मसूरी: टिहरी के कोट गांव में 26 अप्रैल को शादी समारोह में एक दलित युवक को पीटने के बाद हुई मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. दलित समुदाय के लोग लगातार मामले का विरोध कर रहे हैं. बुधवार को भीम आर्मी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कैंपटी थाने का घेराव कर फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. साथ ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की गई है.
भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर दलित परिवार का उत्पीड़न करने के साथ ही पूरे मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद और एक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं दी गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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उत्तराखंड भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह ने बताया कि दलितों के साथ हो रहे अन्याय को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में यह पहली घटना नहीं है. यहां दलितों का उत्पीड़न लगातार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ये उत्पीड़न नहीं रुका तो हरिद्वार का बहुजन समाज पूरे देश के बहुजन समाज को लेकर पहाड़ की ओर कूच करेगा.
महक सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि अभी तक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचा है. न ही पीड़ित परिवार को अभी तक किसी तरह की आर्थिक सहायता दी गई है, जिससे साफ होता है कि प्रदेश सरकार दलितों के प्रति कितनी संवेदनशील है.
वहीं कैंपटी थाना प्रभारी एमएल जखमोला ने कहा कि दलित युवक की मौत के मामले में पुलिस काफी गंभीर है. सीओ नरेंद्रनगर पूरे मामले की गहन जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि तहरीर के आधार पर 7 युवकों को दोषी बनाया गया है, जिसमें से पांच को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. दो अन्य फरार आरोपियों की तलाश लगातार की जा रही है. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है. भेदभाव या दलित परिवार पर कोई दबाव बनाने का आरोप सरासर बेबुनियाद है.