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नए शिक्षा सत्र के शुरू होने से पहले ही मार्केट से गायब हुई NCERT की बुक्स, पैरेंट्स परेशान

पांच अप्रैल से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है और पैरेंट्स एनसीईआरटी की किताबें खरीदने दुकानों तक पहुंच रहे हैं.

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Published : Mar 31, 2019, 8:54 PM IST

मार्केट में एनसीईआरटी की कीताबों में कमी.

देहरादून: पांच अप्रैल से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है और पैरेंट्स एनसीईआरटी की किताबें खरीदने दुकानों तक पहुंच रहे हैं. लेकिन राजधानी के कई बुक स्टोर्स में अभी भी एनसीईआरटी की किताबों की कमी चल रही है. जिसके चलते पैरेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मार्केट में एनसीईआरटी की कीताबों में कमी.

गौरतलब है कि साल 2018 में सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी थी. जिसके बाद पिछले साल भी अभिभावकों को किताबों के लिए इसी तरह भटकना पड़ा था. वहीं एक बार फिर कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है.

पढ़ें:लोकसभा चुनाव के सियासी रंग, कहीं हुए भावुक तो कहीं थिरकते दिखे प्रत्याशी

राजधानी देहरादून के कुछ बुक विक्रेताओं से जब हमने एनसीईआरटी की किताबों की उपलब्धता के संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि मार्केट में एनसीईआरटी की किताबों की डिमांड बढ़ चुकी है. लेकिन किताबों की सप्लाई अब भी कम है. यही कारण है कि उनकी दुकानों में एनसीईआरटी की किताबों की कमी चल रही है.

देहरादून: पांच अप्रैल से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है और पैरेंट्स एनसीईआरटी की किताबें खरीदने दुकानों तक पहुंच रहे हैं. लेकिन राजधानी के कई बुक स्टोर्स में अभी भी एनसीईआरटी की किताबों की कमी चल रही है. जिसके चलते पैरेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मार्केट में एनसीईआरटी की कीताबों में कमी.

गौरतलब है कि साल 2018 में सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी थी. जिसके बाद पिछले साल भी अभिभावकों को किताबों के लिए इसी तरह भटकना पड़ा था. वहीं एक बार फिर कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है.

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राजधानी देहरादून के कुछ बुक विक्रेताओं से जब हमने एनसीईआरटी की किताबों की उपलब्धता के संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि मार्केट में एनसीईआरटी की किताबों की डिमांड बढ़ चुकी है. लेकिन किताबों की सप्लाई अब भी कम है. यही कारण है कि उनकी दुकानों में एनसीईआरटी की किताबों की कमी चल रही है.

Intro:आगामी 5 अप्रैल से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में अब अभिभावकों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या नए शिक्षा सत्र के शुरू होने से पहले अपने बच्चों के लिए एनसीईआरटी (NCERT) की किताबें खरीदना है। दरअसल स्थिति कुछ यह है कि एक तरफ 5 अप्रैल अब दूर नहीं है ।वहीं दूसरी तरफ राजधानी के कई बुक स्टोर्स में आज भी एनसीईआरटी की किताबों का टोटा चल रहा है।


Body:राजधानी देहरादून के कुछ बुक विक्रेताओं से जब हमने एनसीईआरटी की किताबों की उपलब्धता के संबंध में बात की तो उनका कहना था कि 5 अप्रेल से नया शिक्षा सत्र शुरू होने के चलते इन दिनों मार्केट में एनसीईआरटी की किताबों की डिमांड अचानक ही बढ़ हो चुकी है। लेकिन किताबों की सप्लाई अब भी कम है । यही कारण है कि उनकी दुकानों में इन दिनों एनसीईआरटी की किताबों का टोटा चल रहा है। जिससे अभिभावकों को खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं । सब कुछ ठीक रहा तो 10 अप्रैल के बाद ही एनसीईआरटी की किताबों का भी टोटा खत्म हो पाएगा।

बाइट- बुक विक्रेता


Conclusion:गौरतलब है कि साल 2018 में सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी थी। जिसके बाद पिछले साल भी अभिभावकों को किताबों के लिए इसी तरह भटकना पड़ा था । वही इस बार भी एक बार फिर कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है । अब देखना यह होगा कि बाजारों में एनसीईआरटी की किताबें कब तक आसानी से उपलब्ध हो पाती हैं
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