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बारिश से रुका दौरा तो CM ने देहरादून से लिया अपडेट, अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश

उत्तराखंड में बीते दो दिनों के अंदर भारी बारिश की वजह से काफी नुकसान हुआ है. अभी कई जगहों पर हालात सामान्य नहीं हुए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना केदरानाथ और रुद्रप्रयाग का दौरा रद्द करते हुए देहरादून सचिवालय में बैठकर अधिकारियों के साथ बैठक की और राहत व बचाव कार्यों की ताजा जानकारी ली.

CM Pushkar Singh Dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
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Published : Jul 20, 2021, 4:06 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बीते दो दिन से भारी बारिश का दौर जारी है. मंगलवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश heavy rain in uttarakhand) हो रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM pushkar singh dhami) ने मंगलवार को प्रस्तावित केदारनाथ और रुद्रप्रयाग का दौरा स्थगित कर दिया. मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में बैठकर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और तमाम जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. बैठक में उन्होंने बारिश के बाद प्रदेश के ताजा हालात की जानकारी ली.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में अतिवृष्टि (cloudburst in uttarakhand) और आपदा प्रबंधन की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए हमेशा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिये. किसी भी घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य संचालित हो.

पढ़ें- सूखी नदी में आई बाढ़, जान जोखिम में डालकर लोग कर रहे पार

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रेस्पांस टाइम को कम से कम किया जाए. कहीं कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन-प्रशासन को उनकी चिंता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों में पूरा समन्वय हो. किसी तरह का कम्युनिकेशन गैप न हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में मॉक ड्रिल का बहुत महत्व है. समय-समय पर मॉक ड्रिल अवश्य की जाए. आपदा कंट्रोल रूम निरंतर एक्टिव रहे. अवरुद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करें. यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा प्रभावितों को मुआवजे की राशि तुरंत मिले और उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल, दवाइयों की उपलब्धता हो. संचार की सुचारू व्यवस्था हो.

पढ़ें- मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का केदारनाथ दौरा रद्द, अधिकारियों के साथ करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

मुख्यमंत्री ने पूर्व में आई आपदाओं में किये गए राहत व बचाव कार्यों की भी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि इनकी भी लगातार मॉनिटरिंग की जानी चाहिए. जिन परिवारों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन किया जाना है, उन प्रक्रियाओं में किसी तरह का विलम्ब न हो.

इसके अलावा रैणी में आपदा की जद में आए परिवारों का विस्थापन कराया जाना है. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को आराकोट जाकर वहां के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिये. प्रदेश में स्वीकृत डाप्लर राडार की स्थापना में तेजी लाई जाए.

जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को हाल ही में स्वीकृत राहत राशि का वितरण तत्काल करवाने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक संख्या में जियोलॉजिस्ट की नियुक्ति कर ली जाए. आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकॉप्टरों का उपयोग करें, ताकि आम लोगों तक राहत जल्द से जल्द पहुंच सके. इनका उपयोग मेडिकल इमरजेंसी व अन्य आपदा संबंधित कामों में किया जा सकता है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी से हाल ही में देवप्रयाग क्षेत्र में सक्रिय हुए बाघ के बारे में भी जानकारी ली.

देहरादून: उत्तराखंड में बीते दो दिन से भारी बारिश का दौर जारी है. मंगलवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश heavy rain in uttarakhand) हो रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM pushkar singh dhami) ने मंगलवार को प्रस्तावित केदारनाथ और रुद्रप्रयाग का दौरा स्थगित कर दिया. मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में बैठकर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और तमाम जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. बैठक में उन्होंने बारिश के बाद प्रदेश के ताजा हालात की जानकारी ली.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में अतिवृष्टि (cloudburst in uttarakhand) और आपदा प्रबंधन की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए हमेशा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिये. किसी भी घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य संचालित हो.

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रेस्पांस टाइम को कम से कम किया जाए. कहीं कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन-प्रशासन को उनकी चिंता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों में पूरा समन्वय हो. किसी तरह का कम्युनिकेशन गैप न हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में मॉक ड्रिल का बहुत महत्व है. समय-समय पर मॉक ड्रिल अवश्य की जाए. आपदा कंट्रोल रूम निरंतर एक्टिव रहे. अवरुद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करें. यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा प्रभावितों को मुआवजे की राशि तुरंत मिले और उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल, दवाइयों की उपलब्धता हो. संचार की सुचारू व्यवस्था हो.

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मुख्यमंत्री ने पूर्व में आई आपदाओं में किये गए राहत व बचाव कार्यों की भी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि इनकी भी लगातार मॉनिटरिंग की जानी चाहिए. जिन परिवारों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन किया जाना है, उन प्रक्रियाओं में किसी तरह का विलम्ब न हो.

इसके अलावा रैणी में आपदा की जद में आए परिवारों का विस्थापन कराया जाना है. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को आराकोट जाकर वहां के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिये. प्रदेश में स्वीकृत डाप्लर राडार की स्थापना में तेजी लाई जाए.

जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को हाल ही में स्वीकृत राहत राशि का वितरण तत्काल करवाने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक संख्या में जियोलॉजिस्ट की नियुक्ति कर ली जाए. आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकॉप्टरों का उपयोग करें, ताकि आम लोगों तक राहत जल्द से जल्द पहुंच सके. इनका उपयोग मेडिकल इमरजेंसी व अन्य आपदा संबंधित कामों में किया जा सकता है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी से हाल ही में देवप्रयाग क्षेत्र में सक्रिय हुए बाघ के बारे में भी जानकारी ली.

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