चमोलीः भगवान आदिबदरी धाम के कपाट मकर संक्रांति के पर्व पर पूरे विधि-विधान के साथ सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए गए हैं. अब श्रद्धालु आगामी 11 महीने तक भगवान आदिबदरी के दर्शन कर सकेंगे. इस मंदिर का कपाट पौष महीने यानी एक महीने के लिए बंद किया जाता है. वहीं, धाम को दो क्विंटल गेंदे के फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है.
मकर संक्रांति के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे भगवान नारायण की मूर्ति का प्रथम श्रृंगार मंदिर के पुजारी चक्रधर थपलियाल ने किया. श्रृंगार से पहले भगवान आदिबदरी के स्नान के लिए सप्तशिंधु के जल को सात कलशों में रखा गया. साथ ही भगवान को नए पीत वस्त्र, मुकुट और छत्र भी पहनाए गए. जिसके बाद पारंपरिक तरीके से मंदिर के कपाट खोल दिए गए. इस मंदिर के कपाट को एक महीने के लिए बंद कर दिया जाता है.
ये भी पढ़ेंः कुमाऊं में घुघुतिया त्योहार की धूम, पर्व की ये है रोचक कथा
वहीं, मंदिर समिति की ओर से गर्भ गृह में भगवान के श्रृंगार दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. जबकि, इस पल का साक्षी बनने के लिए दूर-दूर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. एक हफ्ते तक चलने वाले धार्मिक कार्यक्रमों और वार्षिक महाभिषेक की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं. जबकि, समारोह में अगले सात दिनों तक अनेक धार्मिक अनुष्ठान और भागवत कथा का भी आयोजन किया जाएगा.