देहरादून: हरिद्वार से देहरादून जा रही शताब्दी एक्सप्रेस में अचानक आग लग गई. आग की वजह से एक एसी कोच जलकर राख हो गया है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक आग लगने की वजह से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है. घटना में जानकारी सामने आ रही है कि ट्रेन की एस्कॉर्ट में तैनात आरपीएफ जवानों की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया.
हरिद्वार से 316 यात्रियों को लेकर सुबह 11.40 पर शताब्दी देहरादून के लिए रवाना हुई. हर्रावाला रेलवे स्टेशन को पार करने के बाद कांसरो रेलवे स्टेशन के पास बीच जंगल में चलते हुए ट्रेन की एक बोगी में आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते शताब्दी एक्सप्रेस की एसी की बोगी जलकर राख हो गई.
एएसपी जीआरपी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि ट्रेन में कुल 316 यात्री सवार थे. उन्होंने बताया कि जिस बोगी में आग लगी उसमें कुल 35 लोग सवार थे. जिन्हें बाहर निकालते हुए सकुशल देहरादून पहुंचा दिया गया है. उन्होंने बताया की ट्रेन में 16 बोगी थीं. आग बीच की बोगी में लगी थी.
आरपीएफ जवानों की बहादुरी से यात्रियों की बची जान
घटना के दौरान शताब्दी एक्सप्रेस में दो आरपीएफ के जवान रजनीश कुमार और कुशल कुमार तैनात थे. घटना के समय दोनों जवानों ने जलती बोगी को काटकर दूसरे डिब्बों से अलग किया. जिसकी वजह से बड़ा हादसा टल गया. घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने 8 बोगियों को देहरादून भेज दिया है और 7 बोगियों को वापस भेज दिया है.
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तीरंदाज खिलाड़ियों का सामान जलकर राख
मध्य प्रदेश खिलाड़ियों के कोच ने बताया कि जिस बोगी C-5 में वह बैठे थे, उस बोगी में भी आग फैल गई. हादसे के समय बोगी में 30-35 लोग थे. किसी तरह यात्री उस बोगी से बाहर निकले और अपनी जान बचाई, लेकिन 25 से 30 लाख का किट और डाक्यूमेंट्स समेत अन्य सामान जल गए. जब बोगी में अचानक से आग लगी तो उस दौरान सामान को छोड़ बच्चों को सबसे पहले बाहर निकाला गया ताकि उनको बचाया जा सके.
तीरंदाज ने बताया कि वह जबलपुर से देहरादून में तीरंदाजी जूनियर नेशनल चैंपियनशिप खेलने आ रहे थे. उनके साथ कुल 8 खिलाड़ी और 2 कोच उस बोगी में बैठे हुए थे. खिलाड़ी ने बताया कि आग सबसे पहले बोगी के टॉयलेट में लगी. इसके बाद तेजी से आग पूरी बोगी में फैलने लगी. यही नहीं, जब बोगी के भीतर अफरा-तफरी मचनी शुरू हुई तो उस बोगी में बैठे सभी लोग अपना सामान छोड़कर बाहर भागने लगे.
वहीं, शादी कर देहरादून लौटा एक परिवार रोता बिलखता दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि वह शादी कर लौटे रहे थे और उसी बोगी में बैठे थे, जिसमें आग लगी थी. आग लगने से अफरा-तफरी मच गई, जिसके चलते उन्हें सपरिवार बोगी से बाहर निकलना पड़ा. लेकिन वह अपना सामान नहीं ले पाए. जिसके चलते उनका सारा सामान जलकर खाक हो गया.