री पूरे सावन माह सच्चे मन से महादेव का जलाभिषेक करती हैं तो उसे सुखद दांपत्य जीवन प्राप्त होता है।
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