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रिवर्स पलायन पर पुलिस महकमे का फार्मूला हो रहा कारगर, ड्यूटी करने पहाड़ों का रुख कर रहे कर्मी - पलायन न्यूज उत्तराखंड

साल 2017 में पुलिसकर्मियों को होम डिस्ट्रिक्ट दिए जाने को लेकर छूट दी गई थी. इसके पीछे मंशा पहाड़ों में पुलिसकर्मियों को भेज कर रिवर्स पलायन की दिशा में पहल करना था. उत्तराखंड पुलिस की इस पहल का जहां रिवर्स प्लान को लेकर बेहतर रिजल्ट निकल रहा है तो वहीं इससे प्रदेश के पहाड़ी जिले में एक अच्छा संदेश भी जा रहा है.

पुलिस मुख्यालय, देहरादून
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Published : Aug 18, 2019, 7:30 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पलायन पर पुलिस महकमे का प्रयोग सफल हो रहा है. महकमे में पहाड़ों पर जाने की इच्छा जताने वाले कर्मियों की दिनों दिन संख्या बढ़ रही है. पुलिस मुख्यालय का कर्मियों को होम डिस्ट्रिक्ट भेजे जाने का निर्णय रिवर्स पलायन के लिहाज से कारगर हो रहा है. अब बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी पहाड़ों पर जाकर ड्यूटी करने की इच्छा पुलिस मुख्यालय को जता रहे हैं.

उत्तराखंड में राज्य सरकार पलायन रोकने को लेकर चिंता तो जताती रही है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी कोई खास उपलब्धि सरकार के हाथ नहीं लग पाई है. उधर पुलिस महकमे के रिवर्स पलायन को लेकर अपनाए गए फार्मूले का जबरदस्त असर दिखाई दे रहा है.

पढ़ें- बॉलीवुड में लोहा मनवा चुके ये एक्टर अब लोगों के लिए बन रहे नजीर, पहाड़ों पर कर रहे ये बड़ा काम

दरअसल, मामला पहाड़ों में गृह जनपद ट्रांसफर लेने की छूट देने से जुड़ा है. बता दें कि साल 2017 में पुलिसकर्मियों को होम डिस्ट्रिक्ट दिए जाने को लेकर छूट दी गई थी. इसके पीछे मंशा पहाड़ों में पुलिसकर्मियों को भेज कर रिवर्स पलायन की दिशा में पहल करना था. पुलिस विभाग की इस पहल का अब जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है. आईजी कार्मिक के मुताबिक फिलहाल करीब 500 पुलिसकर्मियों को पहाड़ों पर भेजा जा चुका है. वहीं लगातार पहाड़ों पर ड्यूटी करने के लिए पुलिसकर्मियों के आवेदन मिल रहे हैं.

रिवर्स पलायन पर पुलिस का कारगर फार्मूला

उत्तराखंड पुलिस की इस पहल का जहां रिवर्स प्लान को लेकर बेहतर रिजल्ट निकल रहा है तो वहीं इससे प्रदेश के पहाड़ी जिले में एक अच्छा संदेश भी जा रहा है. आईजी कार्मिक जीएस मार्तोलिया बताते हैं कि इस फार्मूले को बाकी विभागों में भी अपनाया जा सकता है. ताकि पलायन से बचने के लिए कुछ हद तक सफलता हासिल की जा सके.

पढ़ें- हाड़ पर पलायन रोकने के लिए पूर्व सैनिक ने गांव में शुरू किया काम, युवाओं को रोजगार देकर बने प्रेरणा स्रोत

उत्तराखंड पुलिस ने गृह जनपद में ट्रांसफर को लेकर फिलहाल 7 पहाड़ी जिलों में ही अनुमति दी है, जबकि टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा में भी यदि मुख्यालय पुलिसकर्मियों को गृह जनपद जाने की इजाजत देता है तो पहाड़ों पर जाने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद ज्यादा होगी.

हालांकि पुलिसकर्मियों ने भी मुख्यालय में इस मांग को रखा है और मुख्यालय भी इस पर तमाम परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लेगा, लेकिन गृह जनपद के फार्मूले के बाद 500 कर्मी और उनके परिवारों के पहाड़ लौटने से वीरान गांव और बढ़ते पलायन पर जरूर असर पड़ेगा.

देहरादून: उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पलायन पर पुलिस महकमे का प्रयोग सफल हो रहा है. महकमे में पहाड़ों पर जाने की इच्छा जताने वाले कर्मियों की दिनों दिन संख्या बढ़ रही है. पुलिस मुख्यालय का कर्मियों को होम डिस्ट्रिक्ट भेजे जाने का निर्णय रिवर्स पलायन के लिहाज से कारगर हो रहा है. अब बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी पहाड़ों पर जाकर ड्यूटी करने की इच्छा पुलिस मुख्यालय को जता रहे हैं.

उत्तराखंड में राज्य सरकार पलायन रोकने को लेकर चिंता तो जताती रही है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी कोई खास उपलब्धि सरकार के हाथ नहीं लग पाई है. उधर पुलिस महकमे के रिवर्स पलायन को लेकर अपनाए गए फार्मूले का जबरदस्त असर दिखाई दे रहा है.

