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उत्तरकाशी टनल हादसा: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की सलामती के लिए कांग्रेस ने किया हवन, सरकार को बताया कन्फ्यूज - उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूर

Uttarkashi tunnel collapse उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को आज (20 नवंबर) 9 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभीतक उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका है. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कांग्रेस ने देहरादून में हवन किया. साथ ही सरकार पर निशाना भी साधा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 20, 2023, 3:46 PM IST

देहरादून: उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर बीते 9 दिनों से जिंदगी के लिए मौत से जंग लड़ रहे हैं. उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है, लेकिन अभीतक सारे प्रयास असफल हुए हैं. वहीं, सोमवार 20 नवंबर को कांग्रेस ने देहरादून में हवन कर 41 मजदूरों के टनल से सुरक्षित बाहर निकलने के लिए प्रार्थना की. इस दौरान कांग्रेस ने सरकार पर निशाना भी साधा.

उत्तराखंड में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने देहरादून के पंचायत भवन मंदिर में हवन किया और टनल में फंसे 41 मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए भगवान से प्रार्थना की. इस दौरान करण माहरा ने कहा कि 41 मजदूरों के रेस्क्यू को लेकर सरकार कुछ कंफ्यूज नजर आ रही है.

करण माहरा ने कहा कि भारत आस्थाओं का देश है और ऐसे में आज कांग्रेसजनों ने ईश्वर से प्रार्थना की है, ताकि सरकार को सद्बुद्धि मिले और सरकार सही फैसला लेने में सक्षम हो, जिससे टनल में फंसे मजदूरों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार को रेस्क्यू अभियान चलाने के 5 दिन बाद याद आई कि सुरंग के अंदर जेसीबी मशीन और एक वाहन फंसा हुआ है.
पढ़ें- इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स पहुंचे सिलक्यारा, सुरंग के टॉप से होगी ड्रिलिंग, रेस्क्यू जल्द पूरा होने की उम्मीद जताई

कांग्रेस का कहना है कि सरकार टनल के अंदर फंसे लोगों की संख्या की सूची भी अलग-अलग जारी कर रही है. इससे पता चलता है कि सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर कितनी कन्फ्यूज है. माहरा का कहना है कि बीते रोज केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी सिलक्यारा पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया, जिसके बाद कुछ उम्मीद जगी है. लेकिन जिस तरह के टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने में देरी की जा रही है, वो सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है. बिना सूरज की रोशनी, पर्याप्त भोजन और ऑक्सीजन के अभाव में टनल में फंसे श्रमिकों की क्या मनोदशा होगी, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

बता दें कि दीपावली यानी 12 नवंबर को सुबह करीब 5.30 बजे उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में अचानक मलबा गिर गया था, जिस वजह से वहां करीब 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभीतक रेस्क्यू टीम को कोई सफतला नहीं मिली है.

देहरादून: उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर बीते 9 दिनों से जिंदगी के लिए मौत से जंग लड़ रहे हैं. उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है, लेकिन अभीतक सारे प्रयास असफल हुए हैं. वहीं, सोमवार 20 नवंबर को कांग्रेस ने देहरादून में हवन कर 41 मजदूरों के टनल से सुरक्षित बाहर निकलने के लिए प्रार्थना की. इस दौरान कांग्रेस ने सरकार पर निशाना भी साधा.

उत्तराखंड में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने देहरादून के पंचायत भवन मंदिर में हवन किया और टनल में फंसे 41 मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए भगवान से प्रार्थना की. इस दौरान करण माहरा ने कहा कि 41 मजदूरों के रेस्क्यू को लेकर सरकार कुछ कंफ्यूज नजर आ रही है.

करण माहरा ने कहा कि भारत आस्थाओं का देश है और ऐसे में आज कांग्रेसजनों ने ईश्वर से प्रार्थना की है, ताकि सरकार को सद्बुद्धि मिले और सरकार सही फैसला लेने में सक्षम हो, जिससे टनल में फंसे मजदूरों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार को रेस्क्यू अभियान चलाने के 5 दिन बाद याद आई कि सुरंग के अंदर जेसीबी मशीन और एक वाहन फंसा हुआ है.
पढ़ें- इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स पहुंचे सिलक्यारा, सुरंग के टॉप से होगी ड्रिलिंग, रेस्क्यू जल्द पूरा होने की उम्मीद जताई

कांग्रेस का कहना है कि सरकार टनल के अंदर फंसे लोगों की संख्या की सूची भी अलग-अलग जारी कर रही है. इससे पता चलता है कि सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर कितनी कन्फ्यूज है. माहरा का कहना है कि बीते रोज केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी सिलक्यारा पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया, जिसके बाद कुछ उम्मीद जगी है. लेकिन जिस तरह के टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने में देरी की जा रही है, वो सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है. बिना सूरज की रोशनी, पर्याप्त भोजन और ऑक्सीजन के अभाव में टनल में फंसे श्रमिकों की क्या मनोदशा होगी, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

बता दें कि दीपावली यानी 12 नवंबर को सुबह करीब 5.30 बजे उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में अचानक मलबा गिर गया था, जिस वजह से वहां करीब 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभीतक रेस्क्यू टीम को कोई सफतला नहीं मिली है.

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