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Cheetah Returns: नामीबिया से चीता आने पर गदगद हुए पर्यावरण प्रेमी - Environment lovers of Uttarakhand happy

नामीबिया से चीता आने से देशभर के पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर है. उत्तराखंड में भी इसे लेकर लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है. देहरादून जू पहुंचे लोगों ने इसे देश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया है.

Cheetah in India
Cheetah in India आने पर गदगद हुए उत्तराखंड के पर्यावरण प्रेमी
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Published : Sep 17, 2022, 7:32 PM IST

Updated : Sep 17, 2022, 7:43 PM IST

देहारदून: देश में सात दशक बाद आज से फिर से चीता युग की शुरुआत हो गई है. नामीबिया से 8 चीतों को विशेष विमान के जरिये पहले ग्वालियर(8 cheetahs reached MP from Namibia) लाया गया. फिर वहां से विशेष चार्टर्ड कार्गो से मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर लाया गया. इसके बाद इन्हें श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया. जहां पीएम मोदी ने इन्हें विशेष बाड़े (PM Modi left cheetahs in the enclosure) में छोड़ा. भारत लाये गये चीतों में तीन नर और पांच मादा चीता शामिल हैं. देश में चीतों की वापसी से उत्तराखंड के वन्यजीव प्रेमी भी खुश दिखाई दे रहे हैं. चीतों की वापसी के बाद वाइल्डलाइफ टूरिज्म के भी बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है.

भारत में 70 साल बाद चीता आने को लेकर पूरे देश में वन्यजीव प्रेमियों के साथ आम लोगों में भी खुशी है. इस बात की जिज्ञासा है कि जैसे लेपर्ड, टाइगर को देखने के लिए जू और नेशनल पार्क में जाते हैं. उसी तरीके से अब चीता भी देखने को मिलेगा. देहरादून जू पहुंचे लोगों ने कहा उनकी भी इच्छा है कि वे चीते को देखें.

Cheetah in India आने पर गदगद हुए उत्तराखंड के पर्यावरण प्रेमी

पढे़ं- केदारनाथ मंदिर: गर्भगृह में सोने की परत लगाने को लेकर विवाद क्यों?

देहरादून जू पहुंचे पर्यटकों ने देश में चीतों के आने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा 70 साल बाद चीता वापस आना भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है. बता दें देहरादून जू में चीता के कट आउट और बैनर लगाए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि देश में 70 साल बाद चीता की वापसी हो रही है. साथ ही यह भी बताया है कि शेर, बाघ और लेपर्ड की प्रजाति की तरह भी चीता उन्हीं की प्रजाति है. इसको लेकर आम लोगों को भी बताया जा रहा है.

देहारदून: देश में सात दशक बाद आज से फिर से चीता युग की शुरुआत हो गई है. नामीबिया से 8 चीतों को विशेष विमान के जरिये पहले ग्वालियर(8 cheetahs reached MP from Namibia) लाया गया. फिर वहां से विशेष चार्टर्ड कार्गो से मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर लाया गया. इसके बाद इन्हें श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया. जहां पीएम मोदी ने इन्हें विशेष बाड़े (PM Modi left cheetahs in the enclosure) में छोड़ा. भारत लाये गये चीतों में तीन नर और पांच मादा चीता शामिल हैं. देश में चीतों की वापसी से उत्तराखंड के वन्यजीव प्रेमी भी खुश दिखाई दे रहे हैं. चीतों की वापसी के बाद वाइल्डलाइफ टूरिज्म के भी बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है.

भारत में 70 साल बाद चीता आने को लेकर पूरे देश में वन्यजीव प्रेमियों के साथ आम लोगों में भी खुशी है. इस बात की जिज्ञासा है कि जैसे लेपर्ड, टाइगर को देखने के लिए जू और नेशनल पार्क में जाते हैं. उसी तरीके से अब चीता भी देखने को मिलेगा. देहरादून जू पहुंचे लोगों ने कहा उनकी भी इच्छा है कि वे चीते को देखें.

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देहरादून जू पहुंचे पर्यटकों ने देश में चीतों के आने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा 70 साल बाद चीता वापस आना भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है. बता दें देहरादून जू में चीता के कट आउट और बैनर लगाए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि देश में 70 साल बाद चीता की वापसी हो रही है. साथ ही यह भी बताया है कि शेर, बाघ और लेपर्ड की प्रजाति की तरह भी चीता उन्हीं की प्रजाति है. इसको लेकर आम लोगों को भी बताया जा रहा है.

Last Updated : Sep 17, 2022, 7:43 PM IST
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