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Uttarakhand Assembly Election: यूथ के सहारे चुनाव विजय की तैयारी में बीजेपी, कांग्रेस भी अनुभवियों को लेकर आई आगे - चुनाव में बीजेपी युवा जोश के साथ लड़ेगी चुनाव

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में एक महीने का वक्त बचा है. ऐसे में भाजाप-कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं. चुनाव में जहां भाजपा युवा को आगे लेकर आ रही है तो कांग्रेस अनुभवी नेतृत्व को लेकर चुनाव लड़ने जा रहा है.

bjp and congress
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Published : Jan 13, 2022, 7:37 AM IST

Updated : Jan 14, 2022, 2:14 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. चुनाव के लिए फिलहाल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है. आगामी चुनाव प्रदेश में अनुभवी नेतृत्व और युवा जोश के बीच होता हुआ दिखाई देगा. भाजपा आगामी चुनाव के लिए युवा जोश पर विश्वास जता रही है तो कांग्रेस ने अनुभवी नेतृत्व का नारा देकर जन समर्थन पाने की कोशिश की है.

उत्तराखंड में भाजपा युवा नेतृत्व अबकी बार 60 पार का नारा देकर युवाओं को साधने की कोशिश में जुटी है. पिछले 5 सालों में तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी को गद्दी देने के बाद पार्टी ने युवा नारे को देकर प्रदेश के आमजन को संदेश देने की कोशिश की है. इसी के तहत राज्य में युवा नेतृत्व के साथ युवा प्रतिनिधित्व भी भाजपा देने की कोशिश कर रही है. इसके तहत माना जा रहा है कि राज्य में कई ऐसे टिकट भी काटे जा सकते हैं, जिनकी उम्र 70 से अधिक है. पार्टी का मानना है कि युवाओं के बल पर युवाओं का वोट लिया जा सकता है और अगर ऐसा हुआ तो नए वोटर्स भाजपा को जीत दिला सकते हैं.

बीजेपी और कांग्रेस की स्ट्रेटजी.

भाजपा की युवा नेतृत्व की सोच को असफल बनाने के लिए कांग्रेस ने अनुभव का सहारा लेने की कोशिश की है. इस कड़ी में हरीश रावत को चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष बनाकर एक तरह से कमान हरीश रावत के ही हाथों में दी है. खास बात यह है कि हरीश रावत के अनुभव को ही पार्टी चुनाव में भुनाने की कोशिश कर रही है और प्रयास है कि हरीश रावत को चेहरा बनाएं बिना उनकी ख्याति को कैश किया जा सके. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि अनुभव से ही सत्ता को चलाया जा सकता है और इसीलिए अनुभव को आगे रखकर कांग्रेस इस बार 2022 में सत्ता की चाबी को पाने जा रही है और जनता का भी समर्थन हासिल करने जा रही है.

पढ़ें: जन्मदिन मनाना पड़ा महंगा, MP साक्षी महाराज समेत 40 से 50 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

बता दें कि, निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इन राज्यों में आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है और साथ ही 7 चरणों में चुनाव कार्यक्रम भी घोषित हो चुके हैं. उत्तराखंड में एक चरण में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे. जिसके बाद 14 फरवरी को सभी 70 विधानसभा में मतदान होगा और 10 मार्च को सभी राज्यों के चुनाव नतीजे घोषित कर दिये जाएंगे.

वहीं, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत 10 फरवरी से लेकर सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा. जबकि, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा और इन सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 मार्च को होगी और इसी दिन नतीजे भी घोषित हो जाएंगे.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. चुनाव के लिए फिलहाल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है. आगामी चुनाव प्रदेश में अनुभवी नेतृत्व और युवा जोश के बीच होता हुआ दिखाई देगा. भाजपा आगामी चुनाव के लिए युवा जोश पर विश्वास जता रही है तो कांग्रेस ने अनुभवी नेतृत्व का नारा देकर जन समर्थन पाने की कोशिश की है.

उत्तराखंड में भाजपा युवा नेतृत्व अबकी बार 60 पार का नारा देकर युवाओं को साधने की कोशिश में जुटी है. पिछले 5 सालों में तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी को गद्दी देने के बाद पार्टी ने युवा नारे को देकर प्रदेश के आमजन को संदेश देने की कोशिश की है. इसी के तहत राज्य में युवा नेतृत्व के साथ युवा प्रतिनिधित्व भी भाजपा देने की कोशिश कर रही है. इसके तहत माना जा रहा है कि राज्य में कई ऐसे टिकट भी काटे जा सकते हैं, जिनकी उम्र 70 से अधिक है. पार्टी का मानना है कि युवाओं के बल पर युवाओं का वोट लिया जा सकता है और अगर ऐसा हुआ तो नए वोटर्स भाजपा को जीत दिला सकते हैं.

बीजेपी और कांग्रेस की स्ट्रेटजी.

भाजपा की युवा नेतृत्व की सोच को असफल बनाने के लिए कांग्रेस ने अनुभव का सहारा लेने की कोशिश की है. इस कड़ी में हरीश रावत को चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष बनाकर एक तरह से कमान हरीश रावत के ही हाथों में दी है. खास बात यह है कि हरीश रावत के अनुभव को ही पार्टी चुनाव में भुनाने की कोशिश कर रही है और प्रयास है कि हरीश रावत को चेहरा बनाएं बिना उनकी ख्याति को कैश किया जा सके. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि अनुभव से ही सत्ता को चलाया जा सकता है और इसीलिए अनुभव को आगे रखकर कांग्रेस इस बार 2022 में सत्ता की चाबी को पाने जा रही है और जनता का भी समर्थन हासिल करने जा रही है.

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बता दें कि, निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इन राज्यों में आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है और साथ ही 7 चरणों में चुनाव कार्यक्रम भी घोषित हो चुके हैं. उत्तराखंड में एक चरण में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे. जिसके बाद 14 फरवरी को सभी 70 विधानसभा में मतदान होगा और 10 मार्च को सभी राज्यों के चुनाव नतीजे घोषित कर दिये जाएंगे.

वहीं, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत 10 फरवरी से लेकर सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा. जबकि, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा और इन सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 मार्च को होगी और इसी दिन नतीजे भी घोषित हो जाएंगे.

Last Updated : Jan 14, 2022, 2:14 PM IST
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