देहरादून: देशभर में करोना के मामलों की मौजूदा स्थिति और राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन में 8 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से बैठक की. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने त्योहारी सीजन में दिल्ली से आ रहे प्रवासियों से राज्य में कोरोना के फैलने का सबसे ज्यादा खतरा बताया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में किया. मुख्यमंत्री ने डॉ. हर्षवर्धन को प्रदेश सरकार द्वारा कोविड 19 के दृष्टिगत किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया. सीएम ने कहा कि त्योहार के सीजन को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिये जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड के बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में डेडीकेटेड अस्पताल हैं. इसके साथ ही अस्पताल में वेंटीलेटर, आईसीयू बेड एवं ऑक्सीजन सप्लाई भी उपलब्ध है.
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सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रदेश में सैंपल टेस्टिंग की 10 लैब कार्यरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहारी सीजन के चलते राज्य में काफी लोग दिल्ली और अन्य प्रदेशों से वापस आ रहे हैं, इससे कोविड संक्रमण का खतरा भी बढ़ने की संभावना है. लोग को जागरूक किया जा सकें. इसके लिए ग्राम स्तर तक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं जागरूकता पर कार्य किया जा रहा है. सर्दी बढ़ने एवं त्योहारी सीजन के कारण कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिये लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उत्तराखण्ड ने कोविड-19 के संक्रमण पर काफी हद तक कंट्रोल किया है, लेकिन सर्दी बढ़ने एवं त्योहारी सीजन को देखते हुए अभी लापरवाही की गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं टेस्टिंग के साथ ही जागरूकता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है.
गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के रफ्तार में कुछ कमी तो आई है, लेकिन मामले अब तक थमे नहीं है. प्रदेश में हर दिन संक्रमित मरीजों के मरने का भी सिलसिला जारी है. आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक कुल 1080 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मौते राजधानी देहरादून से ही है. ताजा जानकारी आई है कि कोविड-19 से मरने वाले मरीजों में अधिकतर मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी लापरवाही के कारण खुद को खतरे में डाला है. संक्रमित मरीजों के देरी से अस्पताल आने और कोविड-19 का देरी से जांच कराने के कारण उनकी मौतें हो रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बताया है कि राज्य में 6 दिनों से ज्यादा देरी करने वाले मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है. उनके मुताबिक संक्रमित मरीज लक्षण आने के बाद भी इलाज के लिए अस्पताल नहीं आ रहे हैं और ऐसी स्थिति में 6 दिन से ज्यादा होने पर उनकी जान खतरे में पड़ रही है.