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देवस्थानम बोर्ड को लेकर कांग्रेस ने CM पर साधा निशाना, बताया पूर्वाग्रह से ग्रसित

प्रदेश में चारधाम देवस्थानम बोर्ड का हक-हकूकधारी अभी भी विरोध कर रहे हैं. इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि त्रिवेंद्र सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित है. जिसके कारण वह इस मामले में तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों से बात नहीं कर रही है.

Devasthanam Board matter
देवस्थानम बोर्ड को लेकर कांग्रेस ने CM पर साधा निशाना
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Published : Aug 24, 2020, 4:10 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. साल 2019 में चारधाम देवस्थानम बोर्ड के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद से ही चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं इस मामले पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए हक-हकूकधारियों से बात न करने पर सवाल खड़े कर रही है.

हालांकि, हाईकोर्ट ने देवस्थानम बोर्ड को सही बताते हुए राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था. जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड पूर्ण रूप से सक्रिय हो गया है. बावजूद इसके चारधाम के तीर्थ पुरोहित लगातार देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन, विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों को समझाने की कवायद में जुटा हुआ है.

देवस्थानम बोर्ड को लेकर कांग्रेस ने CM पर साधा निशाना

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मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड मामले में मुख्यमंत्री पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. जिस कारण वे तीर्थ पुरोहितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. हालांकि, चारों धामों के तीर्थ पुरोहित सिर्फ यह चाहते हैं कि देवस्थानम बोर्ड का गठन करने से पहले सरकार उनसे राय-मशवरा करती, लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. साथ ही बिना बताये आदि गुरु शंकराचार्य की जो परंपरा थी उसे समाप्त कर राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड थोप रही है.

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वही, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि जिला प्रशासन के माध्यम से लगातार तीर्थ पुरोहितों से बात की जा रही है. अभी कुछ पंडित-पुरोहित ऐसे हैं जो इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें भी जल्द मना लिया जाएगा.

पढ़ें- CORONA: उधमसिंह नगर में मिले 249 पॉजिटिव मरीज, एम्स में दो मरीजों की मौत

उन्होंने कहा इस बोर्ड में तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के अधिकारों को संरक्षित किया गया है. इस बोर्ड का मकसद सिर्फ चारधाम में एक बेहतर व्यवस्था बनाना है. मौजूदा समय में तमाम पंडित- पुरोहित देवस्थानम बोर्ड से जुड़ चुके हैं. जो अभी तक इससे नहीं जुड़े हैं उनकी भ्रांतियां दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. साल 2019 में चारधाम देवस्थानम बोर्ड के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद से ही चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं इस मामले पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए हक-हकूकधारियों से बात न करने पर सवाल खड़े कर रही है.

हालांकि, हाईकोर्ट ने देवस्थानम बोर्ड को सही बताते हुए राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था. जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड पूर्ण रूप से सक्रिय हो गया है. बावजूद इसके चारधाम के तीर्थ पुरोहित लगातार देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन, विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों को समझाने की कवायद में जुटा हुआ है.

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मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड मामले में मुख्यमंत्री पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. जिस कारण वे तीर्थ पुरोहितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. हालांकि, चारों धामों के तीर्थ पुरोहित सिर्फ यह चाहते हैं कि देवस्थानम बोर्ड का गठन करने से पहले सरकार उनसे राय-मशवरा करती, लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. साथ ही बिना बताये आदि गुरु शंकराचार्य की जो परंपरा थी उसे समाप्त कर राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड थोप रही है.

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वही, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि जिला प्रशासन के माध्यम से लगातार तीर्थ पुरोहितों से बात की जा रही है. अभी कुछ पंडित-पुरोहित ऐसे हैं जो इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें भी जल्द मना लिया जाएगा.

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उन्होंने कहा इस बोर्ड में तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के अधिकारों को संरक्षित किया गया है. इस बोर्ड का मकसद सिर्फ चारधाम में एक बेहतर व्यवस्था बनाना है. मौजूदा समय में तमाम पंडित- पुरोहित देवस्थानम बोर्ड से जुड़ चुके हैं. जो अभी तक इससे नहीं जुड़े हैं उनकी भ्रांतियां दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.

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