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दून में फ्लैट दिलाने के नाम पर पायलट से धोखाधड़ी, GTM बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

थाना नेहरू कॉलोनी (Dehradun Thana Nehru Colony) क्षेत्र के अंतर्गत पवन हंस के पायलट के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. तीन साल गुजर जाने के बाद भी जब पायलट को फ्लैट नहीं मिला तो इसके बाद उन्होंने जीटीएम बिल्डर्स के निदेशक सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. जिसके बाद पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है.

dehradun fraud case
देहरादून थाना नेहरू कॉलोनी
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Published : Jul 22, 2022, 10:44 AM IST

देहरादून: थाना नेहरू कॉलोनी (Dehradun Thana Nehru Colony) क्षेत्र के अंतर्गत पवन हंस के पायलट द्वारा हरिद्वार रोड पर फॉरेस्ट लवाना आवासीय कॉलोनी में एडवांस देकर फ्लैट बुक करने पर भी बिल्डर्स द्वारा उन्हें फ्लैट नहीं दिया गया. तीन साल गुजर जाने के बाद जब पायलट को फ्लैट नहीं मिला तो उन्होंने जीटीएम बिल्डर्स के निदेशक सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. जिसके बाद पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है.

गौर हो कि जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट पर पवनहंस के पायलट (Pawan Hans Helicopter Service) कैप्टन मसूद हसन खां ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके भाई मशरूफ खां राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं. मशरूफ खां ने हरिद्वार रोड पर प्रस्तावित फॉरेस्ट लवाना आवासीय कॉलोनी में फ्लैट बुक किया था. जीटीएम बिल्डर के डायरेक्टर नितिन कपूर को साल 2014 में 06 लाख 60 हजार रुपए जीटीएम बिल्डर्स के खाते में जमा कराए थे. कुछ समय बाद निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ लेकिन कपूर ने निर्माण होने की जानकारी मशरूफ खां को दी. कुछ समय बाद फ्लैट को कैप्टन मसूद हसन ने अपने भाई मशहूर से खुद के नाम करवा लिया और उसके बाद नितिन कपूर से मिले तो उन्होंने बताया कि काफी निर्माण कार्य हो चुका है. इसलिए बाकी पैसा जमा करने की बात कही और कहा कि फ्लैट जल्द हैंडओवर कर दिया जाएगा.
पढ़ें-देहरादून: प्रॉपर्टी बेचने के नाम पर साढ़े 10 करोड़ की धोखाधड़ी, SSP और DGP से न्याय की गुहार

कैप्टन मसूद हसन द्वारा जब नितिन कपूर से लोन लेने के लिए सहयोग मांगा तो नितिन ने किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया. उसके बाद मसूद हसन निर्माण कार्य स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे. लेकिन गार्ड ने जाने से रोक दिया और पता चला कि वहां कोई निर्माण ही नहीं हुआ है. जब मसूद हसन ने इस बारे में नितिन कपूर से बात की तो नितिन कपूर ने आश्वासन दिया कि 2015 में फ्लैट हैंडओवर कर दिया जाएगा. साल 2015 और साल 2016 तक भी फ्लैट बनकर तैयार नहीं हुआ. उसके बाद मसूद हसन द्वारा रकम वापस मांगी जानी लगी तो 7 जुलाई 2017 को पैसे वापस किए बिना ही आवंटन रद्द कर दिया गया.
पढ़ें-रियल एस्टेट कारोबारी दे रहे 'रेरा' को गच्चा, पब्लिक से ठगी तो राजस्व को भी झटका

थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि पीड़ित मसूद हसन खां की तहरीर के आधार पर जीटीएम बिल्डर्स के निदेशक नितिन कपूर सहित शील रानी निवासी मुजफ्फरनगर और दिनेश वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. पुलिस द्वारा मामले में जानकारी की जा रही है कि बिल्डर के द्वारा अन्य लोगों के साथ भी की गई धोखाधड़ी के मामलों की जानकारी जुटाई जा रही है.

देहरादून: थाना नेहरू कॉलोनी (Dehradun Thana Nehru Colony) क्षेत्र के अंतर्गत पवन हंस के पायलट द्वारा हरिद्वार रोड पर फॉरेस्ट लवाना आवासीय कॉलोनी में एडवांस देकर फ्लैट बुक करने पर भी बिल्डर्स द्वारा उन्हें फ्लैट नहीं दिया गया. तीन साल गुजर जाने के बाद जब पायलट को फ्लैट नहीं मिला तो उन्होंने जीटीएम बिल्डर्स के निदेशक सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. जिसके बाद पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है.

गौर हो कि जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट पर पवनहंस के पायलट (Pawan Hans Helicopter Service) कैप्टन मसूद हसन खां ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके भाई मशरूफ खां राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं. मशरूफ खां ने हरिद्वार रोड पर प्रस्तावित फॉरेस्ट लवाना आवासीय कॉलोनी में फ्लैट बुक किया था. जीटीएम बिल्डर के डायरेक्टर नितिन कपूर को साल 2014 में 06 लाख 60 हजार रुपए जीटीएम बिल्डर्स के खाते में जमा कराए थे. कुछ समय बाद निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ लेकिन कपूर ने निर्माण होने की जानकारी मशरूफ खां को दी. कुछ समय बाद फ्लैट को कैप्टन मसूद हसन ने अपने भाई मशहूर से खुद के नाम करवा लिया और उसके बाद नितिन कपूर से मिले तो उन्होंने बताया कि काफी निर्माण कार्य हो चुका है. इसलिए बाकी पैसा जमा करने की बात कही और कहा कि फ्लैट जल्द हैंडओवर कर दिया जाएगा.
पढ़ें-देहरादून: प्रॉपर्टी बेचने के नाम पर साढ़े 10 करोड़ की धोखाधड़ी, SSP और DGP से न्याय की गुहार

कैप्टन मसूद हसन द्वारा जब नितिन कपूर से लोन लेने के लिए सहयोग मांगा तो नितिन ने किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया. उसके बाद मसूद हसन निर्माण कार्य स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे. लेकिन गार्ड ने जाने से रोक दिया और पता चला कि वहां कोई निर्माण ही नहीं हुआ है. जब मसूद हसन ने इस बारे में नितिन कपूर से बात की तो नितिन कपूर ने आश्वासन दिया कि 2015 में फ्लैट हैंडओवर कर दिया जाएगा. साल 2015 और साल 2016 तक भी फ्लैट बनकर तैयार नहीं हुआ. उसके बाद मसूद हसन द्वारा रकम वापस मांगी जानी लगी तो 7 जुलाई 2017 को पैसे वापस किए बिना ही आवंटन रद्द कर दिया गया.
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थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि पीड़ित मसूद हसन खां की तहरीर के आधार पर जीटीएम बिल्डर्स के निदेशक नितिन कपूर सहित शील रानी निवासी मुजफ्फरनगर और दिनेश वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. पुलिस द्वारा मामले में जानकारी की जा रही है कि बिल्डर के द्वारा अन्य लोगों के साथ भी की गई धोखाधड़ी के मामलों की जानकारी जुटाई जा रही है.

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