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दरअसल, मामला पहाड़ों में गृह जनपद ट्रांसफर लेने की छूट देने से जुड़ा है. बता दें कि साल 2017 में पुलिसकर्मियों को होम डिस्ट्रिक्ट दिए जाने को लेकर छूट दी गई थी. इसके पीछे मंशा पहाड़ों में पुलिसकर्मियों को भेज कर रिवर्स पलायन की दिशा में पहल करना था. पुलिस विभाग की इस पहल का अब जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है. आईजी कार्मिक के मुताबिक फिलहाल करीब 500 पुलिसकर्मियों को पहाड़ों पर भेजा जा चुका है. वहीं लगातार पहाड़ों पर ड्यूटी करने के लिए पुलिसकर्मियों के आवेदन मिल रहे हैं.

रिवर्स पलायन पर पुलिस का कारगर फार्मूला

उत्तराखंड पुलिस की इस पहल का जहां रिवर्स प्लान को लेकर बेहतर रिजल्ट निकल रहा है तो वहीं इससे प्रदेश के पहाड़ी जिले में एक अच्छा संदेश भी जा रहा है. आईजी कार्मिक जीएस मार्तोलिया बताते हैं कि इस फार्मूले को बाकी विभागों में भी अपनाया जा सकता है. ताकि पलायन से बचने के लिए कुछ हद तक सफलता हासिल की जा सके.

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उत्तराखंड पुलिस ने गृह जनपद में ट्रांसफर को लेकर फिलहाल 7 पहाड़ी जिलों में ही अनुमति दी है, जबकि टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा में भी यदि मुख्यालय पुलिसकर्मियों को गृह जनपद जाने की इजाजत देता है तो पहाड़ों पर जाने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद ज्यादा होगी.

हालांकि पुलिसकर्मियों ने भी मुख्यालय में इस मांग को रखा है और मुख्यालय भी इस पर तमाम परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लेगा, लेकिन गृह जनपद के फार्मूले के बाद 500 कर्मी और उनके परिवारों के पहाड़ लौटने से वीरान गांव और बढ़ते पलायन पर जरूर असर पड़ेगा.

Intro:
पलायन स्पेशल.....


Summary- उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पलायन पर पुलिस महकमे का प्रयोग सफल हो रहा है...महकमें से पहाड़ों पर जाने की इच्छा जताने वाले कर्मियों की दिनों दिन संख्या बढ़ रही है। 


पुलिस मुख्यालय का कर्मियों को होम डिस्ट्रिक्ट भेजे जाने का निर्णय रिवर्स पलायन के लिहाज से कारगर हो रहा है..अब बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी पहाड़ों पर जाकर ड्यूटी करने की इच्छा पुलिस मुख्यालय को जता रहे हैं। 




Body:उत्तराखंड में राज्य सरकार पलायन रोकने को लेकर चिंता तो जताती रही है...लेकिन इसके समाधान की दिशा में तमाम प्रयासों के बावजूद भी कोई खास उपलब्धि सरकार के हाथ नहीं लग पाई है...लेकिन उधर पुलिस महकमे के रिवर्स पलायन को लेकर अपनाए गए फार्मूले का जबरदस्त असर दिखाई दे रहा है। दरअसल मामला पहाड़ों में गृह जनपद ट्रांसफर लेने की छूट देने से जुड़ा है... आपको बता दें कि साल 2017 में पुलिसकर्मियों को होम डिस्ट्रिक्ट दिए जाने को लेकर छूट दी गई थी इसके पीछे मंशा पहाड़ों में पुलिसकर्मियों को भेज कर रिवर्स पलायन की दिशा में पहल करना था। पुलिस विभाग की इस पहल का अब जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। आई जी कार्मिक के मुताबिक फिलहाल करीब 500 पुलिसकर्मियों को पहाड़ों पर भेजा जा चुका है तो अब भी लगातार पहाड़ों पर ड्यूटी करने के लिए पुलिसकर्मियों के आवेदन मिल रहे हैं।


बाइट जीएस मार्तोलिया आई जी कार्मिक उत्तराखंड पुलिस


उत्तराखंड पुलिस की इस पहल का जहां रिवर्स प्लान को लेकर बेहतर रिजल्ट निकल रहा है तो वही इससे प्रदेश के पहाड़ी जिले में एक अच्छा संदेश भी जा रहा है। आई जी कार्मिक जीएस मार्तोलिया बताते हैं कि इस फार्मूले को बाकी विभागों में भी अपनाया जा सकता है ताकि पलायन से बचने के लिए कुछ हद तक सफलता हासिल की जा सके।


बाइट जीएस मार्तोलिया आई जी कार्मिक उत्तराखंड पुलिस




Conclusion:उत्तराखंड पुलिस ने गृह जनपद में ट्रांसफर को लेकर फिलहाल 7 पहाड़ी जिलों में ही अनुमति दी है... जबकि टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा में भी यदि मुख्यालय पुलिसकर्मियों को गृह जनपद जाने की इजाजत देता है तो पहाड़ों पर जाने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद ज्यादा होगी... हालांकि पुलिसकर्मियों ने भी मुख्यालय में इस मांग को रखा है और मुख्यालय भी इस पर तमाम परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लेगा। लेकिन गृह जनपद के फार्मूले के बाद 500 कर्मी और उनके परिवारों के पहाड़ लौटने से वीरान गांव और बढ़ते पलायन पर जरूर असर पड़ेगा।

पीटीसी नवीन उनियाल देहरादून
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