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सदन में उठा क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का मुद्दा, स्वास्थ्य व्यवस्था पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

विपक्ष ने सदन में फिर घेरा त्रिवेंद्र सरकार को. स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े मुद्दों पर पूछा सवाल.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह
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Published : Feb 21, 2019, 9:38 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड बजट सत्र के सातवें दिन विपक्ष ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार की घेराबंदी की. इस दौरान कांग्रेस के विधायकों ने क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के साथ-साथ प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर 310 के तहत चर्चा करने की मांग भी सदन में की गई.

सदन के आज के कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लेकर सरकार से सवाल किये गए थे. लेकिन सरकार ने न तो इस पर चर्चा की और न ही सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि सरकार न तो एक्ट पर बात करने को तैयार है और न इस में छूट देने के लिए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह

प्रीतम सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था का सवाल संसदीय कार्य मंत्री के सामने उठाया गया तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों के सामने तो सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चाक-चौबंद बता रही है. लेकिन सूबे की आम जनता जिसे रोज स्वास्थ्य असुविधाओं से दो चार होना पड़ता है उसे सरकार क्या जवाब देगी.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार आयुष्मान भारत योजना के नाम पर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है. लेकिन इस योजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले गोल्डन कार्ड ऐसे अस्पतालों से एफिलिएटेड है जो अस्पताल पहले से ही गर्त में हैं. ऐसे अस्पतालों से गोल्डन कार्ड को मान्य कराने से मरीजों को उसका फायदा मिलने की जगह परेशानी ही होगी.

देहरादून: उत्तराखंड बजट सत्र के सातवें दिन विपक्ष ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार की घेराबंदी की. इस दौरान कांग्रेस के विधायकों ने क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के साथ-साथ प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर 310 के तहत चर्चा करने की मांग भी सदन में की गई.

सदन के आज के कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लेकर सरकार से सवाल किये गए थे. लेकिन सरकार ने न तो इस पर चर्चा की और न ही सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि सरकार न तो एक्ट पर बात करने को तैयार है और न इस में छूट देने के लिए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह

प्रीतम सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था का सवाल संसदीय कार्य मंत्री के सामने उठाया गया तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों के सामने तो सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चाक-चौबंद बता रही है. लेकिन सूबे की आम जनता जिसे रोज स्वास्थ्य असुविधाओं से दो चार होना पड़ता है उसे सरकार क्या जवाब देगी.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार आयुष्मान भारत योजना के नाम पर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है. लेकिन इस योजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले गोल्डन कार्ड ऐसे अस्पतालों से एफिलिएटेड है जो अस्पताल पहले से ही गर्त में हैं. ऐसे अस्पतालों से गोल्डन कार्ड को मान्य कराने से मरीजों को उसका फायदा मिलने की जगह परेशानी ही होगी.

Intro:(बाइट Live U unit-08 से Health नाम से भेजी गई है। कृपया फीड रूम से लें।)

एंकर- गुरुवार को उत्तराखंड बजट सत्र में विपक्ष ने स्वास्थ सुविधाओं को लेकर सरकार की घेराबंदी की और क्लिक इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के साथ साथ तमाम स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा के लिए 310 के तहत मांग की।


Body:वीओ- कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लेकर के विपक्ष ने सदन के अंदर सवाल उठाया लेकिन सरकार ना तो इस पर चर्चा कराने के लिए तैयार है और ना इस पर कोई छूट देने के लिए तैयार है। प्रीतम सिंह ने कहा कि जब स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था का सवाल संसदीय कार्य मंत्री के सामने उठाया गया तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर है। लेकिन कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार के मंत्री के सामने तो व्यवस्थाएं चाक चौबन्ध कर दी जाएंगी लेकिन हम बात सूबे के आम आदमी की कर रहे हैं जिसको इसको लेकर आय दिन मीडिया से लेकर तमाम लोग सवाल खड़े करते हैं।
प्रीतम सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जहां एक तरफ सरकार आयुष्मान भारत योजना के नाम पर पीठ थपथपा रही है तो वहीं इस योजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले गोल्डन कार्ड ऐसे अस्पतालों से एफिलेटेड है जो अस्पताल पहले से ही गर्त में है। ऐसे अस्पतालों से गोल्डन कार को संलिप्त कराने का क्या फायदा है जहां मरीजों को उसका फायदा नहीं मिलना है।
बाइट- प्रीतम सिंह, कोंग्रेस अध्यक्ष (बाइट Live U unit-08 से Health नाम से भेजी गई है। कृपया फीड रूम से लें।)


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