ऋषिकेश: ग्राम पंचायत ऋषिकेश के अंतर्गत आने वाली प्रतीतनगर ग्रामसभा ने शिक्षित और बेरोजगारों के लिए दुकानें बनाने की जिम्मेदारी उठाई थी. पंचायत पर पूर्व उप प्रधान ने दुकानों का निर्माण कार्य नियमों के विरुद्ध करवाने का आरोप लगाया है. साथ ही नियमों के विरुद्ध दुकानों का आवंटन करने की भी बात कही है.
जानकारी के अनुसार, हरिद्वार-दून हाइवे चौड़ीकरण के बाद तहसील ऋषिकेश के प्रतीतनगर ग्रामसभा ने क्षेत्र के शिक्षित और बेरोजगारों के लिए 26 दुकानें बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी के आदेश पर दुकान बनाने को लेकर अनुमति दे दी गई. इस अनुमति के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश पर सबसे पहले तहसील अधिकारियों की मौजूदगी में गांव में बैठक आयोजित कर दुकानों के लिए लॉटरी डाली जानी थी. लॉटरी निकलने के बाद चयनित दुकानदार को 2 लाख रुपये की रकम पंचायत के खाते में जमा करवानी थी, लेकिन पंचायत द्वारा बिना लॉटरी के ही दुकानों का निर्माण और आवंटन कर दिया गया.
प्रतीतनगर के पूर्व उप प्रधान नंदकिशोर कंडवाल ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी से लेकर पीएमओ ऑफिस तक की है. वहीं, नंदकिशोर ने सूचना के अधिकार के तहत उक्त दुकानों के संबंध में सूचनाएं मांगी हैं. इसके बाद सूचनाधिकारी ने बताया कि जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. साथ ही दुकानों का निर्माण और आवंटन नियमानुसार ही किया जाएगा. वहीं, दूसरी ओर सूचना के अधिकार में ये भी बताया गया कि दुकानों का निर्माण 14वें वित्त से किया गया है.
मामले की शिकायत करने वाले नंदकिशोर कंडवाल ने बताया कि सूचना के अधिकार में उनको बताया गया कि पंचायत ने जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेशों को ताक पर रखकर लाटरी किए बिना ही 6 दुकानें बना दी.
एडीओ पंचायत ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं आया था, वहीं एक माह के भीतर जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी.