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बीजेपी का विपक्ष से अनुरोध, सत्र में न करें सरकार का विरोध - bjp appeals opposition

उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 23 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. जिसको लेकर विधानसभा प्रशासन तैयारियों में व्यस्त है. वहीं, इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर तमाम एहतियात के साथ सत्र कराया जाएगा.

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Published : Sep 16, 2020, 7:35 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 23 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. जिसको लेकर विधानसभा प्रशासन तैयारियों में व्यस्त है. वहीं, इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर तमाम एहतियात के साथ सत्र कराया जाएगा, तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस भी सत्तापक्ष को घेरने के लिए रणनीतियां बनाने में जुट गई है. हालांकि, मुख्य रूप से विपक्ष बेरोजगारी, कोरोना वायरस को रोकने में अधूरी व्यवस्था के साथ ही उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड समेत तमाम मुद्दों पर सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने की जुगत में है. उधर भाजपा इस कोरोना काल में विपक्ष को प्रदर्शन न करने की सलाह दे रही है.

बीजेपी ने विपक्ष को सदन में सरकार का विरोध नहीं करने की सलाह दी है.

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार को साढ़े तीन साल का समय बीत गया है. लेकिन इन बीते सालों में किसी भी विभाग की विज्ञप्ति जारी नहीं की गई. इन सालों में कोई भी भर्ती नहीं की गई. लिहाजा राज्य की हालत ये है कि मौजूदा समय में करीब 12 लाख युवा बेरोजगार बनकर घूम रहे हैं. राज्य सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठनकर, चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों का तिरस्कार किया है. इसके चलते वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही वर्तमान में कोरोना संक्रमण के मामले राज्य में तेज रफ्तार से बढ़ते जा रहे हैं और राज्य सरकार की बदइंतजामी साफ तौर पर देखी जा सकती है. लिहाजा इन सभी मुद्दों को कांग्रेस ना सिर्फ सदन के अंदर उठाएगी, बल्कि सदन के बाहर प्रदर्शन भी करेगी.

पढ़ें: पिथौरागढ़: बीजेपी नेता पर रंगदारी का आरोप लगाने वाला ठेकेदार खुद निकला 'रंगबाज'

उधर, भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में कांग्रेस के पास कोई मुद्दा ही नहीं बचा है. यही वजह है कि वह बेवजह ऐसे ही मुद्दे उठा रहे हैं. लिहाजा कांग्रेस नेताओं को सुझाव दिया कि वह सदन को सही ढंग से चलने दें. क्योंकि इस समय कोरोना की वजह से सरकार का विरोध करना उचित नहीं है. लिहाजा इस विपरीत परिस्थिति में अगर सदन चल रहा है तो विपक्ष को इसमें सहयोग करना चाहिए. साथ ही कहा कि सड़क पर प्रदर्शन करना, इन विपरीत परिस्थितियों में ठीक नहीं है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 23 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. जिसको लेकर विधानसभा प्रशासन तैयारियों में व्यस्त है. वहीं, इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर तमाम एहतियात के साथ सत्र कराया जाएगा, तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस भी सत्तापक्ष को घेरने के लिए रणनीतियां बनाने में जुट गई है. हालांकि, मुख्य रूप से विपक्ष बेरोजगारी, कोरोना वायरस को रोकने में अधूरी व्यवस्था के साथ ही उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड समेत तमाम मुद्दों पर सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने की जुगत में है. उधर भाजपा इस कोरोना काल में विपक्ष को प्रदर्शन न करने की सलाह दे रही है.

बीजेपी ने विपक्ष को सदन में सरकार का विरोध नहीं करने की सलाह दी है.

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार को साढ़े तीन साल का समय बीत गया है. लेकिन इन बीते सालों में किसी भी विभाग की विज्ञप्ति जारी नहीं की गई. इन सालों में कोई भी भर्ती नहीं की गई. लिहाजा राज्य की हालत ये है कि मौजूदा समय में करीब 12 लाख युवा बेरोजगार बनकर घूम रहे हैं. राज्य सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठनकर, चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों का तिरस्कार किया है. इसके चलते वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही वर्तमान में कोरोना संक्रमण के मामले राज्य में तेज रफ्तार से बढ़ते जा रहे हैं और राज्य सरकार की बदइंतजामी साफ तौर पर देखी जा सकती है. लिहाजा इन सभी मुद्दों को कांग्रेस ना सिर्फ सदन के अंदर उठाएगी, बल्कि सदन के बाहर प्रदर्शन भी करेगी.

पढ़ें: पिथौरागढ़: बीजेपी नेता पर रंगदारी का आरोप लगाने वाला ठेकेदार खुद निकला 'रंगबाज'

उधर, भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में कांग्रेस के पास कोई मुद्दा ही नहीं बचा है. यही वजह है कि वह बेवजह ऐसे ही मुद्दे उठा रहे हैं. लिहाजा कांग्रेस नेताओं को सुझाव दिया कि वह सदन को सही ढंग से चलने दें. क्योंकि इस समय कोरोना की वजह से सरकार का विरोध करना उचित नहीं है. लिहाजा इस विपरीत परिस्थिति में अगर सदन चल रहा है तो विपक्ष को इसमें सहयोग करना चाहिए. साथ ही कहा कि सड़क पर प्रदर्शन करना, इन विपरीत परिस्थितियों में ठीक नहीं है.

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