चमोली: जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तहत थराली में नंदादेवी और गौरारादेवी आजीविका संघ की ओर से संचालित मंडुवा बिस्कुट यूनिट और चप्पल यूनिट का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने संघ के माध्यम से संचालित कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आजीविका संघ को मंडुवा बिस्कुट के अलावा यूनिट में पेस्ट्री, बर्थडे केक और अन्य बेकरी प्रोडक्ट भी तैयार कर प्रोजेक्ट को और विस्तृत करना चाहिए.
डीएम ने कहा कि आजीविका यूनिटों के वृहद स्तर पर संचालन के लिए हर संभव मदद की जाएगी. इसमें विद्युत कनेक्शन से जुड़ी समस्या को जल्द दूर किया जाएगा. साथ ही स्थानीय उत्पाद को बढ़ाने के लिए सभी ग्रुप सेंटर पर तीन फेस विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी. इस दौरान नंदादेवी आजीविका संघ ने थराली में होम स्टे संचालन की मांग रखी. जिस पर डीएम ने आजीविका संघ को प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा.
बता दें कि, आजीविका संघ ने अप्रैल माह से अगस्त तक 7,45,000 से अधिक का व्यवसाय किया है. इनोवेटिव गतिविधि के तहत आज उनके संघ ने 1,85,000 की लागत से थराली में चप्पल बनाने हेतु यूनिट स्थापित की है. जिसके माध्यम से संघ अपने सभी समूह सदस्यों के अलावा आजीविका परियोजना थराली एवं पोखरी में गठित अन्य 13 आजीविका संघों को हर महीने चप्पल विक्रय कर महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रहा है. आजीविका संघ के कर्मचारियों ने बताया कि यूनिट में प्रत्येक माह 300 से 500 जोड़ी चप्पल बनाये जा रहे हैं. वर्तमान तक आजीविका संघ को इस यूनिट से 95,500 का टर्नओवर हो चुका है.
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इसके अलावा गौरादेवी आजीविका संघ के माध्यम से कुलसारी में मंडुवा बिस्कुट यूनिट संचालित की जा रही है. जिससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. गौरादेवी आजीविका संघ के 8 गांवों के 52 उत्पादक समूहों के 355 सदस्यों के साथ कार्य कर लगभग 200 सदस्यों से 18 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम मंडुआ क्रय कर इस यूनिट को चला रही हैं. इस वित्तीय वर्ष में आजीविका संघ ने अभी तक कुल 6 लाख तक का टर्नओवर कर लिया है.