देहरादून: राजधानी देहरादून में गली मोहल्ले ओर मुख्य मार्ग बनाने को लेकर पहले लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और नगर निगम में तालमेल नहीं होने के चलते सड़कों का सही ढंग से निर्माण नहीं हो पा रहा था. इसके अलावा मार्ग पर जगह-जगह मलबा भी पड़ा रहता था. जिसके चलते आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इसके लिए विभाग ने एक नया प्लान तैयार किया है.
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देहरादून में सड़क निर्माण को लेकर हमेशा नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के बीच विवाद चलता रहता था. कई बार दोनों ही सड़क निर्माण की स्वीकृति कर ले लेते थे. जिससे करोड़ों रुपए की बर्बादी होती थी. साथ ही सड़क निर्माण का काम भी अधर में लटक जाता था. ऐसे में दोनों विभाग के बीच तालमेल बने और कार्य का सही तरीके आवंटन हो सके. इसके लिए नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी हर 15 दिन एक बार बैठक करेगा, जहां शहर की सड़कों के निर्माण को लेकर चर्चा की जाएगी. बैठक में सड़क निर्माण को लेकर चर्चा होगी की कौन सी सड़क किस के पास है और उस पर किसका अधिकार है.
नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ मेयर सुनील उनियाल गामा ने एक अहम बैठक की थी. बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि पीडब्ल्यूडी को कोई निर्माण कार्य करना है तो उसके लिए नगर निगम से एनओसी लेनी होगी.
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इसके अवाला नगर निगम जिस सड़क पर काम कर रहा है वहां पीडब्ल्यूडी काम न करे. जिससे तय हो जाएगा कि सड़क निर्माण कार्य कौन सा विभाग कर रहा है. साथ ही हर 15 दिन में दोनों विभाग मिलकर बैठक करेंगे. इसके एक तो सरकारी पैसे का दुरुपयोग नहीं होगा और दोनों विभागों में तालमेल बना रहेगा.इसके अलावा पीडब्ल्यूडी के काम के कारण सड़कों पर जो मलबा फैला हुआ है, उसे जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिए गए है. ताकि नगर निगम इलाके की सफाई कर सके. इसके अवाला नगर निगम की दो टीमें बनाई गई है, जो भवन निर्माण के दौरान जो मलबा सड़क पर पड़ा होगा उसे 24 घंटे के अंदर हटाने का काम करेंगी. यदि मालिक इस मलबे को 24 घंटे के अंदर नहीं हटता है तो उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा.