देहरादून: 500 साल के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार आज (बुधवार 5 अगस्त) अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने शिला पूजन किया. इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को राम मंदिर निर्माण की बधाई दी. उन्होंने प्रदेशवासियों के आवाह्न किया का इस शुभ अवसर पर लोग अपने घरों में दिए जलाए. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कांग्रेस नेताओं पर टिप्पणी भी की.
सीएम त्रिवेंद्र ने मंदिर निर्माण पर कांग्रेस नेताओं के ट्वीट और बयानों को लेकर कहा कि कांग्रेस में विचार धाराओं का घालमेल है. राम मंदिर को लेकर कांग्रेस की कोई स्पष्ट विचारधारा नहीं है. आज उनके अंदर के सच्चाई बाहर आ रही है. कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वो मंदिर के पक्ष में हैं या विरोध में.
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कांग्रेस का जवाब
उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पहले तो देश और प्रदेशवासियों को राम मंदिर भूमि पूजन की शुभकामनाएं दी फिर उन्होंने सीएम के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भगवान राम में सभी आस्था रखते हैं. जहां एक ओर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश में रामराज्य की कल्पना की जाती रही है. ऐसे में वही रामराज्य इस देश में आने वाला है ऐसा उनका मानना है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राममंदिर का स्वागत करती है. यदि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत इस मामले में स्पष्टीकरण पूछेंगे तो कांग्रेस उनसे यही कहना चाहती है कि भगवान राम बीजेपी की बपौती नहीं हैं. भगवान राम को बीजेपी राजनीति के मैदान मे लेकर न आएं. भगवान रामचंद्र सीएम त्रिवेंद्र रावत को सद्बुद्धि प्रदान करें क्योंकि भगवान राम सबके हैं जो उनपर आस्था रखते हैं.
हरीश रावत ने सपरिवार की भगवान राम की आराधना
उधर, राममंदिर भूमि पूजन के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी देश और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी साथ ही उन्होंने अपने परिवार के साथ घर पर ही भगवान श्रीराम की आराधना की. हरदा ने राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन के अवसर पर कहा कि आज भारतवर्ष के मानसिक वक्ष स्थल से बोझ हट गया है. यह बोझ भारतवर्ष के आराध्य देव श्री राजा रामचंद्र जी का अयोध्या में राष्ट्रीय भावना का प्रतीक मंदिर का निर्माण नहीं होने का था. अब मंदिर का शिलान्यास संपन्न हो चुका है. ऐसे में संपूर्ण राष्ट्र प्रसन्नचित्त है.
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हरदा ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के प्रयास अतीत में भी हुए थे, जिसमें प्रभु राम की मूर्ति स्थापना, ताला खोलने, मंदिर निर्माण के शिलान्यास के साथ ही राम राज्य की स्थापना का संकल्प शामिल था. इसके लिए सभी प्रधानमंत्रियों ने मंदिर निर्माण के सर्वमान्य निर्णय पर पहुंचने के प्रयास किए. आखिरकार वही हुआ जो मर्यादा पुरुषोत्तम राजा रामचंद्र जी ने रचा हुआ था.
हरदा ने कहा कि राष्ट्रीय सहमति आधारित सुप्रीम कोर्ट का सर्वसम्मत अभूतपूर्व न्यायिक निर्णय आया, जिसका सबने मर्यादित भाव से स्वागत किया. आज न्यायिक निर्णय के महान आलोक में न्याय प्रिय मर्यादा धारक, गरीब वत्सल, दीनबंधु, मात्र पित्र गुरु आज्ञा पालक और सर्वजन सुखाय सर्वजन हिताय के अक्षुण स्रोत राजा रामचंद्र जी के भव्य मंदिर की आधारशिला रखी गई है. आज सबका मन राम काज की भावना से सरोबार है.