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ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ने पर घबराने की जरूरत नहीं, सचेत करेगा SDRF का अर्ली वार्निंग सिस्टम

ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ने पर अब घबराने की जरूरत नहीं है. खतरे को देखते हुए SDRF ने वैली ब्रिज के पास अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किया है.

Rishiganga Early Warning System
Rishiganga Early Warning System
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Published : Jul 31, 2021, 2:57 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 3:11 PM IST

चमोली: बारिश के मौसम में ऋषिगंगा अक्सर उफान पर आ जाती है. रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी का बहाव तेज होने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो जाता है. नदी के तेज बहाव को देखते हुए SDRF ने ऋषिगंगा नदी के किनारे वैली ब्रिज के पास अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किया है. नदी का जल स्तर बढ़ने पर हूटर के बजने से लोगों को सचेत होने का संकेत समय से पहले मिलता है.

मॉनसून के दौरान अगर जलस्तर बढ़ता है और खतरे के निशान तक पहुंचता है तो अर्ली वॉर्निंग सिस्टम का सायरन बजने लगेगा. इस अलर्ट सिस्टम की मदद से ऐसी स्थिति में नदी के आसपास के इलाकों को 5 से 7 मिनट में तुरंत खाली कराया जा सकता है.

SDRF ने लगाया अर्ली वार्निंग सिस्टम.

पढ़ें- Tokyo Olympics 2020: हरिद्वार की वंदना कटारिया ने रचा इतिहास, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दागे 3 गोल

गौर हो कि पूर्व में भी तपोवन आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में SDRF ने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम स्थापित किया था, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले थे. इसकी उपयोगिता को देखते हुए इन्हें फिर से स्थापित किया गया है. जलस्तर बढ़ने पर त्वरित कार्य करते हुए समय रहते क्षेत्र को खाली कराया जा सकता है.

SDRF ने रैणी एवं अन्य संबंधित गांवों के प्रधानों से भी समन्वय स्थापित किया है. इस बारे में SDRF की ये टीमें ग्रामीणों को जागरूक भी कर रही हैं.

चमोली: बारिश के मौसम में ऋषिगंगा अक्सर उफान पर आ जाती है. रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी का बहाव तेज होने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो जाता है. नदी के तेज बहाव को देखते हुए SDRF ने ऋषिगंगा नदी के किनारे वैली ब्रिज के पास अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किया है. नदी का जल स्तर बढ़ने पर हूटर के बजने से लोगों को सचेत होने का संकेत समय से पहले मिलता है.

मॉनसून के दौरान अगर जलस्तर बढ़ता है और खतरे के निशान तक पहुंचता है तो अर्ली वॉर्निंग सिस्टम का सायरन बजने लगेगा. इस अलर्ट सिस्टम की मदद से ऐसी स्थिति में नदी के आसपास के इलाकों को 5 से 7 मिनट में तुरंत खाली कराया जा सकता है.

SDRF ने लगाया अर्ली वार्निंग सिस्टम.

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गौर हो कि पूर्व में भी तपोवन आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में SDRF ने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम स्थापित किया था, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले थे. इसकी उपयोगिता को देखते हुए इन्हें फिर से स्थापित किया गया है. जलस्तर बढ़ने पर त्वरित कार्य करते हुए समय रहते क्षेत्र को खाली कराया जा सकता है.

SDRF ने रैणी एवं अन्य संबंधित गांवों के प्रधानों से भी समन्वय स्थापित किया है. इस बारे में SDRF की ये टीमें ग्रामीणों को जागरूक भी कर रही हैं.

Last Updated : Jul 31, 2021, 3:11 PM IST
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