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सरकार से बढ़ा हरक का टकराव, उपनल कर्मियों पर फैसले से नहीं हैं सहमत

उपनल कर्मचारियों के मानदेय पर विचार के लिए सरकार ने ही एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन भी किया था. जिसके अध्यक्ष हरक सिंह रावत हैं, लेकिन अब हरक सिंह रावत ने ही कैबिनेट के फैसले पर असहमति जता दी है. इससे साफ है कि हरक का सरकार से टकराव बढ़ रहा है.

cabinet minister Harak Singh Rawat
सरकार के फैसले से सहमत नहीं हरक रावत
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Published : Oct 23, 2021, 10:38 PM IST

देहरादून: उपनल कर्मियों ने सरकार को आंखें दिखानी शुरू कर दी हैं तो सरकार के खिलाफ कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी उनके समर्थन में हैं. कर्मचारियों ने अब सरकार को अल्टीमेटम भी दे दिया है. हरक सिंह रावत ने भी उपनल कर्मियों के पक्ष में आकर सरकार के फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. अब कर्मचारियों को 28 अक्टूबर को होने वाली की कैबिनेट का इंतजार है. जिसके बाद कर्मचारी आंदोलन की रूपरेखा को आगे बढ़ाएंगे.

प्रदेश में चुनाव नजदीक आते ही कर्मचारियों के प्रदर्शन और आंदोलन तेजी से बढ़ने लगे हैं. एक आंदोलन है जो काफी लंबे समय से चल रहा है. इसे लेकर सरकार कैबिनेट में फैसला भी ले चुकी है. बावजूद इसके न तो कैबिनेट मंत्री इस फैसले से सहमत हैं और ना ही आंदोलन करने वाले कर्मचारी.

सरकार से मोर्चा

मामला उपनल कर्मचारियों से जुड़ा है. जिनका हाल ही में कैबिनेट बैठक में मानदेय 2000 से ₹3000 बढ़ाने का फैसला हुआ है. उपनल कर्मचारियों के मानदेय पर विचार के लिए सरकार ने ही एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन भी किया था. जिसके अध्यक्ष हरक सिंह रावत हैं, लेकिन अब हरक सिंह रावत ने ही कैबिनेट के फैसले पर असहमति जता दी है.

ये भी पढ़ें: आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सीएम ने किया दौरा, हल्द्वानी में अधिकारियों संग की बैठक

हरक सिंह रावत ने इन कर्मचारियों को हर महीने प्रोत्साहन राशि दिए जाने की पैरवी की है. हरक सिंह रावत का कहना है कि जो प्रोत्साहन राशि हर तीसरे महीने कर्मचारियों को दी जानी है उसे हर महीने दिया जाना चाहिए.

इस मामले पर उपनल कर्मचारियों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है. कर्मचारी मानदेय में और ज्यादा बढ़ोत्तरी की बात कह रहे हैं. यही नहीं कर्मचारियों ने यह भी साफ कर दिया है कि वह इसे लेकर आंदोलन करने जा रहे हैं. उन्होंने सरकार को इसके लिए अल्टीमेटम भी दे दिया है. उपनल कर्मचारियों ने 28 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक तक आंदोलन नहीं करने की बात कही है. इस बैठक में अगर कोई फैसला नहीं होता है तो उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.

हरक का सरकार से टकराव: दो दिन से हरक सिंह रावत के तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को ही हरक ने हरीश रावत से हाथ जोड़कर माफी मांगी थी. हरक ने कहा कि हरीश रावत बड़े भाई हैं. अब वो मुझसे जो भी कहेंगे मैं चुप रहूंगा. जबकि इसके एक दिन पहले यानी गुरुवार को हरक ने हरीश रावत को दगाबाज और अविश्वसनीय तक कह डाला था. अब सरकार के फैसले पर असहमति जताकर और उपनल कर्मियों का समर्थन करके हरक ने एक कदम और आगे बढ़ा लिया है. उत्तराखंड के राजनीतिक हलकों में तो ये चर्चा तक होने लगी है कि हरक कांग्रेस में जाने वाले हैं.

देहरादून: उपनल कर्मियों ने सरकार को आंखें दिखानी शुरू कर दी हैं तो सरकार के खिलाफ कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी उनके समर्थन में हैं. कर्मचारियों ने अब सरकार को अल्टीमेटम भी दे दिया है. हरक सिंह रावत ने भी उपनल कर्मियों के पक्ष में आकर सरकार के फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. अब कर्मचारियों को 28 अक्टूबर को होने वाली की कैबिनेट का इंतजार है. जिसके बाद कर्मचारी आंदोलन की रूपरेखा को आगे बढ़ाएंगे.

प्रदेश में चुनाव नजदीक आते ही कर्मचारियों के प्रदर्शन और आंदोलन तेजी से बढ़ने लगे हैं. एक आंदोलन है जो काफी लंबे समय से चल रहा है. इसे लेकर सरकार कैबिनेट में फैसला भी ले चुकी है. बावजूद इसके न तो कैबिनेट मंत्री इस फैसले से सहमत हैं और ना ही आंदोलन करने वाले कर्मचारी.

सरकार से मोर्चा

मामला उपनल कर्मचारियों से जुड़ा है. जिनका हाल ही में कैबिनेट बैठक में मानदेय 2000 से ₹3000 बढ़ाने का फैसला हुआ है. उपनल कर्मचारियों के मानदेय पर विचार के लिए सरकार ने ही एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन भी किया था. जिसके अध्यक्ष हरक सिंह रावत हैं, लेकिन अब हरक सिंह रावत ने ही कैबिनेट के फैसले पर असहमति जता दी है.

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हरक सिंह रावत ने इन कर्मचारियों को हर महीने प्रोत्साहन राशि दिए जाने की पैरवी की है. हरक सिंह रावत का कहना है कि जो प्रोत्साहन राशि हर तीसरे महीने कर्मचारियों को दी जानी है उसे हर महीने दिया जाना चाहिए.

इस मामले पर उपनल कर्मचारियों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है. कर्मचारी मानदेय में और ज्यादा बढ़ोत्तरी की बात कह रहे हैं. यही नहीं कर्मचारियों ने यह भी साफ कर दिया है कि वह इसे लेकर आंदोलन करने जा रहे हैं. उन्होंने सरकार को इसके लिए अल्टीमेटम भी दे दिया है. उपनल कर्मचारियों ने 28 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक तक आंदोलन नहीं करने की बात कही है. इस बैठक में अगर कोई फैसला नहीं होता है तो उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.

हरक का सरकार से टकराव: दो दिन से हरक सिंह रावत के तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को ही हरक ने हरीश रावत से हाथ जोड़कर माफी मांगी थी. हरक ने कहा कि हरीश रावत बड़े भाई हैं. अब वो मुझसे जो भी कहेंगे मैं चुप रहूंगा. जबकि इसके एक दिन पहले यानी गुरुवार को हरक ने हरीश रावत को दगाबाज और अविश्वसनीय तक कह डाला था. अब सरकार के फैसले पर असहमति जताकर और उपनल कर्मियों का समर्थन करके हरक ने एक कदम और आगे बढ़ा लिया है. उत्तराखंड के राजनीतिक हलकों में तो ये चर्चा तक होने लगी है कि हरक कांग्रेस में जाने वाले हैं.

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