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श्रीनगर में कांटे की टक्कर में जीत गए धन सिंह रावत, कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल को हराया - Dhan Singh Rawat Latest News

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कड़े मुकाबले में गणेश गोदियाल को हरा दिया है. प्रदेश की सबसे हॉट सीट रही श्रीनगर विधानसभा सीट में धन सिंह रावत ने बहुत कम अंतर से जीत दर्ज की है.

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कांटे की टक्कर में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने मारी बाजी
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Published : Mar 10, 2022, 4:50 PM IST

Updated : Mar 11, 2022, 10:11 AM IST

देहरादून: पौड़ी जिले की 6 विधानसभा सीटों पर भगवा परचम लहराया है. श्रीनगर विधानसभा सीट से उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कांटे की टक्कर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बेहम कम मार्जिन से हरा दिया है. धन सिंह रावत को कुल 29618 वोट पड़े जबकि गणेश गोदियाल को 29031 मतों से ही संतोष करना पड़ा. इस तरह धन सिंह रावत को 587 वोटों से जीत हासिल हुई.

छोटे मार्जिन से ही सही लेकिन धन सिंह रावत को मिली ये जीत उनके राजनीतिक करियर के लिए बड़ी जीत साबित हो सकती है. अपने पहले ही चुनाव में जीत के बाद धन सिंह का नाम दो बार सीएम रेस में आ चुका है. अब भाजपा के सीएम धामी अपना चुनाव हार चुके हैं. जिसके बाद धन सिंह रावत के राजनीतिक कद के बढ़ने की संभावनाएं हैं.

इस सीट पर धन सिंह रावत ने एक बार फिर से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को मात दी है. कैबिनेट मंत्री और विधायक धनसिंह रावत के लिए इस सीट पर पीएम मोदी ने जनसभा की थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी धन सिंह रावत के लिए प्रचार किया था. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन इस सीट पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने गणेश गोदियाल के समर्थन में कैंपेन किया था. आज घोषित नतीजों में जनता ने एक बार फिर से मोदी लहर पर मुहर लगा दी है.

पढ़ें-खटीमा से चुनाव हारे CM पुष्कर सिंह धामी, अब कौन बनेगा मुख्यमंत्री ?

उत्तराखंड की सक्रि‍य राजनीति‍ में धन स‍िंह की जड़ें बेहद ही गहरी रही हैं. धन स‍िंह रावत ने एक दशक से कम की सक्र‍िय राजनीत‍ि में बड़ा फासला तय क‍िया है. राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) से बीजेपी की सक्र‍िय राजनीत‍ि में आए धन स‍िंह रावत का नाम कई बार मुख्‍यमंत्री के संभाव‍ित उम्‍मीदवार के तौर पर सामने आता रहा है.

धन सिंह रावत का जन्म 7 अक्टूबर सन 1971 में पौड़ी गढ़वाल जिले के ग्राम नौगांव, पट्टी कंडारस्यूं, पोओ डुंगरीखाल में हुआ था. वह बचपन से ही समाज सेवा के प्रति समर्पित थे. वहीं धन स‍िंह ने अपनी राजनीत‍ि पारी की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू की थी. इसके बाद वह आरएसएस में पूर्णकालिक हो गए. ज‍िसके बाद उन्‍होंने एबीवीपी में प्रदेश मंत्री और प्रदेश संगठन मंत्री का दाय‍ि‍त्‍व न‍िभाया. वह आरएसएस की तरफ से बीजेपी में राज्‍य संगठन मंत्री भी रहे हैं.

पढ़ें- सीएम धामी भी हुए 'धड़ाम', नहीं तोड़ पाए राज्यगठन से चला आ रहा मिथक

आरएसएस में रहने के दौरान जब वह बीजेपी में संगठन मंत्री रहे तो उसके बाद उन्‍होंने सक्र‍िय राजनीत‍ि में आने का मन बनाया. बीजेपी की सक्र‍िय राजनीत‍ि में आने के बाद वह उन्‍हें बीजेपी उपाध्यक्ष का पद द‍िया गया. इसके बाद वह 2012 के विधानसभा चुनाव में ट‍िकट मांगते रहे, लेक‍िन उन्‍हें पहली बार 2017 में बीजेपी ने श्रीनगर व‍िधानसभा से ट‍िकट दिया. इस चुनाव में वह जीतने में सफल रहे और पहली बार व‍िधायक बने. इसी के साथ ही पहली बार ही वह राज्‍य मंत्री स्‍वतंत्र प्रभार बनाए गए. इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. धन स‍िंह रावत ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल की है. साल 2009 में उन्होंने दीपा रावत से शादी की थी.

देहरादून: पौड़ी जिले की 6 विधानसभा सीटों पर भगवा परचम लहराया है. श्रीनगर विधानसभा सीट से उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कांटे की टक्कर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बेहम कम मार्जिन से हरा दिया है. धन सिंह रावत को कुल 29618 वोट पड़े जबकि गणेश गोदियाल को 29031 मतों से ही संतोष करना पड़ा. इस तरह धन सिंह रावत को 587 वोटों से जीत हासिल हुई.

छोटे मार्जिन से ही सही लेकिन धन सिंह रावत को मिली ये जीत उनके राजनीतिक करियर के लिए बड़ी जीत साबित हो सकती है. अपने पहले ही चुनाव में जीत के बाद धन सिंह का नाम दो बार सीएम रेस में आ चुका है. अब भाजपा के सीएम धामी अपना चुनाव हार चुके हैं. जिसके बाद धन सिंह रावत के राजनीतिक कद के बढ़ने की संभावनाएं हैं.

इस सीट पर धन सिंह रावत ने एक बार फिर से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को मात दी है. कैबिनेट मंत्री और विधायक धनसिंह रावत के लिए इस सीट पर पीएम मोदी ने जनसभा की थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी धन सिंह रावत के लिए प्रचार किया था. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन इस सीट पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने गणेश गोदियाल के समर्थन में कैंपेन किया था. आज घोषित नतीजों में जनता ने एक बार फिर से मोदी लहर पर मुहर लगा दी है.

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उत्तराखंड की सक्रि‍य राजनीति‍ में धन स‍िंह की जड़ें बेहद ही गहरी रही हैं. धन स‍िंह रावत ने एक दशक से कम की सक्र‍िय राजनीत‍ि में बड़ा फासला तय क‍िया है. राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) से बीजेपी की सक्र‍िय राजनीत‍ि में आए धन स‍िंह रावत का नाम कई बार मुख्‍यमंत्री के संभाव‍ित उम्‍मीदवार के तौर पर सामने आता रहा है.

धन सिंह रावत का जन्म 7 अक्टूबर सन 1971 में पौड़ी गढ़वाल जिले के ग्राम नौगांव, पट्टी कंडारस्यूं, पोओ डुंगरीखाल में हुआ था. वह बचपन से ही समाज सेवा के प्रति समर्पित थे. वहीं धन स‍िंह ने अपनी राजनीत‍ि पारी की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू की थी. इसके बाद वह आरएसएस में पूर्णकालिक हो गए. ज‍िसके बाद उन्‍होंने एबीवीपी में प्रदेश मंत्री और प्रदेश संगठन मंत्री का दाय‍ि‍त्‍व न‍िभाया. वह आरएसएस की तरफ से बीजेपी में राज्‍य संगठन मंत्री भी रहे हैं.

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आरएसएस में रहने के दौरान जब वह बीजेपी में संगठन मंत्री रहे तो उसके बाद उन्‍होंने सक्र‍िय राजनीत‍ि में आने का मन बनाया. बीजेपी की सक्र‍िय राजनीत‍ि में आने के बाद वह उन्‍हें बीजेपी उपाध्यक्ष का पद द‍िया गया. इसके बाद वह 2012 के विधानसभा चुनाव में ट‍िकट मांगते रहे, लेक‍िन उन्‍हें पहली बार 2017 में बीजेपी ने श्रीनगर व‍िधानसभा से ट‍िकट दिया. इस चुनाव में वह जीतने में सफल रहे और पहली बार व‍िधायक बने. इसी के साथ ही पहली बार ही वह राज्‍य मंत्री स्‍वतंत्र प्रभार बनाए गए. इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. धन स‍िंह रावत ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल की है. साल 2009 में उन्होंने दीपा रावत से शादी की थी.

Last Updated : Mar 11, 2022, 10:11 AM IST
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