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सिटी बस यूनियन ने सरकार की गाइडलाइन का किया विरोध, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन - उत्तराखंड सरकार गाइडलाइन

देहरादून में राज्य सरकार की गाइ़डलाइन जारी होने के बाद भी राजधानी में बस सेवा चलाने की अनुमति मिल चुकी है. वहीं सिटी बस यूनियन इस गाइडलाइन के खिलाफ है. जिसको लेकर सिटी यूनियन ने मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.

City bus union submitted memorandum
सिटी बस यूनियन ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Jun 14, 2020, 5:18 PM IST

देहरादून: राज्य सरकार की गाइडलाइन के बाद राजधानी में बस सेवा चलाने की अनुमति मिल चुकी है. लेकिन सिटी बस यूनियन अभी भी गाइडलाइन के खिलाफ अड़े हुए हैं और शहर में सिटी बसों का संचालन नहीं कर रहे हैं. वहीं सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष ने आरोप लगाया है की ई-रिक्शा, ऑटो, थ्री व्हीलर, टेंपो, विक्रम और टैक्सी बुकिंग और फुटकर में सवारियों को ले जा रहे हैं. जिन्हें पुलिस और परिवहन विभाग लगातार नजर अंदाज कर रहा है.

सिटी बस यूनियन ने सरकार की गाइडलाइन का किया विरोध.

बता दें कि, सिटी बस यूनियन ने रविवार को मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. उनकी मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार गाड़ियों में सवारियां बैठाने की क्षमता तय की जाए. जिससे कोविड-19 के संक्रमण को रोका जा सके. यूनियन का कहना है कि पहले परिवहन विभाग और पुलिस विभाग ने मुस्तैदी के साथ चेकिंग की. परिवहन विभाग ने सिटी बसों को सैनिटाइज करते समय फोटोग्राफी भी की थी. लेकिन एक महीने के अंतराल में छोटी गाड़ियां (ई-रिक्शा, ऑटो, थ्री, व्हीलर टेंपो, विक्रम और टैक्सी) जो बुकिंग और फुटकर में सवारियों को ले जा रही हैं उनको नजरअंदाज किया जा रहा है.

पढ़ें- व्यापार मंडल ने धार्मिक स्थलों को दिए 25 सैनिटाइजर मशीन, लोगों ने की सराहना

सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडियाल ने बताया कि वर्तमान में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1700 के पार पहुंच गया है. जबकि 8 मार्च से 22 मार्च तक ये आंकड़ा पांच छह संक्रमित मरीजों तक सीमित था. लेकिन अब परिवहन और पुलिस विभाग द्वारा यात्री वाहनों की चेकिंग नहीं की जा रही है. उनका आरोप है कि छोटे गाड़ियों के चालक कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. इसी संबंध में उन्होंने मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को पत्र भेजा है.

देहरादून: राज्य सरकार की गाइडलाइन के बाद राजधानी में बस सेवा चलाने की अनुमति मिल चुकी है. लेकिन सिटी बस यूनियन अभी भी गाइडलाइन के खिलाफ अड़े हुए हैं और शहर में सिटी बसों का संचालन नहीं कर रहे हैं. वहीं सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष ने आरोप लगाया है की ई-रिक्शा, ऑटो, थ्री व्हीलर, टेंपो, विक्रम और टैक्सी बुकिंग और फुटकर में सवारियों को ले जा रहे हैं. जिन्हें पुलिस और परिवहन विभाग लगातार नजर अंदाज कर रहा है.

सिटी बस यूनियन ने सरकार की गाइडलाइन का किया विरोध.

बता दें कि, सिटी बस यूनियन ने रविवार को मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. उनकी मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार गाड़ियों में सवारियां बैठाने की क्षमता तय की जाए. जिससे कोविड-19 के संक्रमण को रोका जा सके. यूनियन का कहना है कि पहले परिवहन विभाग और पुलिस विभाग ने मुस्तैदी के साथ चेकिंग की. परिवहन विभाग ने सिटी बसों को सैनिटाइज करते समय फोटोग्राफी भी की थी. लेकिन एक महीने के अंतराल में छोटी गाड़ियां (ई-रिक्शा, ऑटो, थ्री, व्हीलर टेंपो, विक्रम और टैक्सी) जो बुकिंग और फुटकर में सवारियों को ले जा रही हैं उनको नजरअंदाज किया जा रहा है.

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सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडियाल ने बताया कि वर्तमान में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1700 के पार पहुंच गया है. जबकि 8 मार्च से 22 मार्च तक ये आंकड़ा पांच छह संक्रमित मरीजों तक सीमित था. लेकिन अब परिवहन और पुलिस विभाग द्वारा यात्री वाहनों की चेकिंग नहीं की जा रही है. उनका आरोप है कि छोटे गाड़ियों के चालक कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. इसी संबंध में उन्होंने मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को पत्र भेजा है.

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