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7 महीने बाद औली में शुरू हुआ रोप-वे और चेयर लिफ्ट का संचालन - tourism resumed in Auli

औली में 7 महीने बाद रोप-वे और चेयर लिफ्ट का संचालन शुरू कर दिया गया है.

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औली में शुरू हुआ रोप-वे और चियर लिफ्ट का संचालन
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Published : Oct 8, 2020, 7:57 PM IST

चमोली: कोरोना और लॉकडाउन के सात महीने बाद एशिया की सबसे लंबी औली रोप-वे का संचालन शुरू हो गया है. अब एक बार फिर से पर्यटक रोप-वे से जोशीमठ और औली का दीदार कर सकेंगे. संचालन शुरू होने के पहले दिन रोप-वे से तीन और चेयर लिफ्ट से 6 लोग पर्यटन स्थल औली का दीदार करने पहुंचे.

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पहले दिन पहुंचे 6 लोग.

बता दें जोशीमठ से औली तक 4.15 किलोमीटर लंबा रोप-वे है, जो एशिया का सबसे लंबा रोप-वे है. इस रोप-वे पर 10 टावर हैं. यह रोप-वे साल 1994 से संचालित हो रहा है. रोप-वे और चेयर लिफ्ट से गढ़वाल मंडल विकास निगम का करोड़ों का राजस्व मिलता है.

पढ़ें- नमामि गंगे की टीम पहुंची ऋषिकेश, संजल झील की बनेगी डीपीआर

रोप-वे के केबिन में एक बार में 25 पर्यटक बैठ सकते हैं. रोप-वे के उपप्रबंधक दिनेश मलासी का कहना है कि पिछले 7 महीने से रोप-वे बंद था, जिसका अब संचालन शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यहां पर्यटन विभाग की सभी गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए रोप-वे और अन्य गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा इसका संचालन शुरू होने के बाद औली में पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद है.

औली में शुरू हुआ रोप-वे और चियर लिफ्ट का संचालन

क्यों खास है औली-जोशीमठ रोपवे

औली-जोशीमठ रोपवे करीब 4.15 किमी. लंबा है. इस रोपवे की आधारशिला साल 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी, जो वर्ष 1994 में बनकर तैयार हुआ था. देवदार के घने जंगलों के बीच से यह रोपवे दस टॉवरों से होकर गुज़रता है. जिग-जैक स्टाइल पर बने इस रोपवे में आठ नंबर टॉवर से उतरने-चढने की व्यवस्था है.

चमोली: कोरोना और लॉकडाउन के सात महीने बाद एशिया की सबसे लंबी औली रोप-वे का संचालन शुरू हो गया है. अब एक बार फिर से पर्यटक रोप-वे से जोशीमठ और औली का दीदार कर सकेंगे. संचालन शुरू होने के पहले दिन रोप-वे से तीन और चेयर लिफ्ट से 6 लोग पर्यटन स्थल औली का दीदार करने पहुंचे.

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पहले दिन पहुंचे 6 लोग.

बता दें जोशीमठ से औली तक 4.15 किलोमीटर लंबा रोप-वे है, जो एशिया का सबसे लंबा रोप-वे है. इस रोप-वे पर 10 टावर हैं. यह रोप-वे साल 1994 से संचालित हो रहा है. रोप-वे और चेयर लिफ्ट से गढ़वाल मंडल विकास निगम का करोड़ों का राजस्व मिलता है.

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रोप-वे के केबिन में एक बार में 25 पर्यटक बैठ सकते हैं. रोप-वे के उपप्रबंधक दिनेश मलासी का कहना है कि पिछले 7 महीने से रोप-वे बंद था, जिसका अब संचालन शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यहां पर्यटन विभाग की सभी गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए रोप-वे और अन्य गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा इसका संचालन शुरू होने के बाद औली में पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद है.

औली में शुरू हुआ रोप-वे और चियर लिफ्ट का संचालन

क्यों खास है औली-जोशीमठ रोपवे

औली-जोशीमठ रोपवे करीब 4.15 किमी. लंबा है. इस रोपवे की आधारशिला साल 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी, जो वर्ष 1994 में बनकर तैयार हुआ था. देवदार के घने जंगलों के बीच से यह रोपवे दस टॉवरों से होकर गुज़रता है. जिग-जैक स्टाइल पर बने इस रोपवे में आठ नंबर टॉवर से उतरने-चढने की व्यवस्था है.

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