चमोली: आपदा के 6 वें दिन भी तपोवन टनल और रैणी गांव के पास मलबे में दबे लोगों का कोई पता नहीं चल पाया है. आज लापता लोगों के परिजनों ने रैणी और तपोवन टनल के पास राहत बचाव कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों ने कहा कि रैणी गांव के पास ऋषिगंगा डैम साइट में मलबे के अंदर दबे लोगों को प्रशासन निकालने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. वहीं, दूसरी ओर आज जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने रैणी और तपोवन क्षेत्र में खोज बचाव कार्यों का निरीक्षण किया. रैणी क्षेत्र में मलबे में लापता लोगों की तलाश के लिए जिला प्रशासन ने अधिशासी अभियंता आरडब्ल्यूडी और तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम बनाई है, जो पुरानी फोटो के आधार और स्थानीय लोगों की मदद से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले लोगों की तलाश में जुटी हुई है.
आपदा स्थल पर ही धरने पर बैठे पीड़ित परिजन
रैणी और तपोवन क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी है. आपदा में लापता लोगों के परिजन अपनों की तलाश में तपोवन पहुंच रहे हैं. उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों से लापता लोगों के परिजन रैणी और तपोवन टनल के पास सुबह से शाम तक इस उम्मीद के साथ बैठे हैं कि उनके अपनों की एक बार उन्हें शक्ल दिख जाए. प्रशासन और सरकार के रवैये से नाराज परिजनों ने आज सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही वे रैणी स्थित आपदा स्थल पर ही धरने पर बैठे गये. जिसके बाद बीआरओ के चीफ इंजीनियर एके राठौड़ के मनाने पर भी परिजन नहीं माने .
पुरानी फोटो से होगी पहचान
बता दें जहां पर भी लोगों के दबे होने की आशंका है वहां एनडीआरएफ व कंपनी के लोगों के साथ मिलकर लापता लोगों की तलाश की जा रही है. जिला प्रशासन ने अधिशासी अभियंता आरडब्ल्यूडी और तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम बनाई है, जो पुरानी फोटो के आधार पर और स्थानीय लोगों की मदद से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले लोगों की तलाश में जुटी हुई है. सर्च टीम यहां पर एक्सवेटर मशीन व जेसीबी से मलबे की खुदाई कर रही है. वहीं, तपोवन में गौरी शंकर मंदिर के निकट एप्रोच रोड बनाई जा रही है ताकि पोकलैंड मशीन को नीचे उतार कर यहां पर मलबे में लापता लोगों की तलाश की जा सके. इसके अलावा यहां पर कॉपर डैम बनाकर पानी का बहाव टनल के अंदर जाने से रोका जा रहा है.