देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज 3 मई से होने जा रहा है. कोरोना के दो साल बीत जाने के बाद चारधाम यात्रा से जुड़े हर व्यवसायी और पुरोहित समाज को उम्मीद है कि इस साल यात्रा का पुराना स्वरूप देखने को मिलेगा. वहीं, यात्रियों को धामों तक पहुंचाने वाले ट्रेवल्स एजेंसी और टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण चारधाम यात्रियों को जेब भी ज्यादा हल्की करनी पड़ेगी. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से जुड़े वाले ट्रेवल्स एजेंसी ने वाहन किराए में 20 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है.
उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने बताया कि जिस प्रकार से रूस और यूक्रेन युद्ध जारी है. उससे अन्य देशों में तेल के कीमतों में बढोत्तरी हो रही है. भारत में भी आगे पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बढ़ने के आसार हैं. इसी के तहत चार चारधाम यात्रा को देखते हुए श्रद्धालुओं को 20 प्रतिशत किराया बढ़कर वहन करना पड़ेगा. पंवार का कहना है कि कोरोना ने ट्रेवल्स एजेंसियों की कमर तोड़कर रख दी है, लेकिन इस बार उम्मीद बढ़ी है. साथ ही राज्य परिवहन प्राधिकरण ने भी 2019 के बाद से चारधाम यात्रा के रेट नहीं बढ़ाएं हैं. जबकि तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है.
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देवभूमि टैक्सी मालिक कल्याण समिति के अध्यक्ष आशु ममगाईं का कहना है कि आज देहरादून में डीजल की कीमत बढ़कर 87.37 रुपए प्रति लीटर है. वहीं, जानकारी मिल रही है कि तेल की किमतें बढ़ेंगी. जिससे यही लगता है कि तेल की कीमतों के बढ़ने पर यात्रियों की जेब पर 2 से 3 हजार तक का बोझ बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा में पहले 4 सीटर गाड़ी का 10 दिन का किराया 30 से 32 हजार रुपये हुआ करता था कि जो अब 35 से 38 हजार रुपये तक खर्च करना पड़ेगा.