देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग की समीक्षा की. उन्होंने ऊर्जा निगमों में कार्यों की गुणवत्ता एवं सुधारों के प्रति ध्यान देने के साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाये जाने के लिये सामूहिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों की धीमी प्रगति के लिये अधिकारियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित कर 'की परफॉर्मेंस इंडिकेशन ( KPI)' से इसे जोड़ा जाए.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिये कि ऊर्जा निगमों के कार्यकलापों में तेजी लाये जाने तथा गुणात्मक सुधार के लिये टेक्निकल परफॉर्मेंस आदि में व्यवस्था बनायी जाए. उन्होंने ऊर्जा निगमों के स्तर पर संचालित परियोजनाओं एवं योजनाओं में टेक्निकल परफारमेंस आडिट की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने, संचालित विद्युत परियोजनाओं का पर्यवेक्षण के साथ एसओपी तैयार किये जाने, पुरानी विद्युत परियोजनाओं का अनुरक्षण एवं मरम्मत पर हुए व्यय तथा इससे उपलब्ध विद्युत क्षमता विकास का विवरण तैयार किये जाने के भी निर्देश दिये हैं.
मुख्यमंत्री ने शहरों के विस्तारीकरण के साथ पावर स्टेशनों की स्थापना के लिये भूमि की उपलब्धता आदि का मास्टर प्लान भी तैयार किये जाने, तथा प्रदेश के समग्र एनर्जी प्लान के साथ लाइन लॉस को कम करने के लिये कारगर प्रयासों की भी जरूरत बतायी. उन्होंने इसके लिये अधिकारियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित करने को कहा.
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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विद्युत बिलों में गड़बड़ी की शिकायतों को दूर करने के लिये 15 सितम्बर से 30 सितम्बर तक शिविर लगाकर बिजली बिलों के संबंध में जनता की शिकायतों का निराकरण करने के भी निर्देश दिये हैं. उन्होंने विद्युत योजनाओं से सम्बंधित कार्यों की टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये जाने पर भी ध्यान देने को कहा ताकि अधिक से अधिक प्रतिभागी इसमें भागीदारी कर सके. मुख्यमंत्री ने विद्युत स्टेशनों की स्थापना विद्युत लाइनों आदि से संबंधित वन भूमि हस्तान्तरण के प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये.
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मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में उद्योगों को बिजली कटौती का सामना न करना पडे इसकी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय. मुख्यमंत्री ने अंडर ग्राउंड केबलिंग एवं स्मार्ट मीटर योजना के क्रियान्वयन में भी तेजी लाने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने केन्द्र सरकार के स्तर पर लंबित योजनाओं का विवरण तैयार करने के साथ ही लखवाड़ व्यासी जमरानी आदि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी लाये जाने के निर्देश दिये. इस संबंध में यदि आवश्यकता हुई तो केन्द्रीय ऊर्जा एवं सिंचाई मंत्रियों से भी मुख्यमंत्री द्वारा वार्ता की जायेगी.
सचिव ऊर्जा सौजन्या ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ऊर्जा के तीनों निगमों तथा उरेडा की कार्य प्रगति, संचालित परियोजनाओं एवं योजनाओं की स्थिति विद्युत उत्पादन खपत भावी योजनाओं तथा आय व्ययक से संबंध जानकारी दी गई